Articles by "Dusshera"

2019 4G LTE 4G VoLTE 5G 7th Pay Commission Aadhaar Actor Wallpapers Actress Wallpaper Adriana Lima AdSense Ahoi Ashtami Airtel Airtel DTH Akshay Kumar Alcatel Alexa Rank Amazon Android Android Pie Android Q Anna university Antivirus Anushka Sharma apna csc online Apple Apps Army Army App Asthma Asus Atal Seva mirchpur Athletics Auto Auto Insurance Avengers Axis Bank Backlinks Badhajmi Bajaj Bang Bang Reloaded Bank Battery Bhai Dooj Katha Bhakti Bharti Bhumi Pednekar Big Bazaar Big TV Bing BlackBerry Blogger BlogSpot Bluetooth BoB Bollywood Boot Boxing Breathlessness Browser BSEH Bsnl Budget Budhvar Business buy Cable TV Camera Car Car Loan Card Less ATM Cash CBSE Celebrity CEO Chandra Grahan Channels Chest Pain Chhath chrome Clean WhatsApp Cache Common Service Centres (CSC) Mirchpur Hisar Haryana - Front of Jyoti Sen Sec School Mirchpur Comparisons Computer Coolpad Corona COVID 19 COVID 19 HARYANA Credit Cricket Crime CSC Cylinder Dama Dard Deepika Padukone Defence Detel Dhanteras Diamond Crypto DigiLocker App DigiPay App Digital India App Digital Indian Gov Dish TV Diwali DNS setting Domain Donate Doogee DTH DTH Activation DTH Installation DTH Plans in India Dusshera E-seva Kender mirchpur Earn Money Education Electronics Email Entertinment Ex-serviceman Extensions Facebook FASTag Fatigue Festivals FlicKr Flipkart Foldable Smartphone Food Foursquare Funny Gadgets Galaxy Galaxy S8 Game Ganesh ganesh chaturthi Gas Problems Gastric Problem Gharelu Gionee Gmail God Google Google + Google Assistant Google Drive Google Duo Google Pixel Google Tez Google Voice Google+ Govardhan Puja GroupMe GST GTA Guide GuruSatsang Guruvar Hamraaz hamraaz app hamraaz app download hamraaz army hamraaz army app hamraaz army app download Hamraaz Army App version 6 Apk Happy New Year Hariyali Teej Hartalika Teej Harvard University Haryana haryana csc online HDFC Bank Headphones Health Heart Attack Heart Fail Heart Problems Heart Stroke Heena Sidhu Hello App Help Hernia Hindi History Hockey Holi Holi Katha Hollywood Home Loan Honor HostGator Hosting Hrithik Roshan HTC Huawei humraaz app iBall IBM ICICI Bank Idea Ilaj India india vs china indian army app Indigestion Infinix InFocus Information Infosys Instagram Insurance Intel Internet Intex Mobile iPad iPhone iPhone 8 IPL IRCTC iVoomi Jan Dhan Account Janmashtami Japanese Encephalitis Javascript JBL Jio Jio GigaFiber Jio Meet JioPOS JioRail JioSaavn Jokes Kamjori Karbonn Kareena Kapoor Kartik Purnima Karva Chauth Karwa Chauth Kasam Tere Pyaar Ki Katrina Kaif Kendall Jenner Keywords Kimbho Kodak Kumkum Bhagya Kushth Rog Landline Laptop Lava Lenovo Leprosy LET Lethargy LG Library of Congress Lifestyle Linkedin Lisa Haydon Livejournal Liver Cancer Loans LPG Gas mAadhaar Macbook Maha Shivratri Makar Sankranti Map Market Mary Kom Massachusetts Institute of Technology Meizu Messages Mi Micromax Microsoft