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Yogi Adityanath

Yogi Adityanath
योगी आदित्यनाथ (मूल नाम : अजय सिंह बिष्ट; जन्म 5 जून 1972) गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त तथा राजनेता हैं एवं में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री हैं। इन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली। वे 1998 से लगातार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और 2014 लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे। आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छबि कथित तौर पर एक कट्टर हिन्दू नेता की रही है।

5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश; देखें: उत्तर प्रदेश का विभाजन) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली राजपूत परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे, तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।

इन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया। इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए  एवं गोरखपुर प्रवास के दौरान ही ये महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए थे जो इनके पड़ोस के गांव के निवासी और परिवार के पुराने परिचित थे। अंततः ये महंत की शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।

12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.
योगी आदित्यनाथ फ़िलहाल गोरखपुर से पांचवी बार सांसद हैं, मगर मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर उनका नाम पिछले साल से ही चर्चा में चल रहा था.

गढवाल में पैदा हुए आदित्यनाथ
उत्तराखंड के गढ़वाल के एक गांव से आए अजय सिंह बिष्ट के योगी आदित्यनाथ बनने के पहले के जीवन के बारे में लोगों को ज़्यादा कुछ नहीं मालूम, सिवा इसके कि वह हेमवतीनंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय, गढ़वाल से विज्ञान स्नातक हैं और उनके परिवार के लोग ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में हैं. महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंंड के ही थे.

गोरखनाथ मंदिर में लोगों की बहुत आस्था है. मकर संक्राति पर हर धर्म और वर्ग के लोग बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने आते हैं. महंत दिग्विजयनाथ ने इस मंदिर को 52 एकड़ में फैलाया था. उन्हीं के समय गोरखनाथ मंदिर हिंदू राजनीति के महत्वपूर्ण केंद्र में बदला, जिसे बाद में महंत अवैद्यनाथ ने और आगे बढ़ाया.

गोरखनाथ मंदिर के महंत की गद्दी का उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवैद्यनाथ ने योगी को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बना दिया. जिस गोरखपुर से महंत अवैद्यनाथ चार बार सांसद रहे, उसी सीट से योगी 1998 में 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा पहुँच गए.

पहला चुनाव वह 26 हज़ार के अंतर से जीते, पर 1999 के चुनाव में जीत-हार का यह अंतर 7,322 तक सिमट गया. मंडल राजनीति के उभार ने उनके सामने गंभीर चुनौती पेश की.

योगी आदित्यनाथ का पूरा बायोडाटा, जन्म से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर
उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अब तक लोग एक सांसद के रूप में जानते थे, लेकिन उन्हें इतना बड़ा पद मिलने के बाद लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं. हम आपके लिए योगी आदित्यनाथ के जीवन के अब तक के सफर की कहानी लेकर आए हैं. आप नीचे जान पाएंगे किस साल अजय सिंह नेगी ने संन्यास अपनाकर योगी आदित्यनाथ बन गए. आप जान पाएंगे कि गणित का तेज तर्रार छात्र के साथ ऐसा क्या हुआ जो वह पहले संन्यासी और फिर राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा. ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए नीचे टाइमलाइन में पढ़ें योगी आदित्यनाथ का पूरा बायोडाटा.
  • 5 जून 1972: उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश था) के पौड़ी जिला स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के राजपूत परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था. 
  • 1977: टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की. स्कूल और कॉलेज सर्टिफिकेट में इनका नाम अजय सिंह नेगी है.
  • 1987: टिहरी के गजा स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की. 
  • 1989: ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.
  • 1990: ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए एबीवीपी से जुड़े.
  • 1992: कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की परीक्षा पास की.
  • 1993: गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आए. यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह/आदित्यनाथ पर पड़ी.
  • 1994: सांसारिक मोहमाया त्यागकर पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद अजय सिंह नेगी का नाम योगी आदित्यानाथ हो गया.
  • 1998: योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और जीत गए. तब उनकी उम्र महज 26 साल थी.
  • 1999: गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए.
  • अप्रैल 2002: योगी ने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी.
  • 2004: तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता.
  • 2007: गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया. गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा. योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए.
  • 7 सितंबर 2008: सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था. इस हमले में वे बाल-बाल बचे थे.
  • 2009: योगी आदित्यनाथ  2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे.
  • 2014: पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद चुने गए.
  • 2015: 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था. इसके बाद यूपी में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा.
  • 2017: विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया. यहां तक कि इन्हें एक हेलीकॉप्टर तक दे दिया गया था.
  • 19 मार्च 2017: उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री का ताज सौंप दिया गया.
  • 20 मार्च 2017: योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

