![ब्रेकिंग – भारत को हराने के लिए चीन के मास्टर प्लान का हुआ खुलासा, पीएम मोदी भी रह गए हैरान ! china flood disaster to defeat india ब्रेकिंग – भारत को हराने के लिए चीन के मास्टर प्लान का हुआ खुलासा, पीएम मोदी भी रह गए हैरान ! china flood disaster to defeat india](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiNH7VzEh-yU4dpm2efYg5dXpGAyj5wONOSIT3Y6cS-PqropTWGG5qYCi8a0uM3azDa8Dq5akscoN9aJG2oo9_YRks2AkHW8RGV-_o0iCCAbbybV_7Ls9R7rUZ-cRTU6r4RN1iDGBDbdzs/s1600/Flipkart-Snapdeal-Merger-Ratan-Tata-Azim-Premji.jpg)
भारत को बाढ़ में डुबोने की तैयारी कर रहा है चीनी !
बताया जा रहा है कि भारत को मिल रहे अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के कारण चीन भारत पर सीधा हमला करने की जगह पानी को हथियार के रूप में इस्तमाल करने की साजिश कर रहा है. मानसून के दौरान चीन में ऊंचाई पर स्थित झीलों और नदियों की बाढ़ को चीन भारत के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है.
चीन से भारत आने वाली इन नदियों में बाँध को तोड़ के या उसे खोल के यदि अचानक काफी सारा पानी आ जाता है तो भारत के नार्थ ईस्ट इलाकों में भयानक बाढ़ से भारी तबाही मच सकती है.
ट्रांसबाउंड्री निगरानी नीति का पालन नहीं करता चीन
बता दें कि 2002 में ब्रह्मपुत्र की बाढ़ ने भारत में भारी तबाही मचाई थी. उस दौरान नेपाल, भारत और चीन ने ट्रांसबाउंड्री निगरानी नीति पर सहमति जताई थी, जिसमे ये प्रावधान रखा गया कि तीनो देश आपस में झील, बांध टूटने, ऊंचाई वाले इलाकों में बादल फटने या ज्यादा बारिश होने से बाढ़ आने की सूचना आपस में साझा करेंगे, लेकिन चीन ने कभी भी इस नीति का पालन नहीं किया.
सोती रहीं पिछली सरकारें
वैज्ञानिकों ने जब ब्रह्मपुत्र के पानी की जांच की तब उन्हें पता चला कि ये पानी तो किसी पुरानी झील का है, जिसे चीन ने चुपचाप ब्रह्मपुत्र नदी में खोल दिया होगा और इस बारे में चीन ने भारत को कभी कोई जानकारी तक नहीं दी. वैज्ञानिकों ने सरकार को अब नदियों के किनारे वॉटर टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने की सलाह दी है और साथ ही निगरानी सिस्टम को मजबूत करने का सुझाव भी दिया है.
इससे पहले भी वैज्ञानिक इस बारे में अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं लेकिन पिछली सरकारों ने इस ओर ध्यान देना जरुरी ही नहीं समझा, मानो नार्थ ईस्ट भारत का हिस्सा ही ना हो. हाल-फिलहाल में चीन ने दादागिरी दिखाते हुए युद्ध की धमकियां देनी शुरू कर दी हैं.
चीन के ऊंचाई वाले इलाकों से ब्रह्मपुत्र, कोसी, गंडक समेत कई नदियां भारत में आती हैं, मानसून के दौरान बहुत अधिक बारिश हो जाने के कारण इन नदियों में अचानक काफी मात्रा में पानी आ जाता है. इनके आसपास बनी झीलें भी अचानक टूट जाती हैं, जिससे भारत के निचले इलाकों में भयानक बाढ़ आ जाती है. बांध और झील के अचानक टूट जाने से लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिल पाता.
ऐसे में अपने जलस्रोतों को हथियार के रूप में चीन इस्तमाल कर सकता है और भारत इसका जवाब भी नहीं दे पायेगा. मानसून में तेजी आ रही है और ऐसे मौके पर चीन फ्लैश फ्लड को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है और इसका जिम्मेदार मानसून को ठहरा कर साफ़ बच निकल सकता है. बहरहाल मोदी सरकार इस मुद्दे पर सख्त रुख अपना चुकी है और ऐसी स्थितियों का कारगर उपाय सोच रही है.
चीन द्वारा ट्रांसबाउंड्री निगरानी नीति का पालन न किये जाने से केंद्रीय जल आयोग के फ्लड मैनेजमेंट आर्गेनाइजेशन को चीन से बाढ़ और झीलों के संबंध में पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है. हालांकि इसके बावजूद देश पर शासन कर रही कांग्रेस की सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और चीन के खिलाफ कोई एक्शन लेने के बारे में कभी सोचा तक नहीं गया.
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