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हर्निया (Hernia) में पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और उसी कमजोर जगह से आंतें बाहर निकल आती हैं। यह समस्या पुरुषों व महिलाओं दोनों में हो सकती है, किन्तु पुरुषों में अधिक पाई जाती है। अधिकाँश मामलों में पुरुषों में हर्निया कमर के भाग में होता है। यह कमर की मांसपेशियों में कमज़ोरी आने पर होता है।
हर्निया (Hernia)
हर्निया (Hernia)
पचास साल की आयु के बाद यह समस्या अधिक देखी गई है। डॉक्टरों के अनुसार शरीर के आंतरिक अंगों का विकास बाहरी तरफ की दीवार की ओर होने के कारण हर्निया होता है। हर्निया की समस्या जन्मजात भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में इसे जन्मजात हर्निया (Congenital Hernia) कहते हैं। 

हर्निया के लक्षण

  • किसी भारी वस्तु के उठाने पर पेट में सूजन का उभर आना,
  • पेट की चर्बी या आँतों का बाहर की ओर निकलना,
  • पेट के निचले भाग में उभार या सूजन महसूस होना
  • पेट में फुलावट, दर्द और भारीपन,
  • मल-मूत्र त्यागने में परेशानी
  • लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने में दर्द महसूस होना,

हर्निया होने के कुछ संभावित कारण (Causes of Hernia)

  • पैदाइशी तौर पर
  • बढ़ती उम्र
  • चोट लगना
  • पुराना ऑपरेशन
  • भारी वजन उठाना
  • पुरानी खाँसी
  • मोटापा (Obesity)
  • कब्ज
  • पेशाब में रुकावट
  • गर्भावस्था
  • पेट की मांसपेशियों की कमजोरी
  • पेट की मांसपेशियों में विकार
  • आनुवंशिकता (Hereditiary)

सामान्य उपचार

हर्निया का इलाज (Treatment of Hernia)

हर्निया का एकमात्र सफल और कारगर उपाय ओपन और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के रूप में उपलब्ध है।
90 प्रतिशत मामलों में हर्निया दोबारा नहीं होता, लेकिन दस प्रतिशत लोगों में ऑपरेशन के बाद फिर से हर्निया की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए डॉक्टर के निर्देशानुसार सावधानी बरतें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से मुलाकात करने में न हिचकें।

हर्निया के इलाज के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies For Hernia)

पेट की मांसपेशिया या कहें पेट की दीवार कमजोर हो जाने से जब आंत बाहर निकल आती है तो उसे हर्निया कहते हैं। वहां एक उभार हो जाता है, जिसे आसानी से देखा जा सकता है। लंबे समय से खांसते रहने या लगातार भारी सामान उठाने से भी पेट की मांसपेशिया कमजोर हो जाती है। ऐसी स्थिति में हर्निया की संभावना बढ़ जाती है। इसके कोई खास लक्षण नहीं होते हैं लेकिन कुछ लोग सूजन और दर्द का अनुभव करते हैं, जो खड़े होने पर और मांसपेशियों में खिंचाव होने या कुछ भारी सामान उठाने पर बढ़ सकता है।

हर्निया की समस्या जन्मजात भी हो सकती है। इसे कॉनजेनाइटल हर्निया कहते हैं। हर्निया एक वक्त के बाद किसी को भी हो सकता है और बिना सर्जरी के ठीक भी नहीं हो सकता। इसमें पेट की त्वचा के नीचे एक असामान्य उभार आ जाता है, जो नाभि के नीचे होता है। आंत का एक हिस्सा पेट की मांसपेशियों के एक कमजोर हिस्से से बाहर आ जाता है। इसके अलावा इंगुइंल हर्निया, फेमोरल हर्निया, एपिगास्त्रिक हर्निया, एम्ब्लाइकल हर्निया भी होता है, जो बहुत कम दिखता है। 

हर्निया के घरेलू इलाज (Home Remedies for Hernia)

अगर हर्निया बड़ी हो, उसमें सूजन हो और काफी दर्द हो रहा हो तो बिना सर्जरी के इसका इलाज संभव नहीं है। लोकिन हर्निया के लक्षण पता लगने पर आप उसे घरेलू इलाज से कम कर सकते हैं। हालांकि, इन घरेलू उपायों से सिर्फ प्राथमिक इलाज ही संभव है और इसे आजमाने पर कभी उल्टे परिणाम भी हो सकते हैं। इसलिए घरेलू इलाज आजमाने से पहले डॉक्टर से जरुर संपर्क कर लें। 

मुलैठी (Licorice)

कफ, खांसी में मुलैठी तो रामबाण की तरह काम करता है और आजमाय हुआ भी है। हर्निया के इलाज में भी अब यह कारगर साबित होने लगा है, खासकर पेट में जब हर्निया निकलने के बाद रेखाएं पड़ जाती है तब इसे आजमाएं।

अदरक के जड़ (Ginger Root)

अदरक की जड़ पेट में गैस्ट्रिक एसिड और बाइल जूस से हुए नुकसान से सुरक्षा करता है। यह हर्निया से हुए दर्द में भी काम करता है।

बबूने का फूल (Chamomile)

पेट में हर्निया आने से एसिडिटी और गैस काफी बनने लगती है। इस स्थिति मेंम बबूने के फूल के सेवन से काफी आराम मिलता है। यह पाचन तंत्र को ठीक करता है और एसिड बनने की प्रक्रिया को कम करता है।

मार्श मैलो (Marshmallow)

यह एक जंगली औषधि है जो काफी मीठी होती है। इसके जड़ के काफी औषधीय गुण हैं। यह पाचन को ठीक करता है और पेट-आंत में एसिड बनने की प्रक्रिया को कम करता है। हर्निया में भी यह काफी आराम पहुंचाता है।

हावथोर्निया (Hawthornia)

यह एक हर्बल सप्लीमेंट है जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और पेट के अंदर के अंगों की सुरक्षा करती है। यह हर्निया को निकलने से रोकने में काफी कारगर है। हावथोर्निया में Citrus Seed, Hawthorn और Fennel मिली होती है।

एक्यूपंक्चर (Acupuncture)

हर्निया के दर्द में एक्यूपंक्चर काफी आराम पहुंचाता है। खास नर्व पर दबाव से हर्निया का दर्द कम होता है।

बर्फ (Ice)

बर्फ से हर्निया वाले जगह दबाने पर काफी आराम मिलता है और सूजन भी कम होती है। यह सबसे ज्यादा प्रचलन में है।

हर्निया में इन चीजों को नहीं करें (Don’ts in Hernia)

  • प्रभावित जगह को कभी भी गर्म कपड़े या किसी भी गर्म पदार्थ से सेंक नहीं दें।
  • हर्निया में कसरत करने से परहेज करें।
  • हर्निया में ज्यादा तंग और टाइट कपड़ें नहीं पहनें।
  • बेड पर अपने तकिए को 6 इंच उपर रखें, ताकि पेट में सोते समय एसिड और गैस नहीं बन पाए।
  • एक ही बार ज्यादा मत खाएं, थोड़ी-थोड़ी देर पर हल्का भोजन लें।
  • खाने के तुरंत बाद झुकें नहीं।
  • शराब पीना पूरी तरह बंद कर दें।

दर्द (Pain)
दर्द (Pain)
स्नायु तंत्र में वह सामान्य संवेदना (Sensation) है जिसकी शुरूआत आपको किसी भी संभावित चोट तथा अपनी देखभाल के प्रति सतर्क करने के लिये होती है। 

दर्द के प्रकार (Types of Pain)

दर्द को कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है, दर्द के कारणों के अनुसार या लक्षणों के अनुसार। दर्द (dard) का मौलिक वर्गीकरण दर्द की अवधि के अनुसार होता है। दर्द के कुछ अहम वर्ग निम्न हैं:  

अल्पकालिक और भयंकर दर्द (Acute Pain)

आमतौर पर एक्यूट पेन (Acute Pain) अचानक बीमारी, जलने, या मांसपेशी के चोटिल होने से होता है। भयंकर दर्द के कारण का निदान एवं उपचार (Diagnosis and Treatment) प्राय: कर लिया जाता है और दर्द किसी समयावधि या भीषणता में सीमित (Limited) होता है। एक्यूट पेन सुरक्षात्मक होता है और रोग समाप्त होने के बाद इससे पूरी तरह मुक्ति मिल जाती है,

एक्यूट पेन की विशेषताएं (Facts of Acute Pain in Hindi)

* इसकी अवधि कम होती है।
* इसके रोग की पहचान एवं पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
* इसके उपचार (Treatment) के लिए प्रायः दर्द निवारक दवाओं (Painkillers) का उपयोग किया जाता है।
* सामान्यतः इलाज के बाद दर्द ठीक हो जाता है।

दीर्घकालिक दर्द (About Chronic Pain in Hindi)

दीर्घकालिक दर्द या क्रॉनिक पेन कभी समाप्त नहीं होता है- यह भयंकर दर्द की तुलना में लंबे समय तक रहता है और अधिकतर चिकित्सा उपचारों के प्रतिरोधी क्षमता (Resistant) वाला होता है। क्रॉनिक पेन के संकेत सप्ताहों, महीनों और वर्षों तक संकेत देते रहते हैं। क्रॉनिक पेन प्रायः रोग समाप्त होने के बाद भी नहीं जाता और इसके सामान्यतः कोई लाभ नहीं हैं। इसके अतिरिक्त क्रॉनिक पेन किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता (Quality of life) को काफी हद तक प्रभावित करता है।

क्रॉनिक पेन  की विशेषताएं (Facts of Chronic Pain )

* दीर्घकालिक दर्द या क्रॉनिक पेन लगातार रह सकता है या बार-बार हो सकता है। (महीनों या सालों तक रह सकता है)।
* यह प्रायः किसी दीर्घकालिक बीमारी के कारण होता है और उस रोग के लक्षणों में एक हो सकता है।
* इसके पूर्वानुमान नहीं लगाए जा सकते और प्रायः रोग की पहचान सुनिश्चित नहीं होती।
* इलाज में सामान्यतः कई विधियां सम्मिलित रूप से प्रयोग में लाई जाती हैं।
* प्रायः रोग ठीक हो जाने या इलाज पूरा हो जाने के बाद दुबारा दर्द हो सकता है।

क्रॉनिक पेन के उदाहरण

  • कमर के निचले हिस्से में दर्द
  • आर्थ्राइटिस (गठिया) का दर्द
  • फाइब्रोमायल्जिया
  • माइग्रेन

दर्द का कारण (Causes and Reason of Pain in Hindi)

दर्द के कई कारण होते हैं जैसे  चोट लगना, पूरानी बीमारी आदि। दर्द (dard) के कुछ विशेष कारण निम्न हैं:  
कैंसर
  • कान में संक्रमण
  • अचानक बीमारी
  • मांसपेशी की चोट
  • जलना
  • पुराना दर्द पूर्व की किसी चोट या शारीरिक नुकसान में भी होता है

सामान्य उपचार

​दर्द होने पर सबसे आसान उपाय लोग दर्द निवारक लेना समझते हैं। कई बार दर्द निवारक भी पूर्ण रूप से दर्द खत्म नहीं कर पाता। दर्द की स्थिति में कुछ निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं। 

दर्द के उपाय (Treatment and Remedies of Pain in Hindi)