हिंदू युवा वाहिनी
इसके बाद उन्होंने निजी सेना के रूप में हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) का गठन किया, जिसे वह 'सांस्कृतिक संगठन' कहते हैं और जो 'ग्राम रक्षा दल के रूप में हिंदू विरोधी, राष्ट्र विरोधी और माओवादी विरोधी गतिविधियों' को नियंत्रित करता है.

हिंदू युवा वाहिनी के खाते में गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर से लेकर मउ, आज़मगढ़ तक मुसलमानों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के दर्जनों मामले दर्ज हैं.

ख़ुद योगी आदित्यनाथ पर भी हत्या के प्रयास, दंगा करने, सामाजिक सदभाव को नुक़सान पहुंचाने, दो समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने, धर्मस्थल को क्षति पहुंचाने जैसे आरोपों में तीन केस दर्ज हैं.

हिंदू युवा वाहिनी के इन कामों से गोरखपुर में उनकी जीत का अंतर बढ़ने लगा और साल 2014 का चुनाव वह तीन लाख से भी अधिक वोट से जीते.

व्यक्तित्व के विभिन्न आयाम

भगवामय बेदाग जीवन- योगी आदित्यनाथ जी महाराज एक खुली किताब हैं जिसे कोई भी कभी भी पढ़ सकता है। उनका जीवन एक योगी का जीवन है, सन्त का जीवन है। पीड़ित, गरीब, असहाय के प्रति करुणा, किसी के भी प्रति अन्याय एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध तनकर खड़ा हो जाने का निर्भीक मन, विचारधारा एवं सिद्धान्त के प्रति अटल, लाभ-हानि, मान-सम्मान की चिन्ता किये बगैर साहस के साथ किसी भी सीमा तक जाकर धर्म एवं संस्कृति की रक्षा का प्रयास उनकी पहचान है।

पीड़ित मानवता को समर्पित जीवन - वैभवपूर्ण ऐश्वर्य का त्यागकर कंटकाकीर्ण पगडंडियों का मार्ग उन्होंने स्वीकार किया है। उनके जीवन का उद्देश्य है - ‘न त्वं कामये राज्यं, न स्वर्ग ना पुनर्भवम्। कामये दुःखतप्तानां प्राणिनामर्तिनाशनम्।। अर्थात् ‘‘हे प्रभो! मैं लोक जीवन में राजपाट पाने की कामना नहीं करता हूँ। मैं लोकोत्तर जीवन में स्वर्ग और मोक्ष पाने की भी कामना नहीं करता। मैं अपने लिये इन तमाम सुखों के बदले केवल प्राणिमात्र के कष्टों का निवारण ही चाहता हूँ।’’ पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज को निकट से जानने वाला हर कोई यह जानता है कि वे उपर्युक्त अवधारणा को साक्षात् जीते हैं। वरना जहाँ सुबह से शाम तक हजारों सिर उनके चरणों में झुकते हों, जहाँ भौतिक सुख और वैभव के सभी साधन एक इशारे पर उपलब्ध हो जायं, जहाँ मोक्ष प्राप्त करने के सभी साधन एवं साधना उपलब्ध हों, ऐसे जीवन का प्रशस्त मार्ग तजकर मान-सम्मान की चिंता किये बगैर, यदा-कदा अपमान का हलाहल पीते हुए इस कंटकाकीर्ण मार्ग का वे अनुसरण क्यों करते?