Mobile Modi Mokshada Ekadashi Money Motorcycles Motorola Movie Muscle Pain Music Myspace Narendra Modi Narsingh Jayanti Nature Naukri Navratri Nemonia Netflix Network News Nexus Nia Sharma Nokia Notifications Nuskhe OBC Ocean Office Offrs Ola Cab OMG OnePlus Online Opera Oppo Oreo Android Orkut OS OxygenOS Padmavati PagalWorld Pain Pain Sensation Pakistan PAN PAN Card Panasonic Passwords Patanjali Pay Payment Paypal Paytm PC PDF Peeda Pendrive Pension Personal Loan Pet Me Gas PF Phone Photo PHP Pila Bukhar Pinterest Pixel Plan PNB Bank Pneumonia PNR Poco Poster PPC Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Pradhanmantri Kisan Samman Nidhi Yojna Pradosh Pragya Jaiswal Prepaid Princeton University Printer Priyanka Chopra promote my youtube channel promote video on youtube cost promote youtube channel promote youtube channel free promote youtube video free PUBG Qualcomm Quora Quotes Race 3 Railway Rambha Tritiya Vrat RBI Realme Recruitment Redmi Relationship Religious Restore Results Review Rule Sai Dharam Tej Saina Nehwal Salman Khan Samsung Sanusha Satsang Video Sawan Somvar Vrat SBI Bank Script Sell SEO Serial Server Shabd Shahid Kapoor Shanivar Sharad Poornima Sharp Shiv Shopping Shreyasi Singh Shruti Haasan Signal Sim Smart Android TV Smartphones SMS Snapchat Social Software Somvar Sonakshi Sinha Sonam Kapoor Soney Songs Sony Xperia Space Speakers Specifications Sports Sql Stanford University State Bank of India Stickers Stomach Upset Story Sun Direct Sunny Leone Surabhi Sushant Singh Rajput Swadeshi Swas Rog Tata Sky Tax Tech Technology Tecno Telegram Telugu Thakan Tiger Shroff Tiger Zinda Hai Tips Tiredness Tollywood Tool Top Trending People Trading Trai TRAI Rules for cable TV Trailer Treatment Trends True Things Truecaller Tubelight Tulsi Vivah Tumblr Tv Twitter Typing Uber Umang App University of Oxford UP Board Upay Upchar Update USA USB Vacancies Valentines Day Verizon Vertu Viber Video Videocon d2h Videos Vijayadashami Viral Bukhar Viral Fever Virat Kohli Virgin Visas Vivo VLE Vodafone Voter Card VPN Vrat Katha Vrat Vidhi Wallpaper War Wayback Machine Weakness WhatsApp WhatsApp Cleaner WhatsApp Status WhatsApp stickers Wi-Fi WiFi Windows Windows 10 Wipro Wireless WordPress workstation WWE Xiaomi Xiaomi Mi 6 Yeh Hai Mohabbatein Yellow Fever Yo Yo Honey Singh Yoga yojna YotaPhone YouTube youtube promotion youtube promotion free ZTE अपच अस्थमा आलस्य इलाज उपचार उपाय उमंग ऐप कहानियाँ कुष्ठरोग कोरोना वायरस गुरुसत्संग घरेलू जन धन योजना जापानी इन्सेफेलाइटिस डिजिटल इंडिया डिजिटल इंडिया अप्प्स डिजिपे ऐप डिजीलॉकर ऐप थकान दमा दर्द निमोनिया नुस्ख़े पीड़ा पीतज्वर पीला बुखार पेट में गैस पैन कार्ड प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बदहज़मी भक्ति मांसपेशियों में दर्द लीवर कैंसर वायरल बुखार वोटर कार्ड शब्द सच्ची बातें सत्संग वीडियो सरसों सीने में दर्द स्कीम स्वास रोग हर्निया
Showing posts with label Dusshera. Show all posts