  • दर्द के निदान एवं उपचार (Diagnosis and Treatment) का उद्देश्य रोगी की कार्यप्रणाली में सुधार करना है जिससे वे अपने दैनिक काम कर सकें।
  • चोट या जोड़ों के दर्द में राहत के लिए ठंडा या गर्म सेंक करना आसान उपाय माना जाता है।
  • ठंडा सेंक - बर्फ हमारे शरीर की रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देती है। जिससे हमें दर्द व जलन से हमें छुटकारा मिलने के साथ ही चोट ठीक हो जाती है। ठंडा सेंक केवल ताजा चोट के समय ही करना चाहिए। यदि चोट लगे 6-7 घंटे हो चुके हैं तो ठंडे सेंक से बचना चाहिए। लील पड़ने से रोकने व जोड़ों में खून को इकट्ठा होने से रोकने के लिए ठंडा सेंक किया जाता है।
  • गर्म सेंक - गर्मी से नसों में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है जिससे अकड़ी हुई मांसपेशियां ढीली होने लगती हैं और दर्द में आराम मिलता है।
  • गर्म पानी का सेंक बहुत अधिक सर्दी के मौसम में करना फायदेमंद होता है। गर्मी के मौसम में गर्म सेंक नहीं करना चाहिए। सर्दी के मौसम में जोड़ों पर स्थित नसें सिकुड़ने लगती हैं। ऐसे में गर्म पानी के सेंक से दर्द पैदा करने वाले ऊत्तक और नसें खुल जाती हैं।
  • गंभीर चोटों में गर्म सेंक न लें। यह चोट में हो रही जलन को और बढ़ा सकता है। ऐसे में उस चोट को ठीक होने में ज्यादा समय भी लग सकता है

दर्द से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies For Pain)

दर्द से निजात पाने के लिए हमेशा पेन किलर दवा खाना ठीक नहीं हैं। पेन किलर दवाओं के स्ट्रिप पर भी लिखा होता है कि इसके ओवरडोज सेहत के लिए नुकसानदेह होते हैं। दर्द निवारक दवाओं के ओवरडोज से लीवर और किडनी पर बुरा असर पड़ता है और अधिक सेवन से लीवर और किडनी खराब हो सकती है।

दर्द में ज्यादातर प्रयास करना चाहिए कि हम कुदरती और घरेलू उपाय से ही इसे कम करें। दर्द से निजात के लिए कुदरत में ऐसी नायाब जड़ी-बूटी और औषधियां है जो दर्द को न सिर्फ कम करती है बल्कि जड़ से ही खत्म कर देती हैं। 

दर्द के घरेलू इलाज (Home Remedies for Pain)

कमर दर्द (Pain in Waist)

रात में 60 ग्राम गेंहू के दाने पानी में भिगो दें। सुबह में भीगे हुए गेंहू के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिया मिलाकर बारीक पीस लें। इस चटनी के दूध में पका ले और खीर बना लें। इस खीर को लगातार दो महीने तक खाने से कमर दर्द का नाश हो जाता है। केवल खसखस औऱ मिश्री को बराबर मात्रा में पीस कर चूर्ण बना लें और इसे रोज खाएं, कमर दर्द गायब हो जाएगी। 
कमर दर्द में तारपीन के तेल की मालिश भी बहुत लाभदायक होती है।
कमर दर्द और गठिया में नित्य सुबह अखरोट की गिरियों को अच्छी तरह चबाकर खाने से भी काफी लाभ होता है।

घुटनों का दर्द (Knee Pain)

सुबह के समय मेथीदाना का बारीक चूर्ण एक या दो चम्मच पानी के साथ लें, घुटनों का दर्द खत्म हो जाएगा।
मछली के तेल (क़ॉड लीवर ऑयल) भी घुटनों के दर्द में काफी असरदार है।
सुबह भूखे पेट अखरोट की गिरियां खाएं। दर्द से निजात मिलेगा।
घुटनों का दर्द, जोड़ों का दर्द हड्डियों को घिसने के काण होती है। इसमें विजयसार की लकड़ी के विधिवत इस्तेमाल से काफी आराम मिलता है।
एक कच्चा लहसुन खाली पेट पानी के साथ खाएं, दर्द से निजात मिलेगा।
अश्वगंधा और सौंठ को कूटकर इसके चूर्ण को खाएं, काफी आराम मिलेगा।

गठिया (Arthritis Pain)

बथुआ साग के ताजा पत्तों का रस 15 ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएं। सुबह खाली पेट लें और शाम में भी।
बथुआ का साग बना के भी खा सकते हैं और इसके पराठे भी बना कर खा सकते हैं।
नागौरी असगंध की जड और खांड दोनों लगभग बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान कर बारीक चूर्ण बना लें । इसे सुबह-शाम गर्म दूध के साथ खाएं। गठिये के दर्द से राहत मिलेगी।
कच्चे लहसुन का सेवन करें।
बारीक असगंधा का चूर्ण दो भाग, सौंठ का चूर्ण एक भाग और पिसी हुई मिश्री तीन भाग मिला कर रख लें। इसे दो चम्मच सुबह-शाम गर्म दूध या पानी के साथ खाएं, दर्द गायब हो जाएगा।

हर प्रकार के बदन का दर्द (All type of Pain)

लहसुन की चार कलियां छीलकर तीस ग्राम सरसों के तेल में डाल दें। उसमें थोड़ी अजवायन मिला कर धीमी आंच पर पकाएं। लहसुन और अजवायन काली पड़ने पर तेल उतार कर थोड़ा ठंढा कर छान लें। इस हल्के गर्म तेल की मालिश से हर प्रकार का बदन दर्द छू-मंतर हो जाता है।

लगभग 10 ग्राम कपूर और 200 ग्राम सरसों का तेल- दोनों को शीशी में मिला कर कार्क से बंद कर दें। शीशी को धूप में रख दें। जब दोनों मिलकर एकरस हो जाएं तब इस तेल की मालिश से वात विकार, नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द, हिप-शूल, मांसपेशियों का दर्द समेत बदन के सभी तरह के दर्द से छुटकारा मिल जाता है।

पेट दर्द (Abdominal Pain)

अजवायन का चूर्ण छह भाग और काला नमक (पिसा हुआ) एक भाग लेकर मिला लें। इसमें से दो ग्राम गर्म पानी के साथ लें तो पेट दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
अमृतधारा की दो-तीन बूंदे बताशे या खांड के पानी में डालकर पीने से पेट दर्द खत्म होता है।
दो-तीन चम्मच ठंढे पानी में दो-तीन बूंद अमृतधारा सुबह-शाम भोजन के बाद लेने से दस्त, आंव, मरोड़ और पेचिश के दर्द में आराम मिलता है।

गले का दर्द (Pain in Throat)

फूली फिटकरी दो ग्राम (आधा चम्मच) 250 मिली पानी में डाल कर दिन में दो-तीन बार गरारा करें। इससे गले की सूजन औऱ दर्द दूर होती है। यह संभव नहीं है तो केवल नमक और एख ग्लास गर्म पानी में डाल कर गरारे करने से भी दर्द कम होती है।

दांत का दर्द (Pain in Teeth and Gum)

सरसों के तेल की कुछ बूंदों में एक चुटकी सैंधा नमक के साथ एक चुटकी पिसी हुई हल्दी मिला ली जाए और गाढ़ा लेप (पेस्ट) बनाकर दांतो व मसूड़ों की मालिश रोजाना सबुह-शाम की जाए तो दांतो के दर्द के साथ कई तकलीफें दूर हो जाएंगी।

भीतरी चोट या हड्डी टूटने पर दर्द (Internal Pain and Inflamation)

200 ग्राम उबलते हुए दूध में आधा चम्मच हल्दी मिला कर दो-तीन बार उबाल दें। इस हल्दी और दूध के गुनगुने मिश्रण को पीने से चोट का दर्द व सूजन कम होती है।
यदि किसी जगह चोट के कारण सूजन हो या दर्द हो तो वहां पिसा हुआ सेंधा नमक या साधारण नमक की पोटली को गर्म कर सेंकने से सूजन और दर्द कम होती है।
जहां चोट लगी है, मोच आई है या सूजन है वहां हल्दी का चूर्ण और चूना मिला कर लगा दिया जाए तो फौरन दर्द ठीक हो जाती है और सूजन भी कम हो जाती  है।

निमोनिया (Pneumonia)
निमोनिया (Pneumonia)
किसी एक बीमारी से हमारे देश में इतनी मौतें नहीं होतीं जितनी निमोनिया (Pneumonia ) से होती हैं। निमोनिया से बचाव और इसका इलाज बेहद सुगम है लेकिन अकसर लोगों के पास इसके जुड़ी जानकारी नहीं होती। जानिए निमोनिया के विषय में सभी बातें। 

निमोनिया क्या है (About Pneumonia in Hindi)

निमोनिया मुख्यत: फेफड़े का संक्रमण होता है, जो किसी भी उम्र में हो सकता है। हवा में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच जाता है। 

कई बार फंफूद की वजह से भी फेफड़े संक्रमित (इन्फेक्शंस) हो जाते है। अगर कोई व्यक्ति पहले से किसी बीमारी जैसे फेफड़ों के रोग, हृदय रोग (Lung disease, Heart disease) से पीड़ित है तो उन्हें गंभीर संक्रमण यानि गंभीर निमोनिया (Severe Pneumonia) होने का खतरा रहता है।

निमोनिया (Pneumonia) में जब एक या दोनों फेफड़े में तरल पदार्थ भर जाता है है तो फेफड़े को ऑक्सीजन लेने में कठिनाई होने लगती है। बैक्टीरिया से होने वाला निमोनिया दो से चार सप्ताह में ठीक हो सकता है, जबकि वायरस से होने वाले निमोनिया को ठीक होने में अधिक समय लग जाता है।

निमोनिया के लक्षण

  • छोटे या नवजात बच्चों में कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देता है।
  • बच्चे देखने से बीमार लगें तो उन्हें निमोनिया हो सकता है।
  • सर्दी, हाई फीवर, कफ, कंपकपी, शरीर में दर्द, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द।
निमोनिया होने की मुख्य वजह सर्दी को माना जाता है लेकिन स्वास्थ्य विज्ञान के अनुसार निमोनिया होने के कुछ अन्य कारण भी हैं।  

निमोनिया होने के कुछ कारण (Causes of Pneumonia in Hindi) 

  • बैक्टीरिया
  • वायरस
  • फंगस
  • इसके अतिरिक्त कुछ रसायनों और फेफड़े में लगी चोट के कारण भी निमोनिया होता है।

सामान्य उपचार

निमोनिया से बचाव और रोकथाम (Treatment of Pneumonia in Hindi)

रोगी को एक स्वच्छ कमरे में रखें। इस बात का ध्यान रखे कि रोगी के कमरे में सूर्य का प्रकाश अवश्य आये।
शरीर, खासकर छाती और पैरों, को गर्म रखने के लिए कमरे को गर्म रखें तथा रोगी को अच्छी तरह से ढकें।
सीने में दर्द और बेचैनी से राहत पाने के लिए, एक चम्मच लहसुन का रस ले सकते हैं ।
तुलसी भी निमोनिया में बहुत उपयोगी है। तुलसी के कुछ ताजे पत्तों का रस लेकर उसमें काली मिर्च पीस कर मिला लें और यह रस हर छह घंटे के अंतराल पर दें ।
अधिकांशतः: निमोनिया (Pneumonia) का इलाज, डॉक्टर की देख रेख में, बिना अस्पताल में दाखिल हुए हो सकता है।
आमतौर पर, मौखिक एंटीबायोटिक दवाओं, आराम, तरल पेय पदार्थ, और घर पर देखभाल पूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए पर्याप्त हैं। 

निमोनिया के घरेलू उपचार (Home Remedies Pneumonia)

भारत वर्ष में निमोनिया (Pneumonia), किसी अन्य बीमारी के मुकाबले, मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।  

  • निमोनिया मूलतः फेफड़ो (Lungs) में संक्रमण होने से होता है। 
  • पहले से बीमार लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) पहले से ही कमजोर होती है इसलिए स्वस्थ लोगों के मुकाबले उन्हें निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है।  

निमोनिया के घरेलू उपचार  (Home Remedies For Pneumonia)