भ्रष्टाचार-आतंकवाद-अपराध विरोधी संघर्ष के नायक - योगी जी के भ्रष्टाचार-विरोधी तेवर के हम सभी साक्षी हैं। अस्सी के दशक में गुटीय संघर्ष एवं अपराधियों की शरणगाह होने की गोरखपुर की छवि योगी जी के कारण बदली है। अपराधियों के विरुद्ध आम जनता एवं व्यापारियों के साथ खड़ा होने के कारण आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मनोबल टूटे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में योगी जी के संघर्षों का ही प्रभाव है कि माओवादी-जेहादी आतंकवादी इस क्षेत्र में अपने पॉव नही पसार पाए। नेपाल सीमा पर राष्ट्र विरोधी शक्तियों की प्रतिरोधक शक्ति के रुप में हिन्दु युवा वाहिनी सफल रही है।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा के पुजारी- सेवा के क्षेत्र में शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दिये जाने के गोरक्षपीठ द्वारा जारी अभियान को पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी और सशक्त ढंग से आगे बढ़ाया है। योगी जी के नेतृत्व में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा आज तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाएँ गोरखपुर एवं महाराजगंज जनपद में कुष्ठरोगियों एवं वनटांगियों के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा से लेकर बी0एड0 एवं पालिटेक्निक जैसे रोजगारपरक सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का भगीरथ प्रयास जारी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय ने अमीर-गरीब सभी के लिये एक समान उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी है। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों ने जनता के घर तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुचायी हैं।

सामाजिक समरसता के अग्रदूत- ‘जाति-पाँति पूछे नहिं कोई-हरि को भजै सो हरि का होई’ गोरक्षपीठ का मंत्र रहा है। गोरक्षनाथ ने भारत की जातिवादी-रूढ़िवादिता के विरुद्ध जो उद्घोष किया, उसे इस पीठ ने अनवरत जारी रखा। गोरक्षपीठाधीश्वर परमपूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के पद-चिह्नों पर चलते हुए पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों, जातिवाद, क्षेत्रवाद, नारी-पुरुष, अमीर-गरीब आदि विषमताओं, भेदभाव एवं छुआछूत पर कठोर प्रहार करते हुए, इसके विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखा है। गाँव-गाँव में सहभोज के माध्यम से ‘एक साथ बैठें-एक साथ खाएँं’ मंत्र का उन्होंने उद्घोष किया।

पंचरूखिया कांड
इन घटनाओं की शुरुआत महराजगंज ज़िले में पंचरूखिया कांड से होती है, जिसमें योगी आदित्यनाथ के काफ़िले से चली गोली से सपा नेता तलत अज़ीज़ के सरकारी गनर सत्यप्रकाश यादव की मौत हो गई.

सूबे में कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. मामला सीबीसीआईडी को सौंपा गया और उसने जांच में योगी को क्लीन चिट दे दी, हालांकि वादी तलत अज़ीज़ के डटे रहने से मुक़दमा अभी भी चल रहा है.

इसके बाद कुशीनगर ज़िले में साल 2002 में मोहन मुंडेरा कांड हुआ, जिसमें एक लड़की के साथ कथित बलात्कार की घटना को मुद्दा बनाकर गांव के 47 अल्पसंख्यकों के घर में आग लगा दी गई. ऐसी घटनाओं की एक लंबी फ़ेहरिस्त है लेकिन किसी में योगी के ख़िलाफ़ न तो रिपोर्ट दर्ज हुई, न उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई हुई.

प्रदेश में बसपा, सपा की सरकार रहते हुए भी उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि दोनों दलों के नेता अपने भाषणों में उन पर सांप्रदायिक हिंसा के आरोप लगाते रहे.

हिंदू युवा वाहिनी की हरकतों के कारण पूर्वांचल में हालात खराब होते गए. योगी और हियुवा नेता खुलेआम हिंसा की धमकी देते. मामूली घटनाओं को सांप्रदायिक हिंसा में बदल दिया जाता.

एक बार तो नेशनल हाइवे पर ट्रक से कुचलकर गाएं मर गईं, तो इसे आईएसआई की साज़िश बताते हुए तीन दिन की बंदी का ऐलान कर दिया गया. साल 2002 में गुजरात की घटनाओं पर हिंदू युवा वाहिनी ने गोरखपुर बंद कराया था और टाउनहाल में सभा की.

सभा में 'एक विकेट के बदले दस विकेट गिराने' और 'हिंदुओं से अपने घरों पर केसरिया झंडा लगा लेने की बात कही गई ताकि पहचान हो सके कि किन घरों पर हमला करना है.'

