भारतीय टीम के विकेटकीपर व बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी का आज 36वां जन्मदिन है। माही के नाम से मशहूर धोनी का जन्म सात जुलाई 1981 को रांची में हुआ था। धोनी झारखंड के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। धोनी अभी वेस्टइंडीज में पांच मैच की वनडे सीरीज और एक टी20 मुकाबला खेलने में व्यस्त हैं। धोनी एक दशक से भी ज्यादा समय तक विकेटकीपर, बल्लेबाज, कप्तान हर भूमिका में फिट रहे।
1. 2004 से शुरू हुआ था करियर
महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम जो क्रिकेट इतिहास में अविष्मरणीय है, 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के जमीं पर अपने करियर की शुरूआत करने वाले धोनी ने जब पहले ही मैच में बिना खाता खोले रनआउट हो गए तो किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य का लीजेंड क्रिकेटर बनकर उभरेगा।
महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम जो क्रिकेट इतिहास में अविष्मरणीय है, 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के जमीं पर अपने करियर की शुरूआत करने वाले धोनी ने जब पहले ही मैच में बिना खाता खोले रनआउट हो गए तो किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य का लीजेंड क्रिकेटर बनकर उभरेगा।
2. हेलीकॉप्टर शॉट का ट्रेंड
धोनी ने मॉडर्न क्रिकेट को अपने नजरिए देखना शुरू किया, पहले तो पाकिस्तान के खिलाफ 148 और श्रीलंका के खिलाफ 183 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलकर सभी को चौंकाया। 'हेलीकॉप्टर शॉट' की इजाद सिर्फ और सिर्फ धौनी ही कर सके। उनके अलावा आज तक और कोई भी बल्लेबाज के द्वारा ऐसा शॉट खेलते हुए नहीं देखा गया।
धोनी ने मॉडर्न क्रिकेट को अपने नजरिए देखना शुरू किया, पहले तो पाकिस्तान के खिलाफ 148 और श्रीलंका के खिलाफ 183 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलकर सभी को चौंकाया। 'हेलीकॉप्टर शॉट' की इजाद सिर्फ और सिर्फ धौनी ही कर सके। उनके अलावा आज तक और कोई भी बल्लेबाज के द्वारा ऐसा शॉट खेलते हुए नहीं देखा गया।
3. टी-20 का पहला विश्व कप
ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से छाए धौनी को टी-20 की कप्तानी सौंपी गई और 2007 में पाकिस्तान को फाइनल में हराकर पहला टी-20 विश्व कप भारत के झोली में डाली। इसके बाद धौनी का ओहदा लगातार बढ़ता गया और वनडे-टेस्ट की कप्तानी भी मिल गई। पहले टेस्ट में और फिर वनडे में टीम इंडिया को बादशाहत हासिल हुई।
ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से छाए धौनी को टी-20 की कप्तानी सौंपी गई और 2007 में पाकिस्तान को फाइनल में हराकर पहला टी-20 विश्व कप भारत के झोली में डाली। इसके बाद धौनी का ओहदा लगातार बढ़ता गया और वनडे-टेस्ट की कप्तानी भी मिल गई। पहले टेस्ट में और फिर वनडे में टीम इंडिया को बादशाहत हासिल हुई।
4. 2011 का वर्ल्ड कप
2007 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश से हार के बाद वर्ल्ड कप से बाहर हो जाने के बाद टीम इंडिया नए जोश-खरोश के साथ 2011 के वर्ल्ड कप में पहुंची थी। धौनी की कप्तानी में जीत की शुरूआत बांग्लादेशियों को बांग्लादेश की जमीं पर हराकर ही शुरू किया। इसके बाद आयरलैंड, नीदरलैंड, वेस्ट इंडीज को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। जहां भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हुआ और टीम इंडिया ने कंगारुओं को 5 विकेट से हरा दिया।
2007 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश से हार के बाद वर्ल्ड कप से बाहर हो जाने के बाद टीम इंडिया नए जोश-खरोश के साथ 2011 के वर्ल्ड कप में पहुंची थी। धौनी की कप्तानी में जीत की शुरूआत बांग्लादेशियों को बांग्लादेश की जमीं पर हराकर ही शुरू किया। इसके बाद आयरलैंड, नीदरलैंड, वेस्ट इंडीज को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे। जहां भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हुआ और टीम इंडिया ने कंगारुओं को 5 विकेट से हरा दिया।
5. सेमी में पाकिस्तान और फाइनल में श्रीलंका को धूल चटाया