  • हल्दी, काली मिर्च, मेथी और अदरक जैसे प्रतिदिन उपयोग में आने वाले खाद्य प्रदार्थ फेफड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं। 
  • तिल के बीज भी निमोनिया के उपचार में सहायक होते हैं। 300 मिलीलीटर पानी में 15 ग्राम तिल के बीज, एक चुटकी साधारण नमक, एक चम्मच
  • अलसी और एक चम्मच शहद मिलकर प्रतिदिन उपयोग करने से फेफड़ों से कफ बाहर निकलता है। 
  • ताजा अदरक का रस लेने या अदरक को चूसने से भी निमोनिया में आराम मिलता है।        
  • थोड़े से गुनगुने पानी के साथ शहद लेना भी लाभदायक रहता है।  
  • गर्म तारपीन तेल का और कपूर के मिश्रण से छाती पर मालिश करने से निमोनिया से राहत मिलती है। 
  • रोगी का कमरा स्वच्छ, और गर्म होना चाहिए। कमरे में सूर्य की रौशनी अवश्य आनी चाहिये।  
  • रोगी के शरीर को गर्म रखें, विशेषकर छाती और पैरों को।  
  • तुलसी भी निमोनिया में बहुत उपयोगी है। तुलसी के कुछ ताजे पत्तों का रस, एक चुटकी काली मिर्च में मिलकर रख लें और हर छ घंटे के बाद दें। 

जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)
जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)
जापानी इन्सेफेलाइटिस एक प्रकार का दिमागी बुखार (Dimagi Bukhar) है जो वायरल संक्रमण की वजह से होता है। यह एक खास किस्म के वायरस के द्वारा होता है, जो मच्छर या सूअर के द्वारा फैलते हैं। इस बीमारी का मुख्य वाहक सुअर हैं।

बच्चें होते हैं अधिक शिकार (Dimagi Bukhar or Japanese Encephalitis in Kids) 

ज्यादातर 1 से 14 साल के बच्चे एवं 65 वर्ष से ऊपर के लोग इसकी चपेट में आते हैं। मस्तिष्क ज्वर, दिमागी बुखार (Dimagi Bukhar) और जापानी इन्सेफेलाइटिस के नाम से पहचानी जाने वाली इस जानलेवा बीमारी का शिकार अधिकांशतः बच्चे ही होते हैं। देश के 19 राज्यों के 171 जिलों में जापानी इन्सेफेलाइटिस का असर है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार सहित दूसरे राज्यों के 60 जिले इन्सेफेलाइटिस से ज्यादा प्रभावित हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2012 तक इन्सेफेलाइटिस से यूपी व बिहार में 422 बच्चों की मौत हुई थी। जापानी इन्सेफेलाइटिस का प्रकोप साल के तीन महीने अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में सबसे ज्यादा होता है। 

जापानी इन्सेफेलाइटिस के लक्षण

  • अतिसंवेदनशील होना
  • कमजोरी और उल्टी होना
  • गर्दन में अकड़न
  • बहुत छोटे बच्चों का ज्यादा देर तक रोना
  • बुखार, सिरदर्द
  • भूख कम लगना
  • लकवा मारना और स्थिति कोमा तक पहुंच सकती है
  • समय के साथ सिरदर्द में बढ़ोतरी होना

कारण 

जापानी इन्सेफेलाइटिस या दिमागी बुखार (Dimagi Bukhar) विषाणु यानि वायरस के कारण होता है। जापानी इन्सेफेलाइटिस फैलाने वाले कुछ संभावित विषाणु निम्न हैं:

जापानी इन्सेफेलाइटिस विषाणु (Japanese Encephalitis Virus) 

  • रेबिज वायरस
  • हरपीज सिंप्लेक्स
  • पोलियो वायरस
  • खसरे के विषाणु
  • छोटी चेचक विषाणु
  • जापानी इन्सेफेलाइटिस विषाणु
  • सेंट लुइस विषाणु
  • पश्चिमी नील विषाणु
  • शीतला मानइर विषाणु
  • शीतला मेजर विषाणु आदि 

कैसे फैलता है जापानी इन्सेफेलाइटिस या दिमागी बुखार (Japanese Encephalitis in Hindi)

सुअर के ही शरीर में इस बीमारी के वायरस पनपते और फलते फूलते हैं और उनसे मच्छर इस वायरस को मानव शरीर में पहुँचाने का काम करते हैं. एक बार यह हमारे शरीर के संपर्क आता है, फिर यह सीधा हमारे दिमाग की ओर चला जाता है। दिमाग में जाते ही यह हमारे सोचने, समझने, देखने और सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह वायरस सिर्फ छूने से नहीं फैलता।

सामान्य उपचार

दिमागी बुखार का उपचार (Treatment of Japanese Encephalitis or Dimagi Bukhar)

दिमागी बुखार से बचने के उपाय निम्न हैं: 
  • समय से टीकाकरण कराएं
  • साफ-सफाई से रहें
  • गंदे पानी के संपर्क में आने से बचना होगा
  • मच्छरों से बचाव
  • घरों के आस पास पानी न जमा होने पाए खासकर बारिश के मौसम में
  • बच्चों को बेहतर खान-पान
  • कोई भी लक्षण 

कुष्ठरोग (Leprosy)
कुष्ठरोग (Leprosy)
कुष्ठरोग (Leprosy) माइकोबैक्टेरियम लेप्री (Mycobacterium Leprae) और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस (Mycobacterium Lepromatosis) जीवाणुओं के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी (Chronic Disease) है। यह मुख्य रूप से मानव त्वचा (Skin), ऊपरी श्वसन पथ की श्लेष्मिका (Mucous Membrane of Upper respiratory Track) , परिधीय तंत्रिकाओं (Peripheral Nerves), आंखों और शरीर के कुछ अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करती है। यदि कुष्ठरोग (Kushth Rog) का उचित समय पर उपचार न किया जाये तो यह रोग बढ़ सकता है, जिससे त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों में स्थायी क्षति हो सकती है। 

कुष्ठरोग के प्रकार (Types of Leprosy)

कुष्ठरोग सामान्यतः तीन प्रकार का होता है, जो निम्न हैं:  

तंत्रिका कुष्ठ (Nerve leprosy)-इसमें शरीर के प्रभावित अंगो की संवेदनशीलता समाप्त हो जाती है। उस स्थान पर सुई चुभने पर भी मनुष्य किसी प्रकार का कोई दर्द महसूस नहीं करता।

ग्रंथि कुष्ठ (Lapromatus leprosy)-इसमें शरीर के किसी भी भाग में त्वचा से भिन्न रंग के धब्बे या चकत्ते पड़ जाते हैं अथवा शरीर में गांठें निकल आती है।

मिश्रित कुष्ठ- इसमें शरीर के प्रभावित अंगों की संवेदनशीलता समाप्त होने के साथ-साथ त्वचा में चकत्ते भी पड़ते हैं और गांठें भी निकलती हैं।

कुष्ठरोग रोग न तो वंशानुगत होता है न हीं यौन-संपर्क के द्वारा फैलता है। वयस्कों की अपेक्षा बच्चों में इस रोग के होने का खतरा अधिक होता है। अतः: जो बच्चे कुष्ठ रोगियों के संपर्क में रहते हैं, उनको इस रोग से बचाव के लिए अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है।

केवल ऐसे संक्रमित कुष्ठ रोगी जिनका बहुत दिनों से उपचार न हुआ हो के संपर्क में आने से कुष्ठ फैल सकता है। इससे पीड़ित लोग भी उपचार के मात्र 2 सप्ताह बाद ही संक्रामक नहीं रह जाते।यदि कुष्ठ रोग अति संक्रामक स्थिति में है, तो परिचारक (Attendant), कुष्ठ रोग की दवाओं का सेवन करके रोग मुक्त रह सकता है। 

कुष्ठरोग एक वैश्विक समस्या (Leprosy in World)

1995 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन) (डब्ल्यूएचओ) (WHO) के अनुमान के अनुसार कुष्ठरोग के कारण स्थायी रूप से विकलांग हो चुके व्यक्तियों की संख्या 2 से 3 मिलियन के बीच थी। पिछले 20 वर्षों में, पूरे विश्व में 15 मिलियन लोगों को कुष्ठरोग से मुक्त किया जा चुका है। कुष्ठरोग और इसके पीड़ितों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये विश्व कुष्ठरोग दिवस (वर्ल्ड लेप्रसी डे) की स्थापना की गई।

कुष्ठ रोग के संबंध में गलत तथ्य (Myths About Leprosy)

  • कुछ लोगों का विश्वास है कि वंशानुगत कारणों, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, खान-पान की गलत आदतें जैसे सूखी मछली खाने, पूर्वपापकर्म आदि कारणों से कुष्ठ रोग होता है।
  • लोग मानते हैं कि कुष्ठ रोग केवल कुछ ही परिवारों में फैलता है। यह केवल स्पर्शमात्र से हो जाता है।
  • कुष्ठ रोग प्राय: कुरूपता के साथ जुड़ा हुआ होता है। कुरूपता आने के बाद ही कुष्ठ रोग का निदान किया जा सकता है।
  • कुष्ठ रोग अत्यंत संक्रमणशील है एवं यह संक्रमणशीलता कुरूपता से जुड़ी हुई है।
  • कुष्ठ रोग लाइलाज है।
  • जिन परिवारों में कुष्ठ रोगी हैं, उस परिवार के बच्चों को कुष्ठ रोग होगा ही।

कुष्ठरोग के लक्षण

  • चेहरे पर, नितंबों पर, शरीर के अन्‍य हिस्‍सों की दूसरी ओर बहुत सारे, नरम एवं जिनकी परिभाषा न बताई जाए ऐसे लाल व स्‍पर्शक्षम या स्‍पर्शहीन धब्‍बे हो जाना।
  • त्‍वचा के रंग तथा गठन में परिवर्तन दिखाई देना ।
  • त्‍वचा पर एक रंगहीन दाग जो थोड़ा या पूरी तरह स्‍पर्शहीन हो या उस दाग पर किसी चुभन का अनुभव नहीं होना।
  • समान्यत त्‍वचा पर पाये जाने वाले पीले या ताम्र रंग के धब्‍बे जो सुन्‍न हों या
  • हाथ और पैरों का सुन्‍न हो जाना।

कारण 

माइकोबैक्टेरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस (Mycobacterium lepromatosis) जीवाणु

सामान्य उपचार

कुष्ठरोग का इलाज बेहद आसान और कई सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में किया जाता है। कुष्ठ रोग होने पर निम्न उपाय अपनाने चाहिए: 

कुष्ठरोग का इलाज (Treatment of Leprosy)

सरकारी अस्पताल द्वारा रिहाइशी इलाकों में मौजूद स्वास्थ केंद्रों में नि:शुल्क इलाज उपलब्ध है। 
अगर शरीर पर एक से पांच धब्बे हो तो छह माह तक दवाई लेनी चाहिए। 
6 से 12 धब्बे हो तो 12 माह या इससे अधिक समत तक दवाई लेने से यह रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है। 

कुष्ठ रोग के घरेलू उपचार (Home Remedies For Leprosy)

लेप्रेसी (Leprosy) यानि कुष्ठ रोग से व्यक्ति न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित होता है। कुष्ठ रोगियों के प्रति दूसरे लोगों के असामान्य रवैये से यह रोगी निराश हो जाते हैं। कुष्ठ रोग शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। जिस हिस्से पर भी कुष्ठ रोग का प्रभाव होता है वहां की त्वचा देखने में संकरी सी नजर आती है और वह हिस्सा सामान्य तरह से काम नहीं करता।

कई बार कुष्ठ रोग से प्रभावित त्वचा सूज जाती है और उस स्थान पर लाल चकत्ते भी पड़ सकते हैं। इसके अलावा प्रभावित हिस्से पर फफोले जैसी त्वचा भी उभर सकती है। कुल मिलाकर कुष्ठ रोगी बेहद परेशानी महसूस करते हैं। कुष्ठ रोग के उपचार के लिए कुछ घरेलू नुस्खे हैं, जिन्हें अपनाकर काफी हद तक कुष्ठ रोग को ठीक किया जा सकता है- 

हल्दी (Turmeric)

हल्दी में हाइडेकोटायल होता है। हल्दी को पट्टी पर लगाकर प्रभावी स्थान पर बांधा जा सकता है। हल्दी से त्वचा की सूजन, रंजकता आदि कम हो जाती है क्योंकि यह मरहम का काम करती है। 