उनके समर्थक नारे लगाते घूमते 'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना है.' गोरखपुर के बाहर दूसरे जगहों पर यह नारा 'पूर्वांचल में रहना है तो योगी-योगी कहना है' हो जाता. बाद में तो यह नारा यूपी में रहना है तो योगी-योगी कहना है, में तब्दील हो गया.

जनवरी 2007 में एक युवक की हत्या के बाद हियुवा कार्यकर्ताओं द्वारा सैयद मुराद अली शाह की मज़ार में आग लगाने की घटना के बाद हालात बिगड़ गए और प्रशासन को कर्फ़्यू लगाना पड़ा. रोक के बावजूद योगी द्वारा सभा करने और उत्तेजक भाषण देने के कारण उन्हें 28 जनवरी 2007 को गिरफ़्तार कर लिया गया.

उनको गिरफ़्तार करने वाले डीएम और एसपी को दो दिन बाद ही मुलायम सरकार ने सस्पेंड कर दिया. योगी की गिरफ़्तारी के बाद कई ज़िलों में हिंसा, तोड़फोड़, आगज़नी की घटनाएं हुईं, जिनमें दो लोगों की मौत हो गई. पहली बार पुलिस ने हिंदू युवा वाहिनी पर थोड़ी सख़्ती की, जिसका बयान करते हुए वह लोकसभा में रो पड़े थे.

साल 2007 में गिरफ़्तारी ने उनकी और हियुवा की उग्रता में थोड़ी कमी ला दी और अब वह हर घटना में मौक़े पर पहुँचने और अपने हिसाब से न्याय करने की ज़िद नहीं करते. हालांकि आज भी वह अपने प्रिय विषयों लव जिहाद, घर वापसी, इस्लामिक आतंकवाद, माओवाद पर हिंदू सम्मेलनों का आयोजन कर गरजते रहते हैं.

विकास के पथ पर अनवरत गतिशील - योगी आदित्यनाथ जी महाराज के व्यक्तित्व में सन्त और जननेता के गुणों का अद्भुत समन्वय है। ऐसा व्यक्तित्व विरला ही होता है। यही कारण है कि एक तरफ जहॉ वे धर्म-संस्कृति के रक्षक के रूप में दिखते हैं तो दूसरी तरफ वे जनसमस्याओं के समाधान हेतु अनवरत संघर्ष करते रहते है; सड़क, बिजली, पानी, खेती आवास, दवाई और पढ़ाई आदि की समस्याओं से प्रतिदिन जुझती जनता के दर्द को सड़क से संसद तक योगी जी संघर्षमय स्वर प्रदान करते रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केन्द्र और प्रदेश में विपक्षी पार्टियों की सरकार होने के बावजूद गोरखपुर विकास के पथ पर अनवरत गतिमान है।


सुस्त अधिकारियों पर योगी सरकार का हंटर, उम्र से पहले मिलेगा रिटायरमेंट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुस्त कर्मचारियों और अधिकारियों को उम्र से पहले रिटायर करने का ऐलान किया है. सरकार ने 50 साल की उम्र में ही सुस्त अधिकारियों को रिटायरमेंट देने का फैसला किया है.

अधिकारियों के रिटायरमेंट को लेकर योगी सरकार भी केंद्र सरकार की राह पर है. सरकार ने फैसला किया है कि जो सरकारी कर्मचारी और अधिकारी काम में सुस्त हैं, उन्हें अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जाएगा. इसके लिए कार्मिक विभाग ने बाकायदा शासनादेश जारी कर दिया है.

शहीद के घर पहुंचे योगी, प्रशासन ने पहले से मंगा रखे थे सोफा-कूलर
श्रीनगर में शहीद SI के घर पहुंचे CM योगी, प्रशासन ने पहले से सोफा-कूलर मंगा रखे थे.  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को गोरखपुर दौरे पर हैं. सीएम योगी कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर साहब शुक्ला के घर पहुंचे और परिवारवालों से मिलकर संवेदना जताई. योगी ने परिवार को 6 लाख का चेक भी सौंपा. हालांकि, सीएम के दौरे को लेकर प्रसासन की तैयारियों पर फिर विवाद उठ खड़ा हुआ.

