![अमेरिका ने कहा, सीमा विवाद पर आपस में बात करें भारत-चीन america wants direct dialogue between india and china to defuse doklam tensions अमेरिका ने कहा, सीमा विवाद पर आपस में बात करें भारत-चीन america wants direct dialogue between india and china to defuse doklam tensions](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjNDHu8GxKG594XjLB5CqHFJVYYqCP7j4QQ4u_tKRRsY4X0bBGQIIXYDE-CsxbbYCosYIuZRpUJHwyqCzm4WJ1lUe45qJ3yePqihFU7_3_QDoq33dUFwg-Bfyi-6hwoHxzg92mz-LgFisI/s320/Flipkart-Snapdeal-Merger-Ratan-Tata-Azim-Premji.jpg)
दोनों देशों को साथ काम करना चाहिए
नौट ने कहा, हम विश्वास करते हैं कि शांति के लिए दोनों तरफ के लोगों को साथ काम करना चाहिए. इसके लिए कुछ बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए. इस प्रांत का भारतीय नाम डोका ला है, जिसे भूटान डोकालाम कहता है. वहीं चीन दावा करता है कि वह उसका अपना क्षेत्र डोंगलांग प्रांत है.
जम्मू-कश्मीर से अरुणांचल प्रदेश के बीच 3488 किमी लंबा भारत चीन बॉर्डर सिक्किम में 220 किमी पड़ता है.पूर्व राजनयिक ने भारत को बताया था एक शक्ति
इससे पहले अमेरिका की एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि भारत 'एक शक्ति है, जिसे चीन को मानना होगा'. साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के व्यवहार तथा एकतरफा कार्रवाइयों के कारण क्षेत्र के देश प्रभावित हो रहे हैं. सहायक विदेश मंत्री, दक्षिण एवं मध्य एशिया रह चुकीं भारतीय मूल की अमेरिकी निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि चीन को ये मान लेना चाहिए कि एशिया में रणनीतिक एवं सुरक्षात्मक क्षमता बढ़ रही है और निश्चित तौर पर भारत को एक शक्ति के रूप में मानना होगा.'
आक्रामक हरकतों के संदेश
बिस्वाल, ओबामा प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों के लिए एक अहम व्यक्ति रही हैं. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से विभिन्न सीमावर्ती बिंदुओं पर समुद्र में एवं ज़मीन दोनों पर आक्रामक हरकतें की जा रही हैं और ऐसे संकेत भेजे जा रहे हैं.
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