नीम (Neem)

नीम की पत्तियों की पीसकर लेप के रूप में प्रयोग करें। नीम में बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए उत्तम एंटीसेप्टिक एजेंट होता है। पत्तियों के लेप को एक दिन में कम से कम दो बार प्रभावित स्थान पर लगाएं। बेहतर परिणाम के लिए नीम के पेस्ट में काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। इसके अलावा नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से भी आराम मिलता है।

एरोमाथेरेपी (Aromatherapy)

कुष्ठ रोग के इलाज के लिए एरोमाथेरेपी भी ली जा सकती है। इस थेरेपी में विभिन्न गुणकारी तेलों का इस्तेमाल होता है जो कि शरीर के लिए टॉनिक की तरह काम करता है और एंटसेप्टिक एजेंट के रूप में भी शरीर को फायदा पहुंचाते हैं।

मंडूकपर्णी या गोटू कोला (Gotu kola or Centella Asiatica)

मंडूकपर्णी या गोटू कोला को प्रयोग बहुत की त्वचा संबंधी बिमारियों से निजात के लिए प्रयोग किया जाता है। शरीर के घाव, जलन आदि के उपचार के लिए भी गोटू कोला का इस्तेमाल होता है। गोटू कोला को सिर दर्द और बुखार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। गोटू कोला के पत्तों को पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा न हो जाए। इसके बाद इस पानी को छानकर इसका तीन चौथाई हिस्सा रोजाना दिन में तीन बार पीएं। कुष्ठ रोग में लाभ होगा।

राइजोम्स (Risomes)

राइजोम्स में एंटीफंगल गुण होते हैं। राइजोम्स का स्वाद कड़वा और तेज होता है और बहुत तेज महक भी होती है। कच्ची राइजोम्स को कुष्ठ रोग के उपचार के लिए इस्तेमाल करें।

बाबची (Babchi)

कुष्ठ रोग के इलाज के लिए बाबची सबसे असरकारक जड़ी-बूटी मानी जाती है। बाबची के बीजों का पाउडर बनाकर कुष्ठ रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा बाबची के पत्तों का पेस्ट बनाकर भी प्रभावित स्थान पर लगाने से कुष्ठ रोग में आराम मिलता है। इससे सूजन कम होती है और व्यक्ति का रोग ठीक होने की प्रक्रिया भी तेज होती है।

व्हीट ग्रास (Wheat Grass)

व्हीट ग्रास कुष्ठ रोग के इलाज के लिए एक चमत्कारी प्रॉडक्ट है। इसके इस्तेमाल से एक रात में ही रोग में आराम महसूस किया जा सकता है तथा तीन महीने के लगातार इस्तेमाल से लगभग कुष्ठ को ठीक किया जा सकता है। व्हीट ग्रास को पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाया जा सकता है।

कालमोगरा का तेल (Kalmogra Oil)

यह तेल भी कुष्ठ रोग के इलाज में बेहद लाभकारी है। कालमोगरा के तेल में नींबू की कुछ बूंदे मिलाकर प्रभावित स्थान पर मालिश करने से बेहद लाभ होता है। इसके तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कि घाव को तेजी से भरते हैं और बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।

अपच (Indigestion)
अपच (Indigestion)
खाना इंसान के लिए बेहद जरूरी है। खाने से हमें ताकत मिलती है। इंसान जो खाता है उसे पेट पचाता है। अगर पेट की पाचन क्रिया रुक जाए तो यह गंभीर समस्या का कारण बन जाती है। 

अपच (About Indigestion in Hindi)

पाचन तंत्र में किसी गड़बड़ी के कारण भोजन न पचने को अपच या अजीर्ण (Indigestion) कहते हैं। यह खुद में कोई रोग नहीं है परन्तु इसके कारण कई गंभीर रोग हो सकते है या यह किसी गंभीर रोग का लक्षण हो सकता है। यदि अपच वाली स्थिति काफी दिनों तक बराबर बनी रहती है तो शरीर में खून का बनना बंद हो जाता है और व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है। इसलिए इस रोग को साधारण नहीं समझना चाहिए। 

अपच के लक्षण

  • अपच होने पर भूख नहीं लगती
  • कभी-कभी रोगी को घबराहट भी हो जाती है
  • खट्टी-खट्टी डकारें आती हैं
  • छाती में तेज़ जलन होती है
  • जी मिचलाता है
  • जीभ पर मैल जम जाना, पेट फूलना आदि भी अजीर्ण रोग के प्रमुख लक्षण हैं
  • नींद भी नहीं आती और कभी-कभी दस्त भी होता है
  • पेट फूल जाता है, जी मिचलाता है और कब्ज की शिकायत हो जाती है
  • पेट में गैस बनना
  • पेट में भारीपन महसूस होता है
  • भोजन हजम नहीं होता
  • मुंह में बार बार पानी भर जाता है तथा पेट में हर समय हल्का-हल्का दर्द होता रहता है
  • रोगी को पसीना अधिक आता है
  • सांस में दुर्गंध निकलना

अपच की मुख्य वजहें (Main Causes of Indigestion in Hindi) 

कई बार समय-असमय भोजन करने से,कभी-भी,कहीं-भी,कुछ-भी खाने-पीने तथा बार-बार खाते रहने से पहले खाया हुआ भोजन ठीक से पच नहीं पाता है और दूसरा भोजन पेट में पहुँच जाता है। ऐसे में पाचन तंत्र भोजन को पूर्ण रूप से नहीं पचा पाता जो अजीर्ण का मुख्य कारण है। 

अपच पेट के कुछ खास रोगों के कारण भी हो हो सकता है जैसे कि : 

  • अल्सर (Ulcer)
  • गर्ड
  • पेट के कैंसर
  • गैस्ट्रोपॉरेसिस (Gastroparesis यह अक्सर मधुमेह रोगियों में होता है)
  • पेट का संक्रमण 
  • चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम
  • पुरानी अग्न्याशयशोथ (Chronic Pancreatitis)
  • थायराइड रोग (Thyroid)

 कुछ खास दवाएं भी अपच का कारण बन सकती हैं, जैसे कि

  • एस्पिरिन (Aspirin) और कई अन्य दर्द निवारक गोलियाँ
  • एस्ट्रोजन और मौखिक गर्भ निरोधक
  • स्टेरॉयड दवाएं (Steroids)
  • कुछ एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotic)
  • थायराइड दवाएं

कुछ जीवनशैली संबंधित आदतें भी अपच के लिए जिम्मेदार होती हैं जैसे:

  • उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने,  बहुत ज्यादा भोजन, या तनावपूर्ण स्थितियों के दौरान खाना खाना
  • बहुत ज्यादा शराब पीना
  • सिगरेट धूम्रपान
  • तनाव और थकान 

सामान्य उपचार

अपच से बचने का सबसे आसान तरीका है खान-पान संबंधित आदतों पर काबू रखना। इसके अलावा डॉक्टर जिन बातों पर ध्यान देने को कहते हैं वह बातें निम्न हैं: 

अपच से बचने के सरल उपाय (Treatment of Indigestion in Hindi)

  • मिर्च, मसाले, गरिष्ठ भोजन, मछली, शराब, अंडा, आदि का सेवन न करें। 
  • हरी सब्जियां जैसे - मूली, पालक, मेथी, लौकी, तोर, परवल आदि का सेवन करें। 
  • रेशे वाली चीजें अधिक मात्रा में खाएं। 
  • चोकर वाले आटे की रोटी खाएं। 
  • रात्रि के भोजन के बाद थोड़ा बहुत जरूर टहलें।
  • धूम्रपान छोड़ दें। 
  • मादक पेय पदार्थों से बचें। 
  • यदि अजीर्ण पुराना हो तो गेहूं की दलिया, मूंग की दाल, छाछ, पतली रोटी आदि के सिवाय और कुछ न खाएं।  
  • दिन में चार-पांच गिलास पानी जरूर पिएं|  जाड़े की ऋतु में गुनगुना पानी पी सकते हैं। 
  • फ्रिज में रखा भोजन, साग-सब्जी, दाल आदि न खाएं। सदैव ताजा तथा पौष्टिक भोजन करें। 
  • मन में क्रोध, ईर्ष्या, तनाव, आदि नकारात्मक विचारों को बिलकुल न आने दें। मन के विचारों का सीधा प्रभाव पेट पर पड़ता है। 

अपच से राहत के घरेलू उपाय (Home Remedies For Indigestion)

इनडाइजेशन या अपच की समस्या को चिकित्सीय भाषा में डायसेप्सिया (Dyspepsia) कहा जाता है। अपच की समस्या पेट में भोजन को पचाने वाले रसों के स्त्रवित न होने से होती है। यह समस्या खासकर बहुत तेज मसाले वाला खाना या बहुत तैलीय खाना खाने से होती है। यदि आप भूख से ज्यादा खा लेते हैं तब भी आपको अपच की समस्या हो सकती है। 

अपच के दौरान व्यक्ति को बहुत ज्यादा गैस, उल्टी, पेट में दर्द, सीने या पेट में जलन आदि समस्याएं हो सकती हैं। अपच से राहत के लिए कुछ घरेलू उपाय लाभकारी साबित होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही प्रभावी घरेलू नुस्खों के बारे में- 

1. सेब का सिरका (Apple cider vinegar)

सेब के सिरके में यूं तो एसिडिक गुण होते हैं लेकिन यह एसिड से राहत देने में भी प्रभावी है। अपच से राहत के लिए एक चम्मच कच्चे और अनफिल्टर्ड सेब के सिरके को एक कप पानी में मिलाएं। इसके बाद इसमें एक चम्मच कच्चा शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। अपच से राहत मिलेगी।

2. सौंफ (Saunf)

अपच से बचाव के लिए सौंफ भी बेहद गुणकारी है। बहुत मसालेदार और वसा वाले खाने से होने वाली अपच को बेहद जल्दी ठीक कर देती है। अपच से बचाव के लिए सौंफ के दानों को तवे पर हल्का सा गर्म करें और उसका पाउडर बना लें। पानी के साथ इस पाउडर को दिन में दो बार लें। सौंफ के दानों से तैयार चाय या सौंफ को यूं ही मुंह में डालकर चबाने से भी अपच से राहत मिलती है। साथ ही यह माउथ फ्रेशनर की तरह काम भी करती है। 

3. अदरक (Ginger)

अदरक में मौजूद पाचन रस और एंजाइम खाने को पचाने में बेहद लाभकारी हैं। अपच से राहत के लिए अदरक के छोटे छाटे टुकड़ों पर नमक डालकर उन्हें यूं ही चबाया जा सकता है। इसके अलावा दो चम्मच अदरक के रस में नींबू का रस, थोड़ा सा काला और थोड़ा सा सफेद नमक मिलाकर बिना पानी के पीने से बेहद राहत मिलती है। 

इसके अलावा अदरक के रस और शहद को गुनगुने पानी के साथ भी लिया जा सकता है। अदरक की चाय भी बेहद लाभकारी होती है। इतना ही नहीं खाना बनाने में अदरक का प्रयोग मसाले के तौर पर करने से भी अदरक बेहद लाभ देता है।

4. बेकिंग सोडा (Baking Soda)

अपच से बचने के लिए बेकिंग सोडा सबसे आसान घरेलू उपाय है। आधे गिलास पानी में थोडा़ सा बेकिंग सोडा मिलाकर इस पानी को पीएं। इससे तुरंत राहत मिलती है।

5. अजवायन (Ajwain)

अजवायन पेट को दुरूस्त रखने और खाने को पचाने के साथ ही पेट दर्द से भी राहत देती है। सौंठ और अजवायन को मिलाकर पाउडर बनाएं। एक चम्मच पाउडर में काली मिर्च मिलाएं और गर्म पानी के साथ पीएं। इस पेय को दिन में एक या दो बार पी सकते हैं। अजवायन के दानों को मुंह में रखकर चबाने से भी आराम मिलता है।

6. हर्बल चाय (Herbal Tea)