परम पूज्य महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज
जब सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश जेहाद, धर्मान्तरण, नक्सली व माओवादी हिंसा, भ्रष्टाचार तथा अपराध की अराजकता में जकड़ा था उसी समय नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के पावन परिसर में शिव गोरक्ष महायोगी गोरखनाथ जी के अनुग्रह स्वरूप माघ शुक्ल 5 संवत् 2050 तदनुसार 15 फरवरी सन् 1994 की शुभ तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ जी का दीक्षाभिषेक सम्पन्न किया।

योगीजी का जन्म देवाधिदेव भगवान् महादेव की उपत्यका में स्थित देव-भूमि उत्तराखण्ड में 5 जून सन् 1972 को हुआ। शिव अंश की उपस्थिति ने छात्ररूपी योगी जी को शिक्षा के साथ-साथ सनातन हिन्दू धर्म की विकृतियों एवं उस पर हो रहे प्रहार से व्यथित कर दिया। प्रारब्ध की प्राप्ति से प्रेरित होकर आपने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ग्रहण कर लिया। आपने विज्ञान वर्ग से स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की तथा छात्र जीवन में विभिन्न राष्ट्रवादी आन्दोलनों से जुड़े रहे।

आपने संन्यासियों के प्रचलित मिथक को तोड़ा। धर्मस्थल में बैठकर आराध्य की उपासना करने के स्थान पर आराध्य के द्वारा प्रतिस्थापित सत्य एवं उनकी सन्तानों के उत्थान हेतु एक योगी की भाँति गाँव-गाँव और गली-गली निकल पड़े। सत्य के आग्रह पर देखते ही देखते शिव के उपासक की सेना चलती रही और शिव भक्तों की एक लम्बी कतार आपके साथ जुड़ती चली गयी। इस अभियान ने एक आन्दोलन का स्वरूप ग्रहण किया और हिन्दू पुनर्जागरण का इतिहास सृजित हुआ।

अपनी पीठ की परम्परा के अनुसार आपने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत और अस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया। वृहद् हिन्दू समाज को संगठित कर राष्ट्रवादी शक्ति के माध्यम से हजारों मतान्तरित हिन्दुओं की ससम्मान घर वापसी का कार्य किया। गोरक्षा के लिए आम जनमानस को जागरूक करके गोवंशों का संरक्षण एवं सम्वर्धन करवाया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सक्रिय समाज विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने में आपने सफलता प्राप्त की। आपके हिन्दू पुनर्जागरण अभियान से प्रभावित होकर गाँव, देहात, शहर एवं अट्टालिकाओं में बैठे युवाओं ने इस अभियान में स्वयं को पूर्णतया समर्पित कर दिया। बहुआयामी प्रतिभा के धनी योगी जी, धर्म के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में रत हो गये।

अपने पूज्य गुरुदेव के आदेश एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता की मांग पर आपने वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा और मात्र 26 वर्ष की आयु में भारतीय संसद के सबसे युवा सांसद बने। जनता के बीच दैनिक उपस्थिति, संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले लगभग 1500 ग्रामसभाओं में प्रतिवर्ष भ्रमण तथा हिन्दुत्व और विकास के कार्यक्रमों के कारण गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने आपको वर्ष 1999, 2004 और 2009 के चुनाव में निरन्तर बढ़ते हुए मतों के अन्तर से विजयी बनाकर चार बार लोकसभा का सदस्य बनाया।

संसद में सक्रिय उपस्थिति एवं संसदीय कार्य में रुचि लेने के कारण आपको केन्द्र सरकार ने खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग और वितरण मंत्रालय, चीनी और खाद्य तेल वितरण, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, सड़क परिवहन, पोत, नागरिक विमानन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालयों के स्थायी समिति के सदस्य तथा गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालय की समितियों में सदस्य के रूप में समय-समय पर नामित किया।

व्यवहार कुशलता, दृढ़ता और कर्मठता से उपजी आपकी प्रबन्धन शैली शोध का विषय है। इसी अलौकिक प्रबन्धकीय शैली के कारण आप लगभग 36 शैक्षणिक एवं चिकित्सकीय संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, प्रबन्धक या संयुक्त सचिव हैं।