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। इसीलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि रामचंद्रजी ने रावण से 10 दिन तक युद्ध किया था। रावण को अपनी भूल सुधार के कई अवसर श्रीराम ने दिए और जब रावण ने अपनी गलती नहीं सुधारी तो श्रीराम ने उसका वध कर दिया। यहां कुछ सुंदर बधाई संदेश दिए गए हैं, आप इन संदेशों के जरिए अपने परिजनों को दशहरा की बधाई दे सकते हैं…

अधर्म पर धर्म की जीत

अधर्म पर धर्म की जीत
अधर्म पर धर्म की जीत
अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई,
जीत के इस त्योहार पर आप सभी को बधाई।।

अत्याचार पर सदाचार, क्रोध पर क्षमा की विजय,
शत्रुओं का नाश हो और आपकी हर तरफ जय।।
दशहरा की बहुत-बहुत बधाई।।

बुराई का हो जाए विनाश, दशहरा लाए नई आस,
विजय दशमी का त्योहार बन जाए आप सबके लिए खास।।

कुछ इसी अंदाज में दशहरा आपके लिए खास हो

कुछ इसी अंदाज में दशहरा आपके लिए खास हो
कुछ इसी अंदाज में दशहरा आपके लिए खास हो
आज हम सभी के अंदर की बुराई का नाश हो,
हमारे हृदय में ईश्वर का वास हो,
कुछ इसी अंदाज में दशहरा आपके लिए खास हो। बहुत-बहुत बधाई।।

हम सभी के अंदर के रावण का दहन हो,
राम के सदाचार जैसा हमारा रहन-सहन हो।
इसी कामना के साथ दशहरा की शुभकामनाएं।।

विजयदशमी की शुभकामनाएं

विजयदशमी की शुभकामनाएं
विजयदशमी की शुभकामनाएं
हम सब अपने अंदर के राम को जगाए,
रावण दहन के साथ दशहरा मनाएं।
आप सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं।।

दुर्गा पूजा से मिली है शक्ति, आओ सब मिलकर करें राम की भक्ति।
रावण का वध कर बुराई को मिटा दें, अपने दिलों से ईर्ष्या का भाव हटा दें।। हैपी दशहरा।।

ये वाट्सऐप मैसेज करें शेयर

ये वाट्सऐप मैसेज करें शेयर
ये वाट्सऐप मैसेज करें शेयर
लोगों से अपील है कि पटाखों से वायु व ध्वनि प्रदूषण होता हैं इसलिए दशहरे पर रावण को गला दबाकर मारे।

रावण वध की बधाईयां

रावण वध की बधाईयां
रावण वध की बधाईयां
मुझे तो हैप्पी दशहरा की इतनी बधाईयां मिल रही हैं जैसे रावण को मैंने ही मारा हो।

19 अक्टूबर (19 October) यानी शुक्रवार को दशहरा (Dussehra 2018) भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा. इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण (Ravana) का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी. मान्यता है कि नवरात्र के दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, इसलिए इस विजयदशमी (VijayaDashami) मनाई जाती है.

श्रीलंका में आज भी रामायण (Ramayana) से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जिनके बारे में हर कोई जानना चाहता है. श्रीलंका में कई ऐसे स्थान हैं जो बीते हुए रामायण काल के इतिहास की गवाही देते हैं. बता दें, रिसर्च में श्रीलंका में 50 ऐसे स्थल खोजने का दावा किया गया है जिनका संबंध रामायण से है. इसी रिसर्च में निकलकर आया है कि रावण का शव एक गुफा में रखा गया था. जो श्रीलंका रैगला के जंगलों के बीच मौजूद है. श्रीलंका का इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर और वहां के पर्यटन मंत्रालय ने मिलकर ये खोज की थी. आइए जानते हैं इस गुफा के बारे में...
Dussehra 2018: श्रीलंका की इस गुफा में रखा गया था रावण का शव! जानें क्या हुआ था वध के बाद
Dussehra 2018: श्रीलंका की इस गुफा में रखा गया था रावण का शव! जानें क्या हुआ था वध के बाद

इस बात को तो सभी जानते हैं कि जब भगवान श्रीराम और लंकाधिपति रावण के बीच युद्ध हुआ था, तब राम के हाथों रावण का वध हुआ था और यह भी जानते हैं कि रावण के अंतिम संस्कार के लिए उसके शव को रावण के भाई विभीषण को सौंपा गया था. विभीषण को लंकाधिपति रावण का शव सौंपे जाने के बाद रावण का अंतिम संस्कार हुआ भी था या नहीं इस बात को शायद कोई नहीं जानता है. दावा है कि यहां रावण की गुफा है, जहां उसने तपस्या की थी. मान जाता है कि उसी गुफा में रावण का शव रखा गया था. रैगला के इलाके में यह गुफा 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है. 

रावण ने यहां रखा था सीता को
मान्यताओं के मुताबिक, अशोक वाटिका वो जगह है जहां रावण ने माता सीता को रखा था. आज इस जगह को सेता एलीया के नाम से जाना जाता है, जो की नूवरा एलिया नामक जगह के पास स्थित है. यहां आज सीता का मंदिर है और पास ही एक झरना भी है. इस झरने के आसपास की चट्टानों पर हनुमान जी के पैरों के निशान भी मिलते हैं.

