![फ्री मोबाइल के बाद अब स्टूडेंट्स को फ्री वाई-फाई देने जा रहा है रिलायंस जिओ.../reliance is planning to provide free wifi to students फ्री मोबाइल के बाद अब स्टूडेंट्स को फ्री वाई-फाई देने जा रहा है रिलायंस जिओ.../reliance is planning to provide free wifi to students](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEggPZMlBHrxia-u9Z4U_4QZh8JW5c5WWQGfu2_R-FiyWDu-JkV3RcO5160x3dw2KBfTsMIU9hBCMquw6pQzlwaxr4VZVKiRJBTFcSMAAtsMK4IV0ZROv1CI6zcnNaVt2waWKKgrH3qKLSU/s320/fxmly75sjyii1jm8owav.jpeg)
अब आप ही बताइए। मोबाइल पर ऑनलाइन मूवीज देखना कभी इस देश के अधिकांश युवाओं का सपना हुआ करता था। किसी ने सोचा था कि उसे इतने महीनों तक मुफ्त में इंटरनेट और मुफ्त कॉल करने का मौका मिलेगा। लेकिन रिलायंस Jio ने लाखों युवाओं के इस सपने को सच कर दिखाया है। यह सब पुण्य का ही तो काम है।
बहरहाल अब खबर है कि फ्री 4G मोबाइल के बाद कंपनी की ओर से घाेषणा की गई है कि Jio अब कॉलेजों में फ्री इंटरनेट देने जा रहा है। आलम यह है कि अब तो अंबानी को पुण्य समेटने के लिए घड़ा हटाकर बाल्टी लगाना पड़ेगी।
HRD डिपार्टमेंट के सामने रखा है प्रस्ताव
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार देशभर के तीन करोड़ कॉलेजों को फ्री इंटरनेट देने के लिए रिलायंस Jio ने HRD मंत्रालय के सामने प्रस्ताव रखा है।
38,000 कॉलेजों को देना चाहता है फ्री वाई-फाई
जून में Jio ने HRD को भेजे गए अपने प्रस्ताव में देशभर के करीब 38,000 कॉलेजों (टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल) को फ्री वाई-फाई देने की इच्छा जाहिर की है। इसके लिए कंपनी की फ्री हॉट स्पॉट विकसित करने की योजना है।
यह लाभ होगा
इस फ्री वाई-फाई के जरिये स्टूडेंट्स को फ्री इंटरनेट मिल सकेगा। इसके बूते वो 'स्वयं' पर मौजूद फ्री कोर्सेज जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। रिलायंस की इस योजना के तहत इन यूनिवर्सिटीज को फ्री इंटरनेट दिया जाएगा।
- दिल्ली यूनिवर्सिटी
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
- जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी, साउथ बिहार
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी, जम्मू
जारी होगा टेंडर
पहली बार किसी टेलिकॉम कंपनी ने सरकार को इस तरह का प्रस्ताव भेजा है लेकिन सरकार चाहती है सबको बराबर मौका मिले इसलिए टेंडर जारी किया जाएगा, ताकि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। अधिकारिक तौर पर कंपनी और मंत्रालय के किसी भी व्यक्ति की ओर से बयान नहीं आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह योजना इसी साल शुरू होगी।
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