सिक्किम में भारत-चीन तनाव अभी भी जारी है. दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने हथियारों के साथ तैयार हैं. इसी बीच चीन और जापान के टकराव की भी एक बड़ी खबर सामने आ रही है.
जापान की समुद्री सीमा में घुसे चीनी जहाज
बताया जा रहा है कि जापान और चीन के बीच भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. न्यूज़ एजेंसी एफे न्यूज के मुताबिक़ शनिवार को चीन चीन के तटरक्षक बल के दो जहाज क्यूशू द्वीप के दक्षिण-पश्चिम इलाके के पास जापान के समुद्री इलाके में घुस गए. जापानी अधिकारियों ने बताया कि 15 जुलाई को कोरिया स्ट्रेट में स्थित सूशीमा और ओकिनोशीमा द्वीपों के पास जापान के समुद्री इलाके में चीन के दो जहाज घुस गए थे.
जापान द्वारा चीन पर हमले की फेक न्यूज़ हो रही है वायरल
सोशल मीडिया पर खबर वायरल हो रही है कि जापान ने चीन का लड़ाकू जहाज उड़ा दिया है, जोकि सही खबर नहीं है बल्कि एक फेक न्यूज़ है. दरअसल समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र संघ की संधि के मुताबिक़ जहाजों को अंतर्राष्ट्रीय कानून और स्थानीय नियमों के अनुसार प्रादेशिक समुद्री क्षेत्रों से गुजरने की अनुमति है. ऐसे में कोई भी देश इस तरह से दुसरे के जहाज़ों पर हमला नहीं कर सकता है.
जापान के तटरक्षक बल को भी चीनी जहाज़ों के आने के बारे में पता चलते ही उन्होंने रेडियो की मदद से दोनों चीनी जहाजों को वापस लौट जाने के लिए कहा. जापान के तटरक्षक बल ने इसे चीन का एक गैरकानूनी अतिक्रमण नहीं माना है. हालांकि ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन के जहाजों ने जापान के इस इलाके में प्रवेश किया है.
चीन के जंगी जहाज, तटरक्षक बल के जहाज और मछली पकड़ने वाले जहाज भी अक्सर विवादित सेनकाकू द्वीप में प्रवेश कर जाते हैं. सेनकाकू द्वीप को चीन दियाओयू द्वीप कहता है और इस पर अपना हक़ जताता है. 2012 में जापान ने सेनकाकू द्वीप में वीरान पड़े छोटे छोटे टापूओं का राष्ट्रीयकरण करना शुरु किया था, जिसके बाद इस द्वीप की संप्रभुता को लेकर चीन और जापान के बीच विवाद तेज हो गया था. चीन और जापान दोनों ही देश इस द्वीप पर अपना-अपना सैन्यकरण बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण चीन और जापान के बीच ठनी हुई है.
भारत और जापान ही नहीं बल्कि चीन का अन्य पडोसी देशों के साथ भी सीमा विवाद चलता ही रहता है. चीन के सभी पडोसी उस पर घुसपैठ के आरोप लगाते रहते हैं. बहरहाल भारत सरकार ने डोकलाम इलाके पर अपना सख्त रुख बरकरार रखा है कि भारतीय सेना वहां से तब तक नहीं हटेगी, जब तक चीनी सेना वहां सड़क निर्माण का इरादा छोड़कर पीछे नहीं हट जाती.
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