पुदीना या कैमोमाइल की हर्बल या ग्रीन टी भी पाचन शक्ति को दुरूस्त रखती है। खाना खाने के बाद एक कप हर्बल टी पीने से खाना जल्दी पचता है और पेट में वसा भी जमा नहीं होती। ऐसे में आपका वजन भी ठीक रहता है। लेकिन खाने के बाद सामान्य चाय या कॉफी से बचना चाहिए। 

7. नमकीन छाछ (Salted Buttermilk)

खाने के साथ नमकीन छाछ का इस्तेमाल भी आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाता है। रात के समय दही की जगह छाछ में काला नमक और भुना हुआ जीरा डालकर पीएं। पेट में जलन से भी राहत मिलेगी। इतना ही नहीं सुबह नाश्ते में और दोपहर के खाने में भी छाछ का इस्तेमाल सर्वोत्तम है। गर्मियों के दिनों में यह पेट के साथ ही पूरे शरीर के लिए भी फायदेमंद है।

पीला बुखार (Yellow Fever)
पीला बुखार (Yellow Fever)
पीतज्वर या पीला बुखार (Yellow fever) तेजी से होने वाला एक संक्रामक बुखार हैं, जो अचानक शुरू होता है। इस रोग का कारक एक सूक्ष्म विषाणु (Flavivirus) होता है, जिसका संवहन एडीस ईजिप्टिआई (Aedes Aegypti) जाति के मच्छरों द्वारा होता है।

क्या है पीला बुखार (About Yellow Fever in Hindi)

पीतज्वर में तेज बुखार के कारण जिगर और गुर्दे की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है| जिगर (Liver) के बीमार होने के कारण रोगी को पीलिया हो जाता है और उसकी त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है। इसी कारण इस बुखार को यलो फीवर कहते है। 

पीत ज्वर या पीला बुखार के लक्षण (Symptoms of Yellow Fever)

पीतज्वर में अकसर मरीजों को तेज बुखार होता और शरीर पीला पड़ जाता है। साथ ही कई मामलों में तेज ठंड, कपकपी या पीठ दर्द की समस्या भी देखने को मिलती है। 

यह रोग दस दिन तक रहता है और घातक न हुआ तो रोगी धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। अमूमन पीतज्वर दुबारा नहीं होता और अगर होता है तो यह घातक सिद्ध होता है।​ मच्छरों से बचाव इस रोग का सबसे उत्तम उपाय है। पीतज्वर के टीके का असर करीब चार वर्ष तक रहता है। रोग हो जाने पर केवल लक्षणों के अनुसार चिकित्सा संभव है।

यह रोग कर्क (Cancer Line) तथा मकर (Capricorn Line) रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीका तथा अमरीका के भूभागों में अधिक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में लगभग 200,000 लोग पीतज्वर या पीले बुखार की चपेट में आते हैं। 30,000 के आसपास लोग इस जानलेवा बीमारी से अपनी जान गँवा देते हैं।

पीला बुखार के लक्षण

  • अनिद्रा, काले दस्त, रक्तस्त्राव, पित्तयुक्त मूत्र, रक्तचाप की कमी और नाड़ी की शिथिलता,
  • कमजोरी महसूस होना
  • कॉफी के रंग की मितली आना,
  • घातक अवस्था में मूत्र आना बंद हो जाना।
  • ठंड के साथ बुखार आना,
  • पीलिया हो जाना,
  • शरीर में पीड़ा होना
  • सिर दर्द होना

कारण 

पीतज्वर या पीला बुखार अधिकांश रूप से संक्रमित स्थानों की यात्रा करने से फैलता है। साथ ही जिन इलाकों में यह मच्छर हो उन इलाकों में रहने या जाने से भी फैल सकता है। 

सामान्य उपचार

पीतज्वर का एक भी लक्षण नज़र आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए। अगर रोगी को तेज बुखार हो और उसका शरीर भी पीला पड़ रहा हो तो बिना समय गंवाएं डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। 

पीले बुखार के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Yellow Fever)

यलो फीवर या पीत ज्वर संक्रमण से होने वाली खतरनाक बीमारी है, लेकिन इसके लिए बहुत से इलाज मौजूद हैं जो इस पर काबू पा सकते हैं। पीत ज्वर या पीला बुखार मादा मच्छर के काटने से होता है। पीले बुखार में रोगी का लीवर डैमेज होने या पीलिया होने का खतरा रहता है। साथ ही रोगी को उल्टियां भी हो सकती हैं। पीले बुखार से निजात के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे भी हैं, जिससे प्राकृतिक तरीके से इसका उपचार किया जा सके।

1. तुलसी और काली मिर्च (Basil and Black Pepper)

काली मिर्च पीले बुखार के इलाज में बहुत कारगर साबित हो रही है। आधा लीटर डिस्टिलड पानी में कुछ तुलसी के पत्ते डालकर उबलने दें। इस पानी में आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर मिलाएं। इस पानी को रंग बदलने तक उबलने दें। यह पानी न केवल पीले बुखार को कम करता है बल्कि आपको तुरंत ऊर्जा भी देता है। इस पानी में तीन चम्मच शहद भी मिलाया जा सकता है। इसे दिन में दो बार पीएं। 

2. प्याज़ (Onion)

एक कच्चा प्याज लें और दो हिस्सों में काट लें। इसे ओवन में डालकर लगभग 15 मिनट के लिए 400 डिग्री पर सेंक लें। ऐसा करने से प्याज का रस आसानी से निकल जाता है। इस रस में कुछ बूंदे शहद की मिलाएं। इस मित्रण को पीले बुखार से निजात के लिए इस्तेमाल करें।

3. लहसुन (Garlic)

बार बार उल्टी होने से डिहाइड्रेशन हो जाता है जिससे शरीर आमतौर पर कमजोर हो जाता है और इससे शरीर की इम्यूनिटी भी घटती है। लहसुन अपने वायरल विरोधी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। लहसुन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ साथ वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से शरीर की रक्षा करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। छह से दस लहसुन की कली लेकर उन्हें कुचल लें। इस लहसुन को आप यूं भी खा सकते हैं या फिर शहद मिलाकर सुबह सुबह खाएं।  

4. नारियल पानी (Coconut Water)

पीले बुखार में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नारियल पानी बेहद लाभकारी है। यह शरीर को हाइड्रेट करके अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। एक दिन में कम से कम तीन से चार बार नारियल पीएं।

5. गन्ने का रस (Sugarcane Juice)

डिहाइड्रेशन पीले बुखार का सबसे खतरनाक लक्षण है। ऐसे में गन्ने का रस कमजोर शरीर को स्फूर्ति देता है। गन्ने के रस से निर्जलित शरीर के लिए आवश्यक विटामिन और खनिज की आपूर्ति की जा सकती है। गन्ने का रस शरीर की मांसपेशियों में ग्लूकोज की आपूर्ति करता है। शरीर में आवश्यक प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दिन में तीन बार गन्ने के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है।यह भी पीले बुखार से पीड़ित मरीज की उच्च शरीर के तापमान को कम कर देता है।

6. जौ का पानी (Barley Water or Jau ka pani)

जौ एक संपूर्ण अनाज है जिसमें स्वस्थ जीवन शैली के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व है मौजूद हैं। जौ में विटामिन बी 1, बी 2, बी 5, 9 और विटामिन ई होता है। यह पीले बुखार से पीड़ित मरीज की सूजन और शरीर के उच्च तापमान को कम करता है। एक दिन में तीन बार जौ का पानी पीने से पीले बुखार में आराम मिलता है।

7. नींबू और नमक (Lemon and Salt)

पीले बुखार से पीड़ित व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति और ज्यादा थका हुआ लगता है। एक गिलास पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर पीने से भी पीले बुखार में काफी आराम मिलता है। इस नींबू वाले पानी में एक चुटकी नमक भी मिलाएं। यह पानी डिहाइड्रेशन की कमी को पूरा करता है और रोगी को ऊर्जा देता है।

बदहज़मी (Gastric Problem)
बदहज़मी (Gastric Problem)
पाचनक्रिया के दौरान पेट में गैस का बनना एक सामान्य प्रक्रिया है। शरीर की अन्य प्रक्रियाओं की तरह पेट में गैस का बनना और बाहर निकल जाना भी एक सामान्य प्रक्रिया है।

कई बार पेट में गैस बनने की तीव्रता बढ़ जाती है और पेट के भीतर बनने वाली इस गैस के बाद पेट में तीव्र पीड़ा होने लगती है। अगर यह समस्या अकसर होने लगे तो यह गम्भीर बीमारी का रूप ले लेती है जिसे गैस्ट्रिक (Gastric Problem) के नाम से जाना जाता है।  

बदहजमी या गैस्ट्रिक की समस्या (Gastric Problem)  

मानव शरीर में गैस्ट्रिक म्यूकोसा (Gastric Mucosa) के द्वारा हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है जो मानव शरीर पर प्रभाव डालता है और गैस की समस्या से निजात दिलाता है। अगर हाइड्रोक्लोरिक एसिड सही प्रकार से नहीं बनता है तो भोजन भी सही से नहीं पच पाता है।

आधुनिक जीवन शैली ने इस समस्या को बढ़ावा दिया है। गैस्ट्रिक बीमारी का सीधा संबंध खानपान से है। जो लोग भोजन में चटपटा, तला, मिर्च मसालेदार, खट्टा, नींबू, संतरा आदि का सेवन अधिक करते हैं उन लोगों को यह समस्या जल्दी होती है।

इनके अलावा जो लोग चाय, काफी, चालकेट, शराब का अधिक सेवन करते हैं, वे भी इस रोग से ग्रसित हो जाते हैं। तनावग्रस्त रहने वाले लोगों को भी गैस की समस्या (Gastric Problem) अधिक होती है।

बदहज़मी के लक्षण

  • खट्टी डकारें आना,
  • खाना या खट्टा पानी (एसिड) मुंह में आ जाना,
  • गले से खरखराहट महसूस होना और सांस फूलने की भी शिकायत होना,
  • छाती के निचले भाग में दर्द का महसूस होना और उलटी करने का मन करना,
  • स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना,

गैस्ट्रिक प्रॉब्लम के कुछ प्रमुख कारण (Main Causes of Gastric Problem):

  • अनियमित जीवनशैली
  • ज्यादा तनाव
  • ज्यादा तला- भुना भोजन
  • स्मोकिंग, ड्रिंकिंग
  • राजमा, काले चने, सफेद चने, लोबिया, सूखे हरे मटर, पॉपकॉर्न, सूखी मक्कई जैसे अनाज पेट में गैस पैदा कर सकते हैं।

सामान्य उपचार

बदहजमी या गैस्ट्रिक की समस्या से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका है खानपान का ध्यान रखना। डॉक्टरों के अनुसार गैस्ट्रिक से निजात पाने के आसान उपाय निम्न हैं: 

बदहजमी के उपाय (Treatment of Gastric Problem)

  • गैस की बीमारी में उपचार के साथ अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
  • गैस्ट्रिक रोगियों को बचाव के लिये कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि रोग ज्यादा न बढ़ पाये।
  • दिन भर में मुख्य आहार 2 बार के स्थान पर 3-4 बार थोड़ी मात्रा में करें।
  • तनाव न लें और जल्दबाजी से बचें, गुस्से पर काबू रखें।
  • व्यायाम और गरम पानी पीने से भी गैस्ट्रिक के रोगियों को आराम मिलता है। 

बदहजमी के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Gastric Problem)

गैस को चिकित्सीय भाषा में अपच के रूप में जाना जाता है। गैस के लक्षण सूजन, डकार, जलन और मतली हो सकते है। गैस और अपच हमारे पेट में पाचक रस के स्राव से होने वाली समस्याएं हैं। पेट में मौजूद एसिड पेट के अंदर जलन पैदा करना शुरू कर देता है। इसमें व्यक्ति को बेचैनी, सीने और पेट में जलन महसूस होती है।