Dussehra or Vijayadashami: 19 अक्टूबर को वियजदशमी (Dasahara, Dusshera, Dasara, Dussehra, Dashain) मनाई जा रही है. इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाते हुए रावण के पुतले जलाए जाते हैं. रावण के पुतले के साथ ही उनके भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाद के भी पुतलों को आग दी जाती है. मान्यता है कि आज के दिन राम ने रावण की लंका को भस्म कर सीता को छुड़ा लिया था. भगवान राम और रावण के इस युद्ध में कुंभकरण और बेटे मेघनाद की ही मृत्यु हुई थी, लेकिन बाकि सभी सदस्य सुरक्षित रहे. जिन दो सदस्यों की हत्या हुई आज भी लोग रावण के उनके पुतलों को जलाते हैं, लेकिन उन बाकि सदस्यों के नाम तक कोई नहीं जानता कि रावण की मृत्यु के बाद उनकी कितनी पत्नियां विधवा हुई और कितने बच्चे अनाथ हुए. यहां दशहरे (Dusshera 2018) के मौके पर जानिए रावण की शादियों और उनके परिवार के सदस्यों के बारे में.
ऐसा था रावण का Family Tree: 3 पत्नियों से थे 7 पुत्र, सौतेला भाई था धन का राजा
ऐसा था रावण का Family Tree: 3 पत्नियों से थे 7 पुत्र, सौतेला भाई था धन का राजा

रावण के दादा-दादी

रावण के दादा ब्रह्मा के पुत्र महर्षि पुलस्त्य थे और दादी का नाम हविर्भुवा था.

रावण के नाना-नानी

रावण के नाना का नाम सुमाली था और नानी का नाम ताड़का था. 

रावण के माता-पिता

रावण के पिता का नाम ऋषि विश्वश्रवा और माता का नाम कैकसी था. कैकसी विश्वश्रवा की दूसरी पत्नी थीं. इससे पहले उनकी शादी इलाविडा थी, जिनसे रावण से पहले कुबेर का जन्म हुआ. 

रावण के भाई-बहन

रावण के 8 भाई-बहन थे.
रावण के सगे भाई-बहन - विभीषण, कुंभकरण, अहिरावण, खर, दूषण और दो बहनें सूर्पनखा और कुम्भिनी थीं.
रावण के सौतेले भाई - कुबेर (जो कि रावण से बड़े थे)

रावण की तीन पत्नियां

रावण की पहली पत्नी मंदोदरी, दूसरी पत्नी धन्यमालिनी और तीसरी पत्नी का नाम किसी को मालूम नहीं है. मंदोदरी राजा मायासुर और अप्सरा हेमी की पुत्री थीं. 

रावण के 7 पुत्र

प्रचलित कथाओं के मुताबिक रावण के सात पुत्र थे जिनमें से पहली पत्नी से मेघनाद (इंद्रजीत) और अक्षय कुमार. दूसरी पत्नी से त्रिशिरा और अतिकाय. तीसरी पत्नी से एक पुत्र प्रहस्था था.

बुराइयों के पर्याय राक्षस रावण पर विजय के उपलक्ष्य में विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। दशहरा का त्यौहार अश्चिन माह कृष्ण पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन लोग शस्त्र पूजा भी करते हैं जिससे कि दुश्मनों पर विजय प्राप्त की जा सके। लेकिन इसके अलावा भी कई उपाय हैं जिन्हें लोग संपन्नता और एेश्वैर्य पान के लिए अपनाते हैं। आगे जानें कौन से हैं ये उपाय-
दशहरा 2018: सफलता और धन पाने के लिए दशहरे पर करें ये 5 उपाय Dashera 2018, Measures of Dussehra
दशहरा 2018: सफलता और धन पाने के लिए दशहरे पर करें ये 5 उपाय Dashera 2018, Measures of Dussehra

दशहरा 2018: सफलता और धन पाने के लिए दशहरे पर करें ये 5 उपाय Dashera 2018, Measures of Dussehra

