Corona World LIVE : भारत समेत दो दर्जन देश लॉकडाउन, दुनिया की 20 फीसदी आबादी घरों में कैद : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते दुनिया थमने के कगार पर पहुंच चुकी है। तेजी से आते नए मामलों और लगातार बढ़ती मृतकों की संख्या से पूरा विश्व जूझ रहा है। अब तक 21,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना को और फैलने से रोकने के लिए 200 करोड़ से अधिक लोगों को उनके घरों में ‘कैद’ कर दिया गया है। यानी दुनिया की 20 फीसदी आबादी घरों में रहने को मजबूर है। यूरोप समेत कई देशों ने अपनी सीमाएं सील कर आवाजाही पूरी तरह से रोक दी है। भारत ही नहीं, इटली, स्पेन और फ्रांस समेत दो दर्जन देशों में लॉकडाउन है।
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India Lock Down : दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल, देश में बनी कोरोना जांच किट |
कोरोना वायरस: पहली बार देश में बनी कोरोना जांच किट, एक से 100 लोगों की जांच
कोरोना वायरस की जांच के लिए पुणे की मायलैब को वाणिज्यक उत्पादन के लिए सोमवार को अनुमति मिल गई। किट बनाने की अनुमति पाने वाली देश की यह पहली कंपनी है। लैब ने ‘माय लैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वॉलिटेटिव पीसीआर किट’ केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से अनुमति मिली है। कंपनी का दावा है कि एक किट से 1000 लोगों की जांच संभव है। अभी एक लैब में औसतन दिनभर में 100 नमूनों की जांच होती है।
जी-20 शिखर सम्मेलन आज, कोरोना से जंग को वैश्विक लड़ाई में बदलने का आह्वान करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
सऊदी अरब में बृहस्पतिवार से जी-20 देशों का आपातकालीन शिखर सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब के सुलतान सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद करेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई शीर्ष नेता कोरोनावायरस महामारी से निपटने के समन्वित उपायों पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को वैश्विक लड़ाई में बदलना चाहते है, जहां प्रतिभागी देश अपने चिकित्सा ज्ञान और संसाधनों में तालमेल की मदद से वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकें।
IndiaLockdown : 80 करोड़ लोगों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल देगी सरकार
कोरोना महामारी से बचने के लिए उठाए जा रहे सख्त कदमों के बीच केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को आम लोगों के लिए राहत की खबर आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 80 करोड़ लोगों को दो रुपये किलो गेहूं-तीन रुपये किलो चावल देने का फैसला किया है। सभी लोगों को तीन महीने का राशन एडवांस में दिया जाएगा।
पीएम मोदी बोले वायरस को रोकने की छोटी सी कीमत है लॉकडाउन, डॉक्टरों को बताया भगवान
डॉक्टरों-नर्सों से घर खाली कराने वाले मकान मालिकों पर होगी सख्त कार्रवाई, गृहमंत्री ने दिए आदेश
1. गृह मंत्री ने देशभर के जिलाधिकारियों को दिया कार्रवाई का आदेश
2. एम्स के डॉक्टर को घर से निकालने को सरकार ने गंभीरता से लिया
3. दिल्ली सरकार ने ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई को कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि तीन हफ्ते की संपूर्ण देशबंदी वायरस के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए एक छोटी सी कीमत है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उनके इस निर्णय से लोगों को असुविधा होगी। अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के प्रतिनिनिधियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने उन मुद्दों पर बात की जो लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को भगवान के बराबर बताया।
अर्द्धसैनिक बलों के 32 अस्पताल सरकार के नियंत्रण में, केवल कोरोना पीड़ितों का होगा इलाज
देश में अर्द्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के 32 अस्पतालों को सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि करीब 1900 बिस्तरों की कुल क्षमता वाले इन अस्पतालों का इस्तेमाल सरकार कोरोन वायरस से पीड़ित मरीजों के आइसोलेशन और इलाज के लिए करेगी। अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में सचिव (सीमा प्रबंधन) की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय बैठक के बाद इन सुरक्षा बलों के अस्पतालों का ‘तत्काल’ उपयोग करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सभी सुरक्षा बलों के चिकित्सकीय विंग की तरफ से अपने अपने अस्पताल को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी की तरफ से संचालित इन 32 अस्पतालों में कुल 1890 बिस्तर मौजूद हैं। आदेश में कहा गया है कि प्रशिक्षित स्टाफ और विशेष उपकरणों की ‘भारी कमी’ से जूझ रहे इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों और वेंटिलेटर व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ड्यूटी पर उपयोग किए जाने वाले निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) सरीखे मेडिकल उपकरण भेजे जा रहे हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि इन अस्पतालों में पहले से भर्ती सुरक्षा बलों के जवान या उनके परिजनों को कहीं अन्य जगह शिफ्ट करने का इंतजाम किया जाए, ताकि कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ने पर परेशानी न हो।
कोरोना वायरस : भवन निर्माण मजदूरों को सेस फंड से रकम भेजने के निर्देश, सीधे खाते में आएगी राशि
कोरोना वायरस के चलते तीन हफ्ते के लॉकडाउन में लोगों को परेशानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को असंगठित भवन निर्माण कारीगरों और मजदूरों के लिए सेस फंड का रकम जारी करने का निर्देश दिया है। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और उससे जुड़ी गतिविधियों को लॉकडाउन के दायरे से बाहर रखा गया है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को कानूनी प्रावधान के तहत एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, कारीगरों और मजदूरों को एक निश्चित राशि डीबीटी के जरिए सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। असंगठित क्षेत्र के ये मजदूर और कारीगर रोज के दिहाड़ी से अपना जीवन यापन करते हैं। लॉकडाउन से इनकेजीवनयापन का स्रोत रुक गया है। मंत्रालय के मुताबिक लेबर वेलफेयर बोर्ड में सेस के तहत 52,000 करोड़ रुपये जमा हैं। इस बोर्ड में 3.5 करोड़ मजदूर और कारीगर पंजीकृत हैं।