हिन्दुत्व के प्रति अगाध प्रेम तथा मन, वचन और कर्म से हिन्दुत्व के प्रहरी योगीजी को विश्व हिन्दु महासंघ जैसी हिन्दुओं की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ने अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा भारत इकाई के अध्यक्ष का महत्त्वपूर्ण दायित्व दिया, जिसका सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए आपने वर्ष 1997, 2003, 2006 में गोरखपुर में और 2008 में तुलसीपुर (बलरामपुर) में विश्व हिन्दु महासंघ के अन्तर्राष्ट्रीय अधिवेशन को सम्पन्न कराया। सम्प्रति आपके प्रभामण्डल से सम्पूर्ण विश्व परिचित हुआ। 

आपकी बहुमुखी प्रतिभा का एक आयाम लेखक का है। अपने दैनिक वृत्त पर विज्ञप्ति लिखने जैसे श्रमसाध्य कार्य के साथ-साथ आप समय-समय पर अपने विचार को स्तम्भ के रूप में समाचार-पत्रों में भेजते रहते हैं। अत्यल्प अवधि में ही ‘यौगिक षटकर्म’, ‘हठयोग: स्वरूप एवं साधना’, ‘राजयोग: स्वरूप एवं साधना’ तथा ‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल’ नामक पुस्तकें लिखीं। श्री गोरखनाथ मन्दिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के आप प्रधान सम्पादक हैं तथा ‘हिन्दवी’ साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक रहे। आपका कुशल नेतृत्व युगान्तकारी है और एक नया इतिहास रच रहा है। 

बात कम, काम ज्यादा
अचानक हजरतगंज थाने पहुंच गए। उनके साथ प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद भी उनके साथ मौजूद रहे। सीएम ने थाने में कामकाज का जायजा लिया। योगी को देख पुलिसकर्मी हैरान रह गए, क्योंकि किसी को भी उनके आने की सूचना नहीं थी। उन्होंने वहां पर रजिस्टर देखा और पूरे थाने का मुआयना किया।

अपने अफसरों के साथ मीटिंग की बात हो या दफ्तरों का जायजा, योगी सभी जगह मौजूद हैं. सीएम ने सभी अफसरों को समय पर दफ्तर आने को कहा और सचिवालय में पान-गुटखा खाने पर रोक लगा दी. इन फैसलों के कारण योगी आदित्यनाथ चारों तरफ तारीफ की जा रही है.

क्यों नहीं हो रही है कैबिनेट मीटिंग
कैबिनेट मीटिंग ना होने का सबसे बड़ा कारण किसान कर्ज को माफ करने का वादा बताया जा रहा है. बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि यूपी की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में किसानों की कर्ज माफी का फैसला ले लिया जाएगा. लेकिन करीब 10 दिन बाद भी सरकार की कोई आधिकारिक कैबिनेट बैठक नहीं हुई है. अगर योगी सरकार किसानों का कर्ज माफ करती है तो सरकार के खजाने पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये तक का बोझ आ सकता है.

योगी सरकार के अब तक के 50 बड़े फैसले 
19 मार्च को शपथ लेने के बाद योगी सरकार ने करीब 50 बड़े फैसले लिये हैं. इनमें कई फैसलों की तारीफ हुई तो वहीं बूचड़खानों और एंटी रोमियो दस्ता जैसे फैसलों को गलत भी बताया गया है. पढ़ें अभी तक योगी सरकार ने कौन-से 50 फैसले लिये.