उपाय 1- दशहरे के दिन दोपहर को घर के ईशान कोने में चंदन, कुमकुम और पुष्प से अष्टदल कमल की आकृति बनाएं और देवी जया व वजिया का स्मरण कर उनका पूजन करें। इसके बाद शमी वृक्ष की पूजाकर वृक्ष के पास की थोड़ी मिट्टी लेकर अपने घर में रखें। माना जाता है कि ऐसा करने से रुके हुए काम बनते हैं और गरीबी नहीं आती।

उपाय 2- यदि आप कानूनी दांव पेंच से परेशान हैं या मुकदमों में फंसे हैं तो दशहरे को शमी के पेड़ की पूजा करें और शाम को उसके नीचे दीपक जलाएं। ऐसा करने से मुकदमों में विजय मिलती है और धन की प्राप्ति होती है।

उपाय 3- भगवान हनुमान संकटमोचन भी कहा जाता है। यदि आपके सामने किसी प्रकार का संकट है तो दशहरे के दिन सुबह गुड़ चने और शाम को लड्डुओं का भोग लगाकर प्रार्थना करें इससे हनुमान जी आपकी रक्षा करेंगे।

उपाय 4- किसी भी क्षेत्र में विजय पाने के लिए दशहरे के दिन देवी पूजन करें और उन्हें 10 फल चढ़ाकर गरीबों में बांटें। देवी मां को फल चढ़ाते वक्त  'ॐ विजयायै नम:'  मंत्र का जाप करें। यह उपाय आप दशहरे के दिन दोपहर को करें।

उपाय 5- किसी को अपने बुरे कार्यों के लिए यदि यमलोक का भय सता रहा हो तो दशहरे के दिन मां काली का ध्यान करते हुए उनसे क्षमा मांगें और काला तिल चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा हर साल करने से यमलोक की यातनाओं का भय नहीं सताता।

Dussehra 2018: 19 अक्टूबर को दशहरा या विजयदशमी (Dussehra or Vijayadashami) मनाई जाएगी. इस दिन भगवान राम ने रावण (Ravana) का वध कर सीता को उनके चंगुल से छुड़ा लिया था. बुराई पर अच्छाई की इस जीत का जश्न पूरी दुनिया मनाती है और सीता को उठाने के कारण रावण के पुतले को जलाया जाता है. रावण के इसी कर्म के कारण उनको पूरे विश्व में राक्षस का कहा जाने लगा, लेकिन रावण बहुत बड़े विद्वान थे. वह शिव जी के बहुत बड़े भक्त थे. इसी वजह से भारत में कई जगहों पर उनके नाम के मंदिर हैं जहां रावण को भगवान मानते हैं. यहां जानिए ऐसे ही छह मंदिरों के बारे में जहां रावण की पूजा की जाती है. 
Dussehra: राम नहीं भारत के इन 6 मंदिरों में होती है रावण की पूजा, दशहरे के दिन मनता है शोक
Dussehra: राम नहीं भारत के इन 6 मंदिरों में होती है रावण की पूजा, दशहरे के दिन मनता है शोक

1. बैजनाथ कस्बा, हिमाचल प्रदेश 

मान्यता है कि यहां पर रावण ने भगवान शिव की वर्षों तक कठोर तपस्या की थी. साथ ही यह भी माना जाता है कि बैजनाथ कस्बे से होकर ही रावण शिवलिंग लेकर लंका के लिए गुज़रे थे. यहां कोई रावण का मंदिर नहीं है, बल्कि कस्बे के साथ मौजूद यह मंदिर टूरिस्टों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. यहां रावण के पुतले नहीं जलाए जाते.

2. दशानन मंदिर, कानपुर, उत्तर प्रदेश

कानपुर के शिवाला क्षेत्र में मौजूद है दशानन मंदिर. साल में सिर्फ एक ही बार दशहरा के दौरान इस मंदिर के द्वार खोले जाते हैं. मंदिर में मौजूद रावण की मूर्ति का श्रृंगार कर आरती उतारी जाती है. सिर्फ इसी एक दिन भक्तों को मंदिर में आने की अनुमति होती है. भारी भीड़ में यहां लोग रावण के दर्शन के लिए आते हैं. लोगों की मान्यता है कि 1890 में बने इस मंदिर में तेल के दिए जलाने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. 