गैस की समस्या ज्यादा तैलीय या मसालेदार खाना खाने से होती है, साथ ही यदि पेट खाली है तब भी गैस की समस्या हो सकती है। बहुत ज्यादा चाय या कॉफ़ी पीने वालों को भी गैस की समस्या हो सकती है। गैस की समस्या यदि बढ़ जाए तो समस्या गंभीर हो सकती है इसलिए समय रहते इस पर काबू करना आवश्यक होता है। आइए आपको बताते हैं कुछ घरेलू उपाय जिन्हें अपनाकर आप गैस की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। 

1. धनिया (Dhaniya)

धनिया के इस्तेमाल से पेट में गैस के कारण होने वाली जलन में राहत महसूस कर सकते हैं। एक गिलास छाछ में भुना हुआ धनिया मिलाकर पीने से गैस से राहत मिलती है।

2. सौंफ के बीज (Saunf seeds)

मसालेदार या वसायुक्त भोजन करने के कारण गैस और अपच जैसी समस्याएं होती हैं, इसके लिए सौंफ के बीच से इसका इलाज संभव है। सौंफ के बीज में मौजूद तेल, मतली और पेट फूलना जैसी समस्याओं से राहत देता है। सौंफ को सुखाकर, भूनकर उसका पाउडर बना लें। दिन में दो बार इस पाउडर के इस्तेमाल से गैस से काफी हद तक राहत मिल जाती है। 

3. काली मिर्च (Black Peeper)

हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कमी को पूरा करने के लिए काली मिर्च का उपयोग बहुत कारगर हो सकता है। काली मिर्च से आमाशय रस का प्रवाह बढ़ता है, जिससे यह पाचन में मदद करती है। गुड़ में काली मिर्च का पाउडर मिलाकर अपच के दौरान छाछ के साथ लिया जा सकता है। इसके अलावा काली मिर्च, सूखे पुदीना के पत्ते, सौंठ पाउडर और धनिया बीज बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से भी अपच में फायदा होता है।

4. लौंग (Laung or Clove)

लौंग आंत गतिशीलता और जठरांत्र स्राव को बढ़ाती है जिससे गैस और अपच की समस्या खत्म हो जाती है। इसके लिए लौंग को चबाएं। पेट में जलन से छुटकारा पाने के लिए लौंग का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।

5. सेब का सिरका (Apple cider vinegar)

सेब का सिरका गैस और अपच दोनों से राहत देता है। यह हमारे पेट को आवश्यक एसिड प्रदान करता है। गैस के इलाज के लिए इसे पानी और शहद के साथ लिया जा सकता है।

6. छाछ (Butter Milk)

अपच और गैस के इलाज के लिए छाछ बहुत फायदेमंद है। इसमें अधिक लैक्टिक एसिड होता है और यह दूध की तुलना में पचने में आसान होता है।

7. बेकिंग सोडा (Baking Soda)

बेकिंग सोडा में अतिरिक्त एसिड का मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी और सामान्य रूप से एंटासिड उपलब्ध रहता है। सोडा का मूल स्वभाव नमक और पानी के गठन से पेट में अतिरिक्त हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनाना होता है। जिससे गैस से राहत मिलती है।

8. हर्बल चाय (Herbal Tea)

हर्बल चाय पाचन सहजता में प्रभावी ढंग से काम करती है। पुदीना, रैस्बेरी और ब्लैकबेरी चाय को अपच को कम करने के लिए खाना खाने के बाद लिया जा सकता है। पुदीना और कैमोमाइल (Mint and Camomile) तेज पेट दर्द होने पर फायदेमंद हैं।

9. लहसुन (Garlic)

लहसुन से मुँह में तेज गंध आ सकती है लेकिन इसकी छोटी सी कली में गैस की समस्या से राहत पाने के अभूतपूर्व गुण होते हैं। गैस को दूर करने में लहसुन बहुत फायदेमंद है। लहसुन का इस्तेमाल सूप में करने से यह पाचनशक्ति को और मजबूत करता है। इसके अलावा पानी में लहसुन को उबालकर उसमें काली मिर्च और जीरा डालें, इस घोल को ठंडा होने दें। इसे एक दिन में दो से तीन बार पीएं।

10. अदरक (Ginger)

अदरक खाने में न केवल सुगंध और चरपराहट जोड़ता है बल्कि खाने को पचाने में भी सहायक है। अदरक खाद्य पदार्थ के रूप में या अदरक की चाय में इस्तेमाल किया जाता है जिससे यह लार, पित्त रस और आमाशय रस में उत्तेजना पैदा करने में मदद करता है। कॉफी और सोडा की तुलना में अदरक की चाय पीना बहुत अधिक लाभदायक है।

11. इलायची (Elaichi)

इलायची पेट में गैस और में अपच में बहुत आरामदायक होता है। इसमें मौजूद वाष्पशील तेल पाचन विकार को दूर कर गैस और अपच से राहत देते हैं। इलायची के बीज का यूं ही सेवन किया जा सकता है या खाना पकाने, चाय आदि में भी इलायची या इलायची पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

12. नींबू (Lemon)

गैस की रोकथाम और अपच के इलाज करने वाले प्राकृतिक उपायों में से एक नींबू है। गर्म पानी के साथ नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टी, गैस और डकार से छुटकारा मिल सकता है। यह एक सफाई एजेंट के रूप में, एक रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है और पित्त रस का उत्पादन करके शरीर में पाचन तेज करता है। सुबह एक गिलास ताजे पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से भी पाचनतंत्र मजबूत होता है।

13. हींग (Hing)

हींग से पेट फूलना, पेट दर्द और कब्ज जैसी कई पाचन संबंधी समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। एक चुटकी हींग दिन में दो से तीन बार गर्म पानी के साथ ली जा सकती है।

14. अजवाइन (Ajwain)

गैस से छुटकारा पाने के लिए दादी-नानी का नुस्खा है। इसके इस्तेमाल से पेट की लगभग हर समस्या का इलाज कर सकते हैं। तत्काल राहत के लिए अजवाइन में नमक मिलाकर पानी के साथ लें।

15. गर्म पानी (Warm water)

अन्य जड़ी बूटियों और मसालों के साथ इस्तेमाल करने के अलावा सिर्फ गर्म पानी भी आपको गैस और अपच से तत्काल राहत दे सकता है। यह शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर हमारे शरीर की सफाई में मदद करता है। सुबह एक गिलास गर्म पानी और खाने के बाद गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।

वायरल बुखार (Viral Fever)
वायरल बुखार (Viral Fever)
वायरस के संक्रमण से होने वाले बुखार को वायरल फीवर (Viral Fever) कहते हैं। वायरल बुखार के वायरस गले में सुप्तावस्था में निष्क्रिय रहते हैं। ठंडे वातावरण के संपर्क में आने, फ्रिज का ठंडा पानी, शीतल पेय पीने आदि से ये वायरस सक्रिय होकर हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को प्रभावित कर देते हैं।

वायरल बुखार की जानकारी (Details of Viral Fever)

यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी तथा बड़ी तेजी से पहुँचती है। इसके विषाणु साँस द्वारा एक से दूसरे में पहुँचते हैं। फैलने के बाद फ्लू एक-दो दिन तथा कभी-कभी कुछ घंटों में सक्रिय हो जाता है। 

बच्चों में वायरल बुखार (Viral Fever in Kids)

शिशुओं के लिए वायरल और अधिक कष्टदायी होता है। इससे वे पीले तथा सुस्त पड़ जाते हैं। उन्हें श्वसन तथा स्तनपान में कठिनाई के साथ ही उल्टी-दस्त भी हो सकते हैं। इसके अलावा शिशुओं में निमोनिया, कंठशोथ और कर्णशोथ जैसी जटिलताएँ भी पैदा हो जाती हैं।

किसी अन्य रोग के साथ मिलकर वायरल बुखार रोगी की हालत को और भी खराब कर देता है। उदाहरण के लिए यदि खाँसी के रोगी बच्चे को वायरल हो जाए तो उसका तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए पेचिश और क्षय रोग के मरीजों को इससे विशेष रूप से बचाना चाहिए।

वायरल बुखार के लक्षण

  • आँखें लाल होना
  • इस बुखार में शरीर का ताप 101 डिग्री से 103 डिग्री या और ज्यादा भी हो जाता है
  • खांसी और जुकाम होना
  • जोड़ों में दर्द और सूजन होना
  • थकान और गले में दर्द होना
  • नाक बहना होना
  • बदन दर्द होना
  • भूख न लगना
  • लेटने के बाद उठने में कमजोरी महसूस करना
  • सिरदर्द होना

कारण 

वायरल बुखार शरीर के कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) की वजह से होता है। अगर शरीर की प्रतिरक्षण क्षमता या इम्यून सिस्टम मजबूत हो तो यह बीमारी जल्दी नहीं होती।  

सामान्य उपचार

वायरल बुखार का उपाय (Treatment of Viral Fever)

वायरल बुखार अकसर सामान्य बुखार ही लगता है इसलिए बुखार होने पर डॉक़्टर के पास जरूर जाना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि वायरल बुखार है या नहीं। वायरल बुखार (Viral Fever) होने पर निम्न उपाय अपनाने चाहिए: 
  • बुखार अगर 102 डिग्री तक है और कोई और खतरनाक लक्षण नहीं हैं तो मरीज की देखभाल घर पर ही कर सकते हैं।
  • मरीज के शरीर पर सामान्य पानी की पट्टियां रखें। पट्टियां तब तक रखें, जब तक शरीर का तापमान कम न हो जाए। पट्टी रखने के बाद वह गरम हो जाती है इसलिए उसे सिर्फ 1 मिनट तक ही रखें।
  • अगर माथे के साथ - साथ शरीर भी गर्म है तो नॉर्मल पानी में कपड़ा भिगोकर निचोड़ें और उससे पूरे शरीर को पोंछें।
  • मरीज को हर छह घंटे में पैरासिटामॉल (Paracetamol) की एक गोली दे सकते हैं। दूसरी कोई गोली डॉक्टर से पूछे बिना न दें।
  • बच्चों को हर चार घंटे में 10 मिली प्रति किलो वजन के अनुसार दवा दे सकते हैं।
  • दो दिन तक बुखार ठीक न हो तो मरीज को डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं।
  • साफ - सफाई का पूरा ख्याल रखें। मरीज को वायरल है, तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें और रोगी के द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें इस्तेमाल न करें।
  • मरीज को पूरा आराम करने दें, खासकर तेज बुखार में। आराम भी बुखार में इलाज का काम करता है।
  • मरीज छींकने से पहले नाक और मुंह पर रुमाल रखें। इससे वायरल होने पर दूसरों में फैलेगा नहीं।
  • वायरल फीवर में एंटीबॉयटिक दवाओं की कोई भूमिका नहीं होती। वायरल फीवर 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाता है। 
  • इस रोग का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है, रोगी को पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट लेना चाहिए।

वायरल बुखार के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies For Viral Fever)

तापमान में अचानक परिवर्तन होने या संक्रमण का दौर होने पर अधिकतर लोग बुखार से पीड़ित होते हैं। ऐसा ही एक मौसमी संक्रमण वाला बुखार होता है वायरल बुखार (Viral Fever)। इस बुखार से निपटने के लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाओं या कुछ ओटीसी (ओवर-द-काउंटर) का सहारा लिया जाता है। आप चिकित्सक के पास जाएं उससे पहले कुछ घरेलू नुस्खे आजमाकर भी बुखार को कम या इससे पूरी तरह आराम पाया जा सका है। वायरल बुखार के के लिए प्राकृतिक इलाज सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध है। आइए आपको बताते वायरल बुखार के इलाज के लिए कुछ आसान घरेलू उपचार, जो कि निम्नलिखित हैं-

1. धनिया चाय (Coriander Tea)

धनिया के बीज में phytonutrients होते हैं जो कि शरीर को विटामिन देते हैं और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाते हैं। धनिया में मौजूद एंटीबायोटिक यौगिक वायरल संक्रमण से लड़ने की शक्ति देते हैं। 