1- गौ तस्करी पर पूर्ण प्रतिबन्ध
2- अवैध बूचडख़ानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश 
3- राजनेताओं को दी गयी सुरक्षा की समीक्षा
4- अधिकारी-मंत्री अपनी संपत्ति और खातों की जानकारी 15 दिन में दें 
5- कर्मचारी, अधिकारी और मंत्री समय से अपने विभाग में पहुंचे 
6- अधिकारी अपनी योजनाओं को भाजपा के घोषणा पत्र के अनुरूप करें
7- नवरात्रि और राम नवमी के उपलक्ष्य में 24 घंटे बिजली दी जाये
8- मंदिरों में पूजा-अर्चना के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा का ख्याल रखा जाये 
9- अयोध्या में राम नवमी के मौके पर आधारभूत सुविधाओं को मुहैया कराया जाये 
10- अधिकारी सूबे के गांवों में 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की योजना बनायें
11- सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर सही समय पर अस्पताल पहुंचे 
12- 3000 नई मेडिकल शॉप्स खुलवाई जाएंगी, जहां सस्ती दरों पर दवाई उपलब्ध कराई जाएगी
13- स्वास्थ्य विभाग को ऐप बनाने को कहा गया है
14- आगरा, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, झांसी में मेट्रो के लिए जल्द डीपीआर तैयार किया जाये
15- सरकार किसानों का शत-प्रतिशत अनाज खरीदेगी
16- अनाज के क्रय के लिए सरकार छत्तीसगढ़ का मॉडल अपनाएगी
17- सभी शुगर मिल्स गन्ना खरीद के 14 दिनों के भीतर उसका भुगतान सुनिश्चित करें
18- सभी सहकारी समितियों को फिर से कार्य करने योग्य बनाया जायेगा 
19- अच्छी छवि वालों को सरकारी ठेकों में प्रमुखता से जगह दी जाएगी 
20- सूखा-बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सम्बंधित नुकसान को संभालने के लिए अधिकारी ध्यान दें
21- आवास-विकास विभाग अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत काम करेगा
22- शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापक गुरु-शिष्य की परंपरा को मजबूती दें
23- अध्यापक स्कूल में टी-शर्ट न पहनें 
24- साथ ही सभी अध्यापक स्कूल में बेवजह मोबाइल फोन के इस्तेमाल से बचें
25- सभी गांवों में सड़कों का जाल बिछायेंगे. 
26- ट्रांसफार्मर के फुंकने के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचकर अपनी देख-रेख में बदलवाएं
27- सभी मंत्री अपने विभागों की प्रेजेंटेशन 27, 28 और 29 मार्च को देंगे 
28- मंत्री हर हफ्ते अपने विभागों की फाइलों की सूची बनायें
29- कोई भी मंत्री अपने विभागों से सम्बंधित फाइलों को घर नहीं ले जा सकता है
30- सरकारी दफ्तरों के कमरों में सीसीटीवी कैमरा लगाये जाएं
31- बायो मेट्रिक मशीनों से सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी
32- नागरिक घोषणा पत्र के जरिये लोगों की समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाया जाए
33- सरकारी फाइलों का निस्तारण जल्द हो 
34- सभी सरकारी दफ्तरों में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाये
35- सरकारी दफ्तरों में पॉलिथीन के प्रयोग पर रोक 
36- दफ्तरों में पान-गुटखा आदि पर बैन 
37- साइबर क्राइम अपराधों की रोकथाम के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया जाये 
38- सूबे में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या को बढ़ाया जाये
39- जेलों में सुविधाओं को बढ़ाया जाये
40- सभी पुलिस थानों में एक महिला और पुरुष पुलिस रिसेप्शन में मौजूद हो
41- फरियादियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की जाये
42- यूपी पुलिस आम जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें
43- किसी भी शिकायत की तत्काल प्रभाव से प्राथमिकी दर्ज हो.
44- सहमति से एक साथ बैठे युवक-युवतियों को पुलिस परेशान न करें 
45- किशोरियों से छेड़छाड़ के मामले के लिए पूरी तरह से अधिकारी जिम्मेदार होंगे 
46- एंटी-रोमियो स्क्वाड का गठन 
47- प्रदेश की सभी सड़कों के गड्ढों को 15 जून तक ठीक किया जायेगा
48- कैलाश मानसरोवर के लिए राज्य सरकार ने अनुदान की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी है
49- मरीज स्वास्थ्य विभाग के एप पर अपनी समस्याओं को दर्ज करा सकेंगे
50- स्कूलों में अध्यापकों की शत-प्रतिशत हाजिरी होनी चाहिये