3. मंडोर, जोधपुर, राजस्थान

इस जगह को रावण का ससुराल माना जाता है. यहां रावण की पहली पत्नी मंदोदरी को बेटी मानते हैं. इसके अलावा यहां मौजूद श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोग रावण की कुलदेवी खरानना की पूजा करते हैं और खुद को रावण का वंशज बताते हैं. मंडोर में रावण और मंदोदरी का मंदिर भी है. दशहरे के दिन रावण की मृत्यु और मंदोदरी के विधवा होने की वजह से यहां के लोग विजय दशमी के दिन शोक मनाते हैं. 

4. विदिशा, मध्य प्रदेश

इस जगह को भी मंदोदरी का जन्म स्थान मानते हैं. दशहरे के दिन लोग यहां मौजूद 10 फीट लंबी रावण की प्रतिमा की पूजा करते हैं. इसके साथ ही शादियों जैसे शुभ अवसर पर भी इस मूर्ति का आर्शीवाद लेते हैं. 

5. मंदसौर, मध्य प्रदेश

विदिशा की ही तरह मंदसौर में भी रावण की पूजा की जाती है. इस जगह मौजूद मंदिर को मध्य प्रदेश में बना रावण का पहला मंदिर माना जाता है. यहां रावण रुण्डी नाम से रावण की विशाल मूर्ति भी मौजूद है, जिसकी पूजा की जाती है. महिलाएं इस मूर्ति से सामने से घूंघट करके निकलती हैं. मान्यताओं के अनुसार रावण को मंदसौर का दामाद माना जाता है. मंदोदरी के नाम पर ही इस जगह का नाम मंदसौर पड़ा, 

6. लंकेश्वर महोत्सव (फसल महोत्सव), कोलार, कर्नाटक

यहां लंकेश्वर महोत्सव के दौरान रावण की पूजा के साथ-साथ जुलूस भी निकाला जाता है. जुलूस में रावण के साथ भगवान शिव की मूर्ति को भी घुमाया जाता है. मान्यता है कि रावण के भगवान शिव का परम भक्त होने के चलते यहां रावण की पूजा की जाती है. कोलार के लिए मंडया जिले में मालवल्ली तहसील में रावण का एक मंदिर भी है. 

दशहरा (Dussehra, Dusshera) या विजयदशमी (Vijaydashmi) हिन्‍दुओं का प्रमुख त्‍योहार है. यह असत्‍य पर सत्‍य और बुराई पर अच्‍छाई की व‍िजय का प्रतीक है. मान्‍यता है कि भगवान श्री राम (Sri Ram) ने दशमी के दिन 10 सिर वाले अधर्मी रावण (Ravana) को मार गिराया था. यही नहीं इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) ने महिषासुर नाम के दानव का वध कर उसके आतंक से देवताओं को मुक्‍त किया था. नवरात्रि (Navratri) के नौ दिनों के बाद 10वें दिन नौ शक्तियों के विजय के उत्‍सव के रूप में विजयदशमी मनाई जाती है.
Dussehra 2018: जानिए दशहरा की तिथि, विजय मुहूर्त, महत्‍व और परंपराओं के बारे में सब कुछ

दशहरा का महत्‍व 

दशहरा का धार्मिक महत्‍व तो है ही लेकिन यह त्‍योहार आज भी बेहद प्रासंगिक है. यह पर्व बुराई पर अच्‍छाई का प्रतीक है. आज भी कई बुराइयों के रूप में रावण जिंदा है. यह त्‍योहार हमें हर साल याद दिलाता है कि हम बुराई रूपी रावण का नाश करके ही जीवन को बेहतर बना सकते हैं. महंगाई, भ्रष्‍टाचार, व्‍यभिचार, बेईमानी, हिंसा, भेदभाव, ईर्ष्‍या-द्वेष, पर्यावरण प्रदूषण, यौन हिंसा और यौन शोषण जैसी तमाम ऐसी बुराइयां हैं जो आज भी अपना अट्ठाहस कर मानवता और सभ्‍य समाज को चुनौती दे रही हैं. ऐसे में जरूरी है कि हम दशहरा के दिन इनको जड़ से खत्‍म करने का संकल्‍प लें. तभी हम सही मायनों में दशहरा की महत्ता को समझ पाएंगे.

दशहरा कब मनाया जाता है?

