लालच / हजार रुपए के लिए कर्मचारी-पेंशनधारक बुजुर्गों ने लेबर बनकर किया आवेदन
असंगठित श्रमिकों को एक हजार रुपए प्रति सप्ताह देने की घोषणा पर फर्जीवाड़ा
4.56 लाख आवेदनों में 3.15 लाख हुए रिजेक्ट, आवेदन की चेकिंग में मिला फर्जीवाड़ा
राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन में पूरा प्रदेश बंद करने पर रजिस्टर्ड लेबर के साथ अनऑर्गेनाइज्ड लेबर को भी आर्थिक मदद देने की घोषणा क्या कि, इसका फायदा उठाने के लिए ज्यादा उन लोगों ने आवेदन कर दिया, जो किसी न किसी सरकारी योजना का फायदा ले रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि साप्ताहिक एक हजार रुपए के लिए आवेदन करने वालों में कर्मचारी, बुजुर्ग पेंशनधारक भी शामिल हैं। राज्य में 15 कर्मचारियों ने भी खुद को अनऑर्गेनाइज्ड लेबर दिखाकर आवेदन किया है। इसका खुलासा जांच में हुआ है।
बुजुर्ग पेंशन लेने वालों ने खुद को मजदूर बताया
आवेदन करने वाले कर्मचारी अम्बाला, फतेहाबाद, हिसार, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, नूंह, पलवल, रेवाड़ी, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर से हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। इनके अलावा 10 हजार से ज्यादा बुजुर्गों ने खुद को मजदूर बताया है, जो बुजुर्ग पेंशन ले रहे हैं। अब तक खुद को अनऑर्गेनाइज्ड लेबर बताते हुए 4,72,125 लोगों ने आवेदन किया है। इनमें 3,15,509 आवेदन फर्जी पाए गए हैं। इनमें गृहणियां भी शामिल हैं, जबकि अभी 1,56,616 की जांच बाकी है। ऐसे में यह भी कयास लगाया गया है कि बाकी रहे आवेदनों में भी गड़बडी मिल सकती है।
ट्रेसिंग सिस्टम से पकड़ में आया मामला
राज्य सरकार की ओर से अनऑर्गेनाइज्ड लेबर के लिए डीसी के पास आवेदन करने को पोर्टल बनाया हुआ है। आवेदन के वक्त सभी जानकारी अपलोड करनी होती है, ताकि आवेदनकर्ता की पूरी सूचना मिल जाए। इसके बाद आवेदन की जांच हो रही है। इसके लिए सरकार ने कंप्यूटर से ट्रेसिंग सिस्टम बनाया हुआ है। आधार से लिंक होने पर यह खुलासा हुआ है।
इन 10 जिलों में सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन
फरीदाबाद, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, हिसार, सोनीपत, झज्जर, अम्बाला, करनाल व जींद में सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन किए हैं।
अभी भी इस मामले पर चल रही है जांच
हमने चेकिंग का पूरा सिस्टम बनाया हुआ है। अनऑर्गेनाइज्ड लेबर के ऑनलाइन आवेदन आए, तो उनकी चेकिंग गई। जिसमें तीन लाख से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट किए हैं। क्योंकि उनमें कोई पहले से ही दूसरी स्कीम से जुड़ा है तो कुछ की जानकारी ही अधूरी है। कुछ कर्मचारियों के नाम भी आएं हैं। अभी बाकी की भी जांच चल रही है। - वी उमाशंकर, एडिशनल पीएसटूसीएम, हरियाणा