गुरुसत्संग : शब्द : जन्म-2 से रहो दुखीयारो,बनो काल को बैल - Janm-2 se Raho Dukheeyaaro,Bano Kaal ko Bail : GuruSatsang
🌷 *GuruSatsang*🌷
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शब्द : जन्म-2 से रहो दुखीयारो,बनो काल को बैल - Janm-2 se Raho Dukheeyaaro,Bano Kaal ko Bail : GuruSatsang |
1. जन्म-2 से रहो दुखीयारो,बनो काल को बैल ।
काल कमाई काम ना आई, रहो घाणी के बैल ।।
2.ऐसा नाम सुनाया मेरे दाता,पाया नीज घर का भेद ।
बिना शीश का चालना , ये घर जाने की गैल ।।
3. ऐसा खेल बताया मेरे दाता, खेलू रोज हमेश ।
सुरत शब्द का सहज साधन, दीप जलै बिन तेल ।।
4.साहिब कंवर मिले दयालु,करी दया की मेहर ।
दासलीलू अब होया निश्चय, रही ना यम की पैल।।
🌷 *GuruSatsang*🌷