शरद नवरात्र के 10वें दिन और दीपावली से ठीक 20 दिन पहले दशहरा आता है. हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयदशमी या दशहरे का त्‍योहार मनाया जाता है. इस बार दशहरा 19 अक्‍टूबर को है. 

दशहरा की तिथि और शुभ मुहूर्त 

दशमी तिथि प्रारंभ: 18 अक्‍टूबर को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट
दशमी तिथि समाप्‍त: 19 अक्‍टूबर को शाम 05 बजकर 57 मिनट तक

विजय मुहूर्त:  19 अक्‍टूबर को दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक. 
अपराह्न पूजा का समय: 19 अक्‍टूबर को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक. 

दशहरा के दिन पूजा की परंपरा 
दशहरा का विजय मुहूर्त सर्वकार्य सिद्धिदायक होता है. मान्‍यता है कि शत्रु पर विजय प्राप्‍त करने के लिए इसी समय निकलना चाहिए. विजय मुहूर्त में गाड़ी, इलेक्‍ट्रॉनिक सामान, आभूषण और वस्‍त्र खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस मुहूर्त में कोई भी नया काम किया जाए तो सफलता अवश्‍य मिलती है. इस दिन शस्‍त्र पूजा के साथ ही शमी के पेड़ की पूजा की जाती है. साथ ही रावण दहन के बाद थोड़ी सी राख को घर में रखना शुभ माना जाता है.

क्‍यों मनाया जाता है दशहरा? 

दशहरा मनाए जाने को लेकर कई मान्‍यताएं प्रचलित हैं:
- एक कथा के मुताबिक महिषासुर नाम का एक बड़ा शक्तिशाली राक्षस था. उसने अमर होने के लिए ब्रह्मा की कठोर तपस्या की. ब्रह्माजी ने उसकी तपस्‍या से खुश होकर उससे वरदान मांगने के लिए कहा. मह‍िषासुर ने अमर होने का वरदान मांगा. इस पर ब्रह्माजी ने उससे कहा कि जो इस संसार में पैदा हुआ है उसकी मृत्‍यु निश्चित है इसलिए जीवन और मृत्यु को छोड़कर जो चाहे मांग सकते हो. ब्रह्मा की बातें सुनकर महिषासुर ने कहा कि फिर उसे ऐसा वरदान चाहिए कि उसकी मृत्‍यु देवता और मनुष्‍य के बजाए किसी स्‍त्री के हाथों हो. ब्रह्माजी से ऐसा वरदान पाकर महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया और उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया. देवता युद्ध हार गए और देवलोकर पर महिषासुर का राज हो गया.

महिषासुर से रक्षा करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना की. इस दौरान सभी देवताओं के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया. शस्‍त्रों से सुसज्जित मां दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक भीषण युद्ध करने के बाद 10वें दिन उसका वध कर दिया. इसलिए इस दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है. महिषासुर का नाश करने की वजह से दुर्गा मां महिषासुरमर्दिनी नाम से प्रसिद्ध हो गईं.

- एक दूसरी कथा के मुताबिक भगवान श्री राम ने लगातार नौ दिनों तक लंका में रहकर रावण से युद्ध किया. फिर 10वें दिन उन्‍होंने रावण की नाभ‍ि में तीर मारकर उसका वध कर दिया था. कहते हैं कि भगवान श्री राम ने मां दूर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था. श्री राम की परीक्षा लेते हुए मां दुर्गा ने पूजा के लिए रखे गए कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया. राम को कमल नयन कहा जाता था इसलिए उन्होंने अपना एक नेत्र मां को अर्पण करने का निर्णय लिया. ज्यों ही वह अपना नेत्र निकालने लगे देवी प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुईं और विजयी होने का वरदान दिया. फिर दशमी के दिन श्री राम ने रावण का वध कर दिया.

कैसे मनाया जाता है दशहरा का त्‍योहार?