योगी आदित्यनाथ का विवादित जीवन :
राजनीत में की कीचड़ में कुछ एक नेताओं को छोड़ दें तो शायद ही कोई ऐसा नेता हो जिसका जीवन विवादित न रहा हो. योगी आदित्यनाथ का राजनेतिक जीवन हमेशा से विवाद में बना रहा.
  • राजनीत में की कीचड़ में कुछ एक नेताओं को छोड़ दें तो शायद ही कोई ऐसा नेता हो जिसका जीवन विवादित न रहा हो. योगी आदित्यनाथ का राजनेतिक जीवन हमेशा से विवाद में बना रहा.
  • सन 2005 में योगी आदित्यनाथ पर ईसाईयों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा था. जिसमे उत्तर प्रदेश के एटा में 1800 इसाई लोगों ने धर्म परिवर्तन कर हिन्दू धर्म अपनाया था.
  • 2015 में भी सूर्य नमस्कार को लेकर योगी आदित्यनाथ का बयान विवादों में रहा था जिसमे उन्होंने सूर्य नमस्कार का विरोध करने वाले लोगो को कहा था कि जो लोग सूर्य नमस्कार नहीं करते उन्हें भारत में रहने का कोई हक़ नहीं है. उन्होंने कहा था की उनकी उन लोगों से गुजारिश है, जो लोग सूर्य में भी हिन्दू-मुस्लिम देखते हैं ऐसे लोगों को चुल्लूभर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए.
  • लव जिहाद की बात पर योगी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वो अपने समर्थकों से कहते सुनाई दे रहे थे कि हमने फैसला किया है कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाएंगे।
  • दादरी कांड पर आजम खान द्वारा यूएन जाने की बात पर योगी ने उन्हें तुरंत बर्खास्त करने को कहा था योगी ने कहा था कि अखलाख पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उनकी गतिविधियां बदल गई थीं. क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है. अखलाक को उसके घर में ही भीड़ ने घुसकर मार डाला था।
  • मस्जिद में गौरी-गणेश की मूर्ति: फरवरी 2015 में विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में योगी ने कहा कि अगर उन्हें अनुमति मिले तो वो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे।
  • योग के ऊपर भी विवादित बयान देते हुए योगी आदित्‍यनाथ ने कहा था कि जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं उन्‍हें भारत छोड़ देना चाहिए उन्होंने ने यहां तक कहा कि लोग सूर्य नमस्‍कार को नहीं मानते उन्‍हें समुद्र में डूब जाना चाहिए।
  • विधानसभा चुनाव के दौरान राम मंदिर पर बयान देते हुए योगी ने कहा था कि राम मंदिर जरूर बनेगा और किसी में दम नहीं है कि वहां पर राम मंदिर बनने से रोक सके।
  • मुस्लिमों से बढ़ती जनसंख्या
  • सितंबर 2015 में आदित्यनाथ ने कहा था कि मुस्लिमों के बीच ‘उच्च’ प्रजनन दर से जनसंख्या असंतुलन हो सकता है. मुस्लिमों में अपेक्षाकृत उच्च प्रजनन दर से जनसंख्या का गंभीर अंसतुलन पैदा होगा।
  • अनुपम खेर हैं ‘विलेन’ : बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने अभिनेता अनुपम खेर को असल जिंदगी का खलनायक बताया था।खेर ने एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ और साध्वी प्राची को जेल में डालने और पार्टी से बाहर करने की बात कही थी।
  • जेएनयू प्रकरण पर योगी आदित्यनाथ ने कन्हैया पर कहा था कि जेएनयू सहित देश के किसी भी शिक्षण संस्था से किसी भी जिन्ना को पैदा नहीं होने दिया जाएगा योगी ने कहा कि जिन्ना को पैदा होने से पहले ही दफन कर दिया जाएगा।
  • नवंबर 2015 में योगी आदित्यनाथ ने शाहरुख की तुलना हाफिज सईद से करते हुए कहा था कि हाफिज सईद की भाषा और शाहरुख की भाषा में कोई अंतर नहीं है. योगी आदित्यनाथ यहीं नहीं रुके उन्होनें कहा कि देश में माहौल खराब करने के लिए एक साजिश रची जा रही है जिसमें शाहरुख खान भी शामिल हो गए हैं।आदित्यनाथ ने शाहरुख को हाफिज के न्योते पर बोलते हुए कहा कि शाहरुख को पाकिस्तान चले जाना चाहिए।उन्होंने ये भी कहा कि अगर देश में बहुसंख्यक समाज ने शाहरुख खान की फिल्म का बहिष्कार कर दिया तो वो सड़क पर आ जाएंगे।
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Satish Kumar

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