कैसे तैयार करें- एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्म्च धनिया के बीच डालकर उबाल लें। इसके बाद इसमें थोड़ा दूध और चीनी मिलाएं। धनिया की चाय तैयार है, इसे पीने से वायरल बुखार में बहुत आराम मिलता है।

2. डिल बीज का काढ़ा (Brew of Dill seed)

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और शरीर को आराम देने के अलावा, डिल बीज शरीर के तापमान को कम करने में भी उपयोगी होते हैं। इसका कारण इनमें Flavonoids Osmond Pins उपस्थिति होते हैं। डिल बीज का काढ़ा वायरल बुखार में राहत देने के साथ ही शक्तिशाली रोगाणुरोधी एजेंट का कार्य करता है। 

कैसे तैयार करें- एक कप उबलते पानी में डिल बीज डालें और उबलनें दें इसके बाद इसमें एक चुटकी दालचीनी डालें। गर्म चाय की तरह पिएं।

3. तुलसी के पत्ते का काढ़ा (Brew of Basil leaves)

वायरल बुखार के लक्षण होने पर प्राकृतिक उपचार के लिए सबसे प्रभावी और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली औषधि है तुलसी के पत्ते। बैक्टीरियल विरोधी, कीटाणुनाशक, जैविक विरोधी और कवकनाशी गुण तुलसी को वायरल बुखार के लिए सबसे उत्तम बनाते हैं। 

कैसे तैयार करें- आधे से एक चम्मच लौंग पाउडर को करीब 20 ताजा और साफ तुलसी के पत्तों के साथ एक लीटर पानी में डालकर उबाल लें। पानी को तब तक उबालें जब तक कि पानी घट कर आधा न रह जाए। इस काढ़े का हर दो घंटे में सेवन करें।

4. चावल स्टार्च (Rice starch)

वायरल बुखार के इलाज के लिए प्राचीन काल से आम घर उपाय है चावल स्टार्च (हिंदी में कांजी के रूप में जाना जाता है)। यह पारंपरिक उपाय प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देता है। यह विशेष रूप से वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों और बड़े लोगों के लिए, एक प्राकृतिक पौष्टिक पेय के रूप में कार्य करता है।

कैसे तैयार करें- एक भाग चावल और आधा भाग पानी डालकर चावल के आधा पकने तक पकाएं। इसके बाद पानी को निथार कर अलग कर लें और इसमें स्वादानुसार नमक मिलाकर, गर्म गर्म ही पिएं। इससे वायरल बुखार में बहुत आराम मिलता है। 

5. सूखी अदरक मिश्रण (Dry ginger mixture)

अदरक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। इसमें एंटी फ्लेमेबल, एंटीऑक्सिडेंट और वायरल बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए Analgesic गुण होते हैं। इसलिए, वायरल बुखार से पीड़ित लोगों को परेशानी को दूर करने के लिए शहद के साथ सूखी अदरक का उपयोग करना चाहिए।

कैसे करें तैयार- एक कप पानी में दो मध्यम आकार के सूखे टुकड़े अदरक या सौंठ पाउडर को डालकर उबालें। दूसरे उबाल में अदरक के साथ थोड़ी हल्दी, काली मिर्च, चीनी आदि को उबालें। इसे दिन में चार बार थोड़ा थोड़ा पिएं। इससे वायरल बुखार में आराम मिलता है। 

6. मेथी का पानी (Fenugreek Water)

रसोई घर में आसानी से उपलब्ध, मेथी के बीज में डायेसजेनिन, सपोनिन्स और एल्कलॉइड जैसे औषधीय गुण शामिल है। मेथी के बीजों का प्रयोग अन्य बहुत सी बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है और यह वायरल बुखार के लिए बेहतरीन औषधि है।

कैसे तैयार करें- आधा कप पानी में में एक बड़ा चमचा मेथी के बीच भिगोएँ। सुबह में, वायरल बुखार के इलाज के लिए नियमित अंतराल पर इस पेय को पिएं। कुछ और राहत के लिए मेथी के बीज, नींबू और शहद का एक मिश्रण तैयार कर उसका प्रयोग भी किया जा सकता है। 

नोट- ये केवल घरेलू उपचार हैं, और इन्हें चिकित्सा सलाह के स्थान पर प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। यदि आपका बुखार नहीं उतर रहा है तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए और उनके दिशा निर्देश का पालन करना चाहिए।

दमा (Asthma)
दमा (Asthma)
सूक्ष्म श्वास नलियों में कोई रोग उत्पन्न हो जाने के कारण जब किसी व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है तब यह स्थिति दमा रोग कहलाती है, इस रोग में व्यक्ति को खांसी की समस्या भी होती है।

दमा के लक्षण

  • जब दमा रोग से पीड़ित रोगी को दौरा पड़ता है तो उसे सूखी या ऐठनदार खांसी होती है।
  • जब रोग बहुत अधिक बढ़ जाता है तो दौरा आने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे रोगी को सांस लेने में बहुत अधिक दिक्कत आती है तथा व्यक्ति छटपटाने लगता है।
  • दमा रोग से पीड़ित रोगी को कफ सख्त, बदबूदार तथा डोरीदार निकलता है।
  • पीड़ित रोगी को सांस लेनें में बहुत अधिक कठिनाई होती है।
  • यह रोग स्त्री-पुरुष दोनों को हो सकता है।
  • रात के समय में लगभग 2 बजे के बाद दौरे अधिक पड़ते हैं।
  • रोगी को रोग के शुरुआती समय में खांसी, सरसराहट और सांस उखड़ने के दौरे पड़ने लगते हैं।
  • सांस लेते समय अधिक जोर लगाने पर रोगी का चेहरा लाल हो जाता है।
  • सांस लेते समय हल्की-हल्की सीटी बजने की आवाज भी सुनाई पड़ती है।
  • सांस लेने तथा सांस को बाहर छोड़ने में काफी जोर लगाना पड़ता है।

दमा रोग होने के कारण (Causes of Asthma in Hindi)

अस्थमा कई कारणों से होता है कई बार यह जेनेटिक तो कई बार आनुवांशिक भी हो सकता है। कई अन्य कारण निम्न हैं:  
  • औषधियों का अधिक प्रयोग करने के कारण कफ़ सूख जाने से दमा हो जाता है।
  • खान-पान के गलत तरीके से यह रोग हो सकता है।
  • मानसिक तनाव, क्रोध तथा अधिक भय के कारण भी दमा होने का एक कारण है।
  • खून में किसी प्रकार से दोष उत्पन्न हो जाने के कारण भी दमा हो सकता है।
  • नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करना भी इस रोग का कारण है।
  • खांसी, जुकाम तथा नजला रोग अधिक समय तक रहने से दमा हो सकता है।
  • भूख से अधिक भोजन खाने से दमा हो सकता है।
  • मिर्च-मसाले, तले-भुने खाद्य पदार्थों तथा गरिष्ठ भोजन करने से यह रोग हो सकता है।
  • फेफड़ों में कमजोरी, हृदय में कमजोरी, गुर्दों में कमजोरी, आंतों में कमजोरी, स्नायुमण्डल में कमजोरी तथा नाकड़ा रोग हो जाने के कारण दमा हो जाता है।
  • मनुष्य की श्वास नलिका में धूल तथा ठंड लग जाने के कारण भी दमा हो सकता है।
  • धूल के कण, खोपड़ी के खुरण्ड, कुछ पौधों के पुष्परज, अण्डे तथा ऐसे ही अन्य पदार्थों का भोजन में अधिक सेवन करने के कारण यह रोग हो सकता है।
  • मनुष्य के शरीर की पाचन नलियों में जलन उत्पन्न करने वाले पदार्थों का सेवन करने से भी दमा हो सकता है।
  • मल-मूत्र के वेग को बार-बार रोकने से यह रोग हो सकता है।
  • गर्द, धुआं, गंदगी, बदबू, गंदे बिस्तर, पुरानी किताबें और कपड़ों की झाड़, खेतों की झाड़, सख्त सर्दी, बरसात, जुकाम, फ्लू, आदि सूक्ष्म कणों का सांस द्वारा फेफड़ों में जाने से दमा हो सकता है।
  • वातावरण में प्रदूषण से होने वाली एलर्जी
  • इसके अलावा कई लोगों में कुछ निश्चित दवाओं (एस्पिरीन और बेटा- ब्लॉकर्स) के सेवन से भी दमा के रिस्क फैक्टर्स बढ़ सकते हैं।
  • अत्यधिक भावनात्मक अभिव्यक्तियां (जैसे चीखने-चिल्लाने या फिर जोरदार तरीके से हंसना भी) भी कुछ लोगों में दमा की समस्या को बढ़ाकर दौरे की स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं।
  • अस्थमा या एलर्जी का पारिवारिक इतिहास (आनिवांशिक दमा)
  • जन्म के समय कम वजन और समय से पहले बच्चों का जन्म, जन्म के पहले और / या जन्म के बाद तंबाकू के धुएं के संपर्क
  • भीड़, वायुप्रदूषण, धूल (घर या बाहर की) या पेपर की डस्ट, रसोई का धुआं, नमी, सीलन, मौसम परिवर्तन, सर्दी-जुकाम, धूम्रपान, फास्टफूड्स, तनाव व चिंता, पालतू जानवर के संपर्क में रहना और पेड़-पौधों और फूलों के परागकणों (पौधे के फूलों में पाये जाने वाले सूक्ष्म कणों को परागकण कहते हैं) आदि को शामिल किया जाता है।

सामान्य उपचार

अस्थमा से बचाव (Prevention and Treatment of Asthma In Hindi)

अस्थमा के रोगी को विपरीत माहौल में बेहद संभल कर रहना चाहिए। मौसम बदलते समय अपना अच्छे से ख्याल रखना चाहिए। इसके साथ ही कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए जैसे: 
  • रोगी को गर्म बिस्तर पर सोना चाहिए। 
  • धूम्रपान नहीं करना चाहिए। 
  • भोजन में मिर्च-मसालेदार चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • धूल तथा धुंए भरे वातावरण से बचना चाहिए। 
  • मानसिक परेशानी, तनाव, क्रोध तथा लड़ाई-झगडों से बचना चाहिए। 
  • शराब, तम्बाकू तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। 

अन्य उपचार

  • होमियोपैथी
  • आयुर्वेद
  • नेचुरोपैथी

अस्थमा के घरेलू उपचार (Home Remedies For Asthma)

  • लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
  • अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है। सबेरे और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।
  • अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है।
  • दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है।
  • 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
  • 180 मिमी पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। मिश्रण को ठंडा होने दें, उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस भी मिलाया जा सकता है। इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल दमा उपचार में कारगर माना गया है।
  • मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है।
  • एक पका केला छिलका लेकर चाकू से लम्बाई में चीरा लगाकर उसमें एक छोटा चम्मच दो ग्राम कपड़ा छान की हुई काली मिर्च भर दें। फिर उसे बगैर छीले ही, केले के वृक्ष के पत्ते में अच्छी तरह लपेट कर डोरे से बांध कर 2-3 घंटे रख दें। बाद में केले के पत्ते सहित उसे आग में इस प्रकार भूने की उपर का पत्ता जले। ठंडा होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें।

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  • Tomorrow is the first blank page of a 365-page book. Write a good one. – happy new year quotes images from Brad Paisley
  • “Write it on your heart that every day is the best day in the year.” – new year quotes 2019 From Ralph Waldo Emerson
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  • My endowment of unqualified love I provide for you, with genuineness, gifts, and faithfulness as well. Have a great New Year my dear
  • We may not be flawless, but rather we are family, and there is no one that I all the more genuinely wish to have a really happy New Year.
  • All the best to my adored companion for a magnificent year ahead. In spite of the fact that we’re miles separated, you are dependable in my musings and supplications.
  • Wishing you and your family to have endless bliss and success more gifts to come this coming new year. Happy New Year
  • May this New Year bring numerous open doors your way, to investigate each delight of life and transforming everything you could ever want into reality and every one of your endeavors into extraordinary accomplishments. Happy New Year 2019
  • May you have a year that is loaded up with adoration, chuckling, brilliance, and expectation. Wishing you a Happy New Year 2019
  • New year is another opportunity to get Stronger, to eat Better. Furthermore, to live Healthier and to be the best form of you
  • A sound outside begins from within. Furthermore, Happy New Year 2019

HAPPY NEW YEAR 2019 QUOTES IN HINDI

  • आनेवाला यह साल आपके लिए सबसे अच्छा रहें, और ईष्वर आपको और ज़्यादा कामयाब बनाएं. इसी दुआ के साथ आपको.
  • बीते साल को विदा इस कदर करते है, जो नही किया अब तक वो भी कर गुजरते है, नया साल आने की खुशियाँ तो सब मनाते है, चलो हम इस बार बीते साल की यादों का जश्न मनाते है.
  • हम साल के अंतिम चरण में हैं। बस मैंने सोचा कि मुझे हर किसी को धन्यवाद देना चाहिए जिसने मुझे मुस्कराहट दी। आप उन लोगों में से हैं … धन्यवाद और नया साल मुबारक हो!
  • जब भी मैं नए साल की शुभकामनाएं 2019 पर विचार करता हूं, मुझे विश्वास है। यहां तक कि अगर हम मीलों अलग हैं, तो आप हमेशा अच्छी तरह से वांछित हैं और प्रार्थना करते हैं। एक शानदार नया साल है!
  • हो सकता है कि नए साल में ईश्वर आपके प्रति दयालु हो!
  • मैं ईमानदारी से उम्मीद करता हूं कि आप में से हर एक नए साल में सबसे अच्छा साल हो जाता है
  • मई यह नया साल आपको वास्तविक बदलाव लाएगा, एक नए पैकेज में पुरानी आदतों की पुनरावृत्ति नहीं!