दशहरा का त्‍योहार देश भर में पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. मैसूर और कुल्‍लू का दशहरा तो दुनिया भर में मशहूर है. नवरात्रि के नौ दिनों बाद 10वें दिन देश के अलग-अलग कोनों में रावण दहन और मेलों का आयोजन होता है. इस दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं. दशमी के दिन दुर्गा पंडालों पर विशेष पूजा होती है. स्त्रियां मां दुर्गा को सिंदूर चढ़ाती हैं और फिर एक-दूसरे को भी सिंदूर लगाती हैं. इसे सिंदूर खेला कहा जाता है. इसके बाद दुर्गा मां की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है. इस दिन क्षत्रिय शस्‍त्र पूजा करते हैं, जबकि ब्राह्मण शास्‍त्रों का पूजन करते हैं. वहीं व्‍यापार से जुड़े वैश्‍य लोग अपने प्रतिष्‍ठान और गल्‍ले की पूजा करते हैं. साथ ही नई दुकान या कारोबार का शुभारंभ भी करते हैं. दरअसल, प्राचीन काल में क्षत्रिय युद्ध पर जाने के लिए इस दिन का ही चुनाव करते थे. ब्राह्मण दशहरा के ही दिन विद्या ग्रहण करने के लिए अपने घर से निकलता था. मान्‍यता है कि दशहरा के दिन शुरू किए गए काम में विजय अवश्‍य मिलती है. विजयदशमी पर शमी के वृक्ष की पूजा का भी विधान है.

मैसूर का दशहरा 

कर्नाटक के मैसूर का दशहरा सिर्फ भारत में नहीं बल्‍कि पूरी दुनिया में मशहूर है. 10 दिनों तक मनाया जाने वाला मैसूर का दशहरा उत्‍सव देवी दुर्गा के स्‍वरूप चामुंडेश्‍वरी द्वारा महिषासुर के वध का प्रतीक है. मैसूर में दशहरा मनाए जाने की परंपरा 600 सालों से भी ज्‍यादा पुरानी है. यहां दशहरा उत्‍सव के दौरान चामुंडेश्‍वरी मंदिर और मैसूर महल को भव्‍य तरीके से सजाया जाता है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. विजयदशमी के मौके पर मैसूर का राज दरबार आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है. पूरे 10 दिनों तक धूमधाम से उत्‍सव मनाया जाता है. 10वें दिन के उत्‍सव को जम्‍बू सवारी या अम्‍बराज कहा जाता है. इस दिन 'बलराम' नाम के हाथी और अन्‍य 11 गजराज को विशेष रूप से सजाया जाता है. बलराम के सुनहरे हौदे पर सवार होकर मां चामुंडेश्वरी नगर भ्रमण के लिए निकलती हैं. इस 750 किलो वजन के हौदे की खासियत यह है कि इसमें लगभग 80 किलो सोना लगा हुआ है. हौदे पर बेहद खूबसूरत नक्‍काशी की गई है. आपको बता दें कि साल में एक ही बार मां चामुंडेश्वरी की प्रतिमा नगर भ्रमण के लिए निकलती है.

कुल्‍लू का दशहरा 

हिमाचल प्रदेश के कुल्‍लू का दशहरा देश भर में काफी लोकप्रिय है. इस त्‍योहार को यहां 'दशमी' के नाम से जाना जाता है. यहां दशहरा एक दिन नहीं बल्‍कि सात दिन मनाया जाता है. कुल्‍लू में दशहरा विजयदशमी से शुरू होकर अगले सात दिनों तक चलता है. यहां दशहरे की तैय‍ारियां अश्विन महीने के पहले 15 दिनों से ही शुरू हो जाती हैं. सबसे पहले यहां के राजा सभी देवी-देवताओं को रघुनाथ जी के सम्‍मान में यज्ञ का न्‍योता देकर धालपुर घाटी बुलाते हैं. दशमी के दिन 100 से ज्‍यादा देवी-देवताओं को सजी हुई पालकियों में बैठाया जाता है. इन सात दिनों में रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. रथ में रघुनाथ जी, माता सीता और हिडिंबा देवी की प्रतिमाओं को बैठाया जाता है. उत्‍सव के छठे दिन सभी देवी-देवता एक जगह मिलते हैं जिसे 'मोहल्‍ला' कहा जाता है. सातवें दिन व्‍यास नदी के किनारे लंका दहन होता है. यहां रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला नहीं जलाया जाता, बल्‍कि काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार के नाश के प्रतीक के तौर पर पांच पशुओं की बलि दी जाती है. इसके बाद रथ को फिर से रघुनाथ जी के मंदिर में पुनर्स्‍थापित कर दशहरे का समापन किया जाता है.

Digitalindiagov.com

Satish Kumar

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.