8 अक्टूबर रविवार को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा। करवा चौथ का व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। करवा चौथ में चांद का विशेष महत्व होता है। शादी शुदा महिलाएं इस दिन शाम को चांद के दर्शन करने के बाद जल देकर उनका पूजन करती हैं फिर अपना व्रत तोड़ती हैं।
इस दिन चांद के निकलने का व्रत महिलाएं बेसब्री से इंतजार करती हैं। ज्योतिष के अनुसार इस बार करवा चौथ का चांद शाम को 8 बजकर 10 मिनट पर निकलेगा वहीं कुछ दूसरे पंडितो के अनुसार चांद के दीदार 8 बजकर 40 मिनट पर होने की संभावना है।
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में रखा जाता है। चतुर्थी तिथि का प्रारंभ आठ अक्तूबर को शाम 4.58 मिनट पर होगा। इस तिथि का समापन नौ अक्तूबर को मध्याह्न 2.16 मिनट पर होगा। इस बार चंद्रोदय 8 अक्तूबर को रात्रि 8.10 मिनट पर हो रहा है। करवा चौथ पर पूजा का मुहूर्त शाम 5.54 मिनट से शाम 7.10 मिनट तक शुभ रहेगा।
रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर इस व्रत का समापन किया जाता है। चतुर्थी के देवता भगवान गणेश हैं। इस व्रत में गणेश जी के आलावा शिव-पार्वती, कार्तिकेय और चंद्रमा की भी पूजा की जाती है।
करवा चौथ व्रत में सरगी खाने के महत्व होता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं सुबह सूरज निकलने से पहले मिठाई, हलवा और ड्राई फ्रूटस खाती है। इसके बाद पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को चांद के दर्शन करने के बाद अपने पति के हाथो से जल ग्रहण करने के बाद व्रत तोड़ती हैं।
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