भारत-चीन सीमा विवाद दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है. जहाँ एक तरह भारत अमेरिका और जापान बड़े तर्ज़ पर मालाबार एक्सरसाइज कर रहे हैं. तो वहीँ अब चीन भी हज़ारो टन सैन्य साजो सामान के साथ सीमा पर सैन्य अभियान करने आ गया है. चीन अकेला नहीं है जिसका भारत के साथ विवाद है, चीन के अड़ियल रवैये के कारण उसका 21 देशों के साथ विवाद चल रहा है. नौबत यहाँ तक पहुंच चुकी है कि दोनों देशों की सेनाएं तक आमने-सामने खड़ी हो गयी हैं. ऐसे में अब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया देश भी भारत के बचाव में कूद पड़े हैं.
भारत के बचाव में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन पर बोला हमला
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी बड़ी खबर आ रही है जिसमें भारत के साथ चीन के विवाद और दक्षिण चीन सागर में अपना कब्ज़ा ज़माने के अड़ियल रवैये को लेकर अब भारत के बचाव में मित्र राष्ट्र अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी कूद पड़े हैं. चीन की बढ़ती राजनीतिक और सैन्य महत्वकांक्षाओं को लेकर कड़े लहजे में अमेरिकाओर ऑस्ट्रेलिया ने चीन को अंतिम चेतावनी दे दी है.
जहाँ एक तरफ शीर्ष पेंटागन कमांडर ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के हज़ारों टन सैन्य जमावड़े को लेकर चीन को चेतावनी दी है तो वहीँ ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन सागर पर चीन के कब्ज़ा करने की चीनी तिकड़म का विरोध किया है. यह है पीएम मोदी की विदेश कूटनीति जहाँ एक मित्र देश पर मुसीबत आती है तो वहां दूसरे देश बचाव में आ जाते हैं.
भारत के साथ कुछ हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे
अमेरिकी वायुसेना के जनरल पॉल सेल्वा ने कहा कि चीनी सेना का आधुनिकीकरण एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य तकीनीकी बढ़त के लिए विश्व के लिए एक चुनौती बन सकता है. सेल्वा ने आगे कहा, ‘चीनियों ने अपने क्षेत्रिय राजनीतिक लक्ष्यों को बढ़ाने के मकसद से अपने आर्थिक लाभ का दोहन की तत्परता दिखाई है. चीन का सैन्य आधुनिकीकरण जारी रहने से अमेरिका और उनके मित्र व सहयोगियों के लिए चीनी प्रभाव को संतुलित करना चुनौती बना रहेगा”.
तो वहीँ ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री भारत के दौरे पर आई जूली बिशप ने भी कुछ इसी तरह चीन की सैन्य महत्वकांक्षाओं का कड़े लहजे में विरोध किया है. बिशप ने विवादित दक्षिण चीन सागर में जहाज़ों का बेरोक परिचालन सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि चीन द्वारा ज़बरदस्ती कृत्रम द्वीप बनाने और वहां सैन्यकरण का उनका देश पूरी तरह विरोध करता है.
इसी बीच डोकलाम क्षेत्र को लेकर भारत और चीन में जारी तनातनी के बीच अमेरिका के एक पूर्व शीर्ष राजनयिक ने भारत का पक्ष लेते हुए भारत को इस क्षेत्र की मजबूत शक्ति बताया है. अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री (दक्षिण और सेंट्रल एशिया) निशा देसाई विस्वाल ने कहा है कि विस्वाल ने कहा कि चीन को एक अहम ताकत के रूप में भारत का सम्मान करना चाहिए. आगे उन्होंने कहा, ‘चीन को यह बताने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए कि पूरे एशिया में रणनीतिक और सुरक्षा की क्षमता बढ़ती जा रही है. भारत इस क्षेत्र की मजबूत शक्ति है.’
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