इसके बाद सेमीफाइनल में अपने चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 29 रनों से हराकर फाइनल में एंट्री की। जिसके बाद फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हरा दिया और भारत 28 साल बाद दूसरा विश्व कप धौनी के कप्तानी में जीत लिया। इसका श्रेय सचिन तेंदुलकर ने खुद धौनी को भी दिया।
इसके बाद सेमीफाइनल में अपने चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 29 रनों से हराकर फाइनल में एंट्री की। जिसके बाद फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हरा दिया और भारत 28 साल बाद दूसरा विश्व कप धौनी के कप्तानी में जीत लिया। इसका श्रेय सचिन तेंदुलकर ने खुद धौनी को भी दिया।
6. विश्व कप जीतने के बाद सिर मुंडवाया
2011 के बाद भारतीय टीम अब दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बन गई थी और धौनी करोड़ों हिन्दुस्तानियों के दिलों पर राज करने लगे। उन्होंने न सिर्फ सचिन तेंदुलकर का बल्कि हर एक क्रिकेट प्रेमियों का सपना पूरा किया। धौनी ने मन्नत मानी थी कि विश्वकप जीतने के बाद अपने सिर मुंडवा लेंगे, जोकि विश्व कप जीतने के दूसरे दिन देखने को भी मिला।
2011 के बाद भारतीय टीम अब दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बन गई थी और धौनी करोड़ों हिन्दुस्तानियों के दिलों पर राज करने लगे। उन्होंने न सिर्फ सचिन तेंदुलकर का बल्कि हर एक क्रिकेट प्रेमियों का सपना पूरा किया। धौनी ने मन्नत मानी थी कि विश्वकप जीतने के बाद अपने सिर मुंडवा लेंगे, जोकि विश्व कप जीतने के दूसरे दिन देखने को भी मिला।
7. टेस्ट टीम से संन्यास
30 दिसंबर 2014 को धौनी ने टेस्ट टीम से संन्यास ले लिया। धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले। उन्हीं की कप्तानी में भारतीय टीम टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम बनी। जिसके बाद विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान बने।
30 दिसंबर 2014 को धौनी ने टेस्ट टीम से संन्यास ले लिया। धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट मैच खेले। उन्हीं की कप्तानी में भारतीय टीम टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम बनी। जिसके बाद विराट कोहली टेस्ट टीम के कप्तान बने।
8. चैंपियंस ट्रॉफी में मिली जीत
टी-20 और विश्व कप जीताने के बाद अब धौनी की निगाहें मिनी वर्ल्ड कप कहे जाने वाले 'चैंपियंस ट्रॉफी' पर थी। 2013 में धौनी ने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल जीतकर इसे भी भारत के झोली में डाल दिया।
टी-20 और विश्व कप जीताने के बाद अब धौनी की निगाहें मिनी वर्ल्ड कप कहे जाने वाले 'चैंपियंस ट्रॉफी' पर थी। 2013 में धौनी ने इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल जीतकर इसे भी भारत के झोली में डाल दिया।
9. वनडे टीम की कप्तानी छोड़ी
धौनी को वनडे और टी-20 से 4 जनवरी 2017 को कप्तानी छोड़ने पड़ी। उन्होंने कुल 199 वनडे और 72 टी-20 मैचों में कप्तानी की। रिकी पोंटिंग और स्टेफिन फ्लेमिंग के बाद धौनी एकलौते ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने अपने देश के लिए सबसे ज्यादा वनडे मैचों के लिए कप्तानी की।
धौनी को वनडे और टी-20 से 4 जनवरी 2017 को कप्तानी छोड़ने पड़ी। उन्होंने कुल 199 वनडे और 72 टी-20 मैचों में कप्तानी की। रिकी पोंटिंग और स्टेफिन फ्लेमिंग के बाद धौनी एकलौते ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने अपने देश के लिए सबसे ज्यादा वनडे मैचों के लिए कप्तानी की।
10. सचिन जैसे धौनी-धौनी की गूंज
एक समय था जब ग्राउंड पर मास्टर ब्लाटर सचिन तेंदुलकर उतरते थे तो सचिन-सचिन की गूंज पूरे देश में सुनाई देती थी। महेंद्र सिंह धोनी भारत का दूसरे ऐसे लीजेंड प्लेयर्स में है, जो मैदान पर कदम रखते ही धोनी-धोनी की गूंज सिर्फ स्टेडियम में नहीं बल्कि देश के हर घरों से सुनाई देती है।
एक समय था जब ग्राउंड पर मास्टर ब्लाटर सचिन तेंदुलकर उतरते थे तो सचिन-सचिन की गूंज पूरे देश में सुनाई देती थी। महेंद्र सिंह धोनी भारत का दूसरे ऐसे लीजेंड प्लेयर्स में है, जो मैदान पर कदम रखते ही धोनी-धोनी की गूंज सिर्फ स्टेडियम में नहीं बल्कि देश के हर घरों से सुनाई देती है।
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