New Year Whatsapp Status In Hindi

  • नया साल मुबारक हो!! इस साल काफी सरल नहीं होता - तुम्हारे बिना .... हमेशा यहां रहने के लिए धन्यवाद
  • खूबसूरत पल के रूप में आपको नया साल मुबारक करना, आशीर्वाद के अधिकांश के साथ खजूर यादें एक दिल समझ सकता है
  • नए साल का जश्न नहीं होगा, अगर मैं नहीं देखता, तुम्हारे बिना यह आप मेरा जीवन को अर्थ देते हैं

Happy New Year Status In English 

  • I wanna kiss you on December 31st from 11:59 pm to 12:01 am, so I can have an amazing ending to 2016 & a beautiful beginning into 2019.
  • The object of a new year is not that we should have a new year. It is that we should have a new soul.
  • Wishing you a fabulous 2019 with full of great achievements and experiences. A meaningful chapter waiting to be written HAPPY NEW YEAR!
  • The new year stands before us, like a chapter in a book, waiting to be written. We can help write that story by setting goals.

HAPPY NEW YEAR QUOTES FOR MOTIVATION

  • We are in the end stage of the year. Just thought I need to thank everybody who made me grin. You’re of those goes… thank you and a very happy new year!
  • Whenever I consider the New Year Wishes 2019, I believe you. Even if we’re miles apart, you’re always desired well and prayed for. Have a fantastic new year!
  • Wish Joys And Happiness On This New Year 2019 Balloon On Your Life As Flowers In Your Backyard. From quotes for new year 2019.

HAPPY NEW YEAR 2019 WISHES

  • New Year’s most glorious light is sweet hope!
  • “Let our New Year’s resolution be this: we will be there for one another as fellow members of humanity, in the finest sense of the word.” – Goran Persson
  • Cheers to a new upcoming year and another chance to make new right decisions. – Oprah Winfrey
  • The character is the ability to carry out a good resolution long after the excitement of the moment has passed. – happy new year wishes 2019 images from Cavett Robert
  • To have the sort of year you want, something must happen that you can’t explain why it occurred. Something must happen that you can’t coach.

HAPPY NEW YEAR 2019 WHATSAPP STATUS

  • Perhaps never needing me was the start of me needing myself.
  • Never return to anything busted you.
  • Sometimes I only want I’ could quickly forward the opportunity to find out whether in the end, it is all worthwhile.
  • I began with nothing and still have all of it:-RRB-
  • Be someone who makes everyone feel like a somebody.
  • You have to expect things of yourself before you can perform them.
  • The goal of existence is a life of purpose.
  • Man wants his problems as they’re required to enjoy success.
  • Great fantasies of good dreamers are constantly transcended.

HAPPY NEW YEAR 2019 WHATSAPP STATUS FOR HER

  • I’m not particular, I am only a limited variant.
  • It is difficult to overlook a person who gave you a lot to recall.
  • Enjoy occasionally comes just like a dream and resembles a nightmare.
  • I’ll wed the woman that look as pretty like within her Aadhaar card!!!!
  • Do not play me since I’m the winner. .
  • My design is unique do not copy it!
  • There’s No Scale To Assess the love. .

Happy New Year 2019 Status

  • As the year reaches an end, don’t think back on yesterday’s failure. look forward to God’s guarantees yet to unfurl. Happy New Year 2019
  • This is the start of anything you need. Happy New Year
  • 2019 I’m Ready. Time to move on to better things
  • A New Year *Renewed Hope *New Opportunities *New Adventures *New Ways to give and love may this be your greatest year ever!
  • I cheer in what I have, and I welcome the new year with open arms

HAPPY NEW YEAR 2019 WISHES FOR GIRLFRIEND

  • I’d say a happy new year, but it is not pleased; it is precisely the same as last year except colder.
  • For my new year’s resolution I’ll never again take a sleeping pill and a laxative on the same night The object of a new year isn’t that we need to have a new season.

HAPPY NEW YEAR 2019 WISHES FOR BOYFRIEND

  • The time of our life is going to start. Dear husband, I admire your love. Let us step into 2019.
  • You are a pillar of strength and support for me. I am blessed to have an terrific partner like you. Happy New Year.
  • My new year’s resolution is to be optimistic by maintaining my cup half-full with rum, vodka, or whiskey. Each year you resolve to change yourself… this year make a resolution to be yourself!
  • Good friends are hard to discover. Thank you. You have.
  • Your friendship has been true blue. Hope you will be glad that the new year through. Happy New Year!
  • I despise the minute,if my anger turns out to tears. .
  • I broke up with my fitness center. We’re simply not exercising.
  • Deal with your issues until they handle your pleasure.
  • My life can be measured in hours

NEW YEAR STATUS FOR FACEBOOK

  • Tomorrow is your very best time to do whatever you’d intended now
  • Life is too short to be worried about dumb things. Take fun, fall in love, and regret nothing.
  • My mindset is dependent on the way to treat me.
  • Always remember you’re unique, exactly like everybody else.
  • I’m multi talented, I can talk and piss you off at precisely the exact same moment.
  • I understand I’m awesome, so I do not care about your view.

NEW YEAR 2019 COOL WHATSAPP STATUS

  • Hakuna Matata!! –the fantastic motto to live existence!!
  • Cost is what you pay. Value is what you receive.
  • The fantastic thing in life are far much better for you personally.
  • Forever is extended time but I would not mind spending all on your side.
  • You make my heart go….
  • Together with you, I ignored the warning signals.
  • Life isn’t occurring but reacting to me!
  • Sleepless Nights, Limitless Fears;
  • You overcome and They evaporate!

HAPPY NEW YEAR WISHES FOR FRIENDS AND LOVE

  • Good friends are hard to discover. Thank you. You have.
  • Your friendship has been true blue. Hope you will be glad that the new year through. Happy New Year!
  • Last year was an exceptional season for me because I had a valuable you in my life. This year I would like to keep this connection with a little more excitement and positivity.

Happy New Year Images 2019 Funny for Whatsapp

  • Plan for an impressive future And Don’t Listen To People Who Tell You It Can’t Be Done. Life’s Too Short To Think Small. Happy New Year 2019
  • It Doesn’t Matter Where You Came From. The only thing that is in any way important Is Where You Are Going. Happy New Year Everyone
  • Every time you detach a leaf a date-book, you present a new place for new thoughts and advancement. Happy New Year Everyone
  • New Year’s Day. A new beginning. A new section in life holding up to be composed. New inquiries to be asked, grasped and cherished. Answers to be found and after that lived in this transformative year of joy and self-disclosure.

Happy New Year 2019 Wishes For Friends, Girlfriend, Family & Grandparents

  • The awful news is time flies. The uplifting news is you’re the pilot
  • Compose it on your heart that every day is the greatest day in the year. Happy New Year
  • One goal I have made, and attempt dependably to keep, is this — To transcend the seemingly insignificant details
  • It is hard to embrace current circumstances, strange to live later on, and difficult to live previously. Nothing is as far away as one moment back
  • Gain from yesterday, live for now, seek after tomorrow. Happy New Year 2019Numerous years back I settled never to mess with New Year’s goals, and I’ve stayed with it ever since

HAPPY NEW YEAR FUNNY WISHES

  • I don’t have a new year’s resolution you don’t need that crap when you’re perfect.
  • Dear 2019, make sure you don’t come up with temporary people.
  • Dear Luck… Can we be friends in 2019? 
  • My new year’s resolution is to stop lying to myself about making lifestyle changes.
  • Get ready to make this mistake soon in 2019…
  • New Year’s Resolution: Option A: lose weight. Option B: Buy a Bigger Basket

HAPPY NEW YEAR 2019 GREETINGS

  • May the new year be filled with brightness and hope so that darkness and sadness stay away from you. Happy New Year!
  • Cheers to the New Year, which will hopefully be full of good luck and happiness. Happy New Year!

HAPPY NEW YEAR 2019 GREETINGS FOR BOSS

  • “Respected Sir, I On the occasion of This New Year’s Day, Hope this upcoming New Year brings inspiration”
  • New Year Isn’t about altering the Dates-but Direction; It is not all about changing the Calendar, changing the Tasks but Attitude.

HAPPY NEW YEAR 2019 CLASSY WHATSAPP STATUS

  • Might the New Year provides you the power to handle the troubles of courage and life to correct the sail to carry every single situation into an own stride.
  • New Year may be your opportunity to consider all of the memories we all talk, each of the entertaining things we all did all of the keys we all pumped out to get space is your previous thing which may cause a rift within our friendship.
  • Can the New Year enhances our own life by means of your love, closeness, and discussing! Happy New Year 2019, My Dear Sweet Heart!

HAPPY NEW YEAR 2019 SMS FOR BOYFRIEND AND GIRLFRIEND

  • May God be compassionate for you in the New Year!
  • The most painful memory of Happy New Year 2019. . Once I walked away and you let me go.
  • Happy 2019 to all. Have a magical, rocking and happening new year ahead.
  • Every man should be born afterward on the first day of January.
  • So many women and men are lonely with this year’s last day because they build walls instead of bridges.

HAPPY NEW YEAR 2019 INSTAGRAM CAPTIONS

  • I wish you devote an extraordinary year ahead that starts with bliss and finishes with this, also. Glad New Year!
  • Upbeat New Year! Have more ideas, accomplishment, love and never repent!
  • Wishing you beautiful minutes, adored recollections and each of the favors that a heart can understand. Cheerful New Year!
  • I’ve chosen this is going to be a good year.
  • This season I will go through the occasion!

HAPPY NEW YEAR GREETINGS FOR PARENTS

  • Dreams, which I thought were impossible to achieve, have now come true and it is all because of the teachings and values that you instilled in me in these years. Make 2019 more beautiful with your support.
  • Every time I go down on my knees, you lift me up and encourage me to move forward. You put a smile when I am low and you make me happy when I am sad. Continue to fill up my life with happiness and knowledge even in 2019.

TAMIL NEW YEAR 2019 WHATSAPP STATUS

  • Can the friendship that you generated Within the previous years that have a fantastic hub possibly create your fresh jobs a fantastic accomplishment in Brand New calendar year.
  • The near long run beforehand holds lots of openings for you personally. Be amenable to fluctuations. Joyful New Yr.

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Satish Kumar

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