![पाकिस्तान को लगा झटका, अमेरिका ने रोकी 350 मिलियन डॉलर की मदद...blocks usd 350 mn aid to pak पाकिस्तान को लगा झटका, अमेरिका ने रोकी 350 मिलियन डॉलर की मदद...blocks usd 350 mn aid to pak](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi1J6kOgPWGPh2iNSEc-7CdyYuzo8JaXzfFOiOTTmQsyr1ntry8ntzviuH_zukA-HR6lm1ywdJl01zEC4sozBLFs5pTCJwSjm53D968JM6Yb9X68Tn-zDgwFht-qUvLkc9Nvo9ct0ESXIM/s1600/Flipkart-Snapdeal-Mergssssssssa-Azim-Premji.jpg)
अमेरिकी रक्षा विभाग ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैकड़ों मिलियन डॉलर की मदद रोक दी है। तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के खात्मे में पाकिस्तान की ओर से मदद न मिलने के बाद गुस्साए अमेरिका ने ये कदम उठाया है, जिसके तहत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के तौर पर पाकिस्तान को मिलने वाली 350 मिलियन डॉलर का पैकेज रोक दिया गया है।
— Press Trust of India (@PTI_News) July 21, 2017
खास बात ये भी है कि अमेरिका कई बार पब्लिक प्लेटफॉर्म से पाकिस्तान को ये बता चुका है कि हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान आर्मी और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई पूरी सुविधाएं देते हैं ताकि वो अफगानिस्तान में हमला करके अमेरिका और अफगानिस्तान को ब्लैकमेल कर सके। यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो आतंकवाद के मसले पर कोई समझौता नहीं करेंगे। ट्रम्प का ही डर था कि पाकिस्तान ने उनकी सरकार बनते ही हाफिज सईद जैसे आतंकी को नजरबंद कर दिया।
इससे पहले, अमेरिकी सीनेटर ने पाकिस्तान को खुले शब्दों में कहा था कि वो या तो तालीबान के हक्कानी नेटवर्क के खात्मे में मदद करे, नहीं तो पाकिस्तान को लेकर अमेरिका अपनी पॉलिसी में बदलाव ला सकता है। ये बदलाव पाकिस्तान को मित्र देशों की लिस्ट से बाहर निकालने के साथ ही पाकिस्तान की मदद भी रोकने जैसी हो सकती है। अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन पाकिस्तान की यात्रा के बाद अफगानिस्तान पहुंचे थे।
उन्होंने कहा था कि अमेरिका अफगानिस्तान में अपने और सैनिकों को भेज रहा है, ताकि अफगानी सुरक्षा बलों को सही ट्रेनिंग देकर तालिबान का खात्मा किया जा सके। पर तालिबान को मदद पाकिस्तान के रास्ते मिलती है, ऐसे में पाकिस्तान को अमेरिका की मदद करनी होगी, खासकर हक्कानी नेटवर्क के खात्मे में। वर्ना अमेरिका अब अपना स्टैंड बदल सकता है। इससे पाकिस्तान को बड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन ने काबुल में ये बातें कहीं थी।
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर से आतंकवादियों को उखाड़ फेंकना होगा। जिसके लिए अमेरिका उसे मदद दे रहा है। पर पाकिस्तान ये काम न करके, उल्टे आतंकवादियों की ही मदद करता है। जॉन मैक्केन ने साथ ही ये भी कहा कि अगर पाकिस्तान अपना व्यवहार नहीं बदलता, तो पाकिस्तान के लिए एक देश के तौर पर अमेरिका की सोच और व्यवहार में बदलाव आ सकता है।
पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी मदद रुकने से पहले ये इशारे की तरह था, इसके बावजूद पाक नहीं चेता। जिसके बाद अमेरिकी रक्षा विभाग ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता राशि पर रोक लगा दी।
इस दिखावे के बावजूद पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क पर कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का फैसला किया। आतंकवाद के खिलाफ काईवाई के लिए अमेरिका ने एक कोएलिशन फंड बनाया था। इसी फंड के तहत पाकिस्तान को अमेरिका से 2250 करोड़ रुपए की मदद मिलनी थी। ये रकम पाकिस्तान आर्मी को जाती लेकिन अमेरिका ने अब इस पर रोक लगा दी है। अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी (हमारे यहां रक्षा मंत्री) जेम्स मैटिस ने शुक्रवार को देश के सांसदों को मदद पर रोक लगाने की जानकारी दी। कहा- पाकिस्तान को हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ जो कार्रवाई करनी चाहिए थी, वो उसने नहीं की। लिहाजा, ये मदद रोकी जाती है। पेंटागन का ये फैसला ऐसे वक्त आया है जबकि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन अफगानिस्तान और पाकिस्तान को लेकर पॉलिसी रिव्यू कर रहा है। इसका मतलब ये है कि अमेरिका पाकिस्तान पर और भी कड़े फैसले ले सकता है।
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