जो हनीप्रीत 38 दिन तक पुलिस को चकमा देती रही, भगाती रही। उसे अचानक पकड़ लिया गया, वो भी सिर्फ 15 मिनट में। आखिर कैसे हुआ ये सब, जानिए सच?
मंगलवार को हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद खुलासों का सिलसिला शुरू हो गया है। हनीप्रीत ने तीन बार लोकेशन बदली। हनीप्रीत बीते तीन दिन से चंडीगढ़ की पेरीफेरी में पंचकूला, मोहाली, बलटाना और यहां तक कि चंडीगढ़ में मौजूद थी। बठिंडा में कई दिन रुकने के बाद उसने यहां का रुख किया था। बीते सोमवार वह कसौली जाने की तैयारी में थी, लेकिन बीच रास्ते में से ही गुप्त संदेश मिलने पर वापस लौटी और किसी गुरुद्वारे में रुकी।
हरियाणा पुलिस के एक डीजीपी व पंजाब के एडीजीपी हनीप्रीत की लोकेशन लगातार ट्रेस कर रहे थे और दोनों ने आपस में संपर्क बनाया हुआ था। गुरुद्वारे से निकलने के बाद हनीप्रीत ने मंगलवार को पहली लोकेशन शूटर अभिनव बिंद्रा के फॉर्म हाउस के पास बदली। यहां सीसीटीवी कैमरों में हनीप्रीत कैद हो गई। पुलिस को पहले से इनपुट था, इसलिए उसने सीसीटीवी कैमरे सर्विलांस पर रखे हुए थे।
इसके बाद दो बार और हनीप्रीत ने लोकेशन बदली व सीसीटीवी में कैद होती गई। इस पर पंजाब के एडीजीपी ने हरियाणा के एक एडीजीपी को इसकी जानकारी दी। वह पहले से इस पर नजर बनाए हुए थे। उन्होंने जानकारी मिलते ही एसीपी मुकेश मल्होत्रा को अलर्ट किया और हनीप्रीत जीरकपुर से दो किलोमीटर दूर पटियाला रोड पर गिरफ्त में ले ली गई। पूरी प्लानिंग के तहत यह सब किया गया।
हनीप्रीत को गिरफ्तार करते ही पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक, देर रात साढ़े 3 बजे तक पुलिस हनीप्रीत से सवाल पूछती रही। हनीप्रीत से एसआईटी, पुलिस आयुक्त पंचकूला एएस चावला, आईजी ममता सिंह सहित अनेक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने चंडीमंदिर थाने में हनीप्रीत से पूछताछ की। देर रात ही उसका मेडिकल कराया गया। वहीं रात भर हनीप्रीत रोती रही, न खाया न पिया।
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38 दिन तक लुकाछिपी का खेल खेलने के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ी हनीप्रीत की आज पंचकूला कोर्ट में पेशी हुई, जहां से उसे 6 दिन के रिमांड पर भेजा गया है। जबकि पुलिस ने हनीप्रीत का 14 दिन का रिमांड मांगा था।
पुलिस ने दलील दी कि 25 अगस्त को हनीप्रीत के पास मोबाइल था। फरारी के दौरान भी वो मोबाइल साथ रहा। उस मोबाइल को बरामद करने के लिए रिमांड चाहिए। वहीं हनीप्रीत के वकील एस के गर्ग नरवाना ने दलील पर बहस करते हुए कहा कि हनीप्रीत पर राजद्रोह का केस भी नहीं बनता।
वकील ने रिमांड का भी विरोध किया और खुलकर बहस की। वकील ने कहा कि हनीप्रीत एक महिला है और उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं है। फिर दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जज ने हनीप्रीत को रिमांड पर भेज दिया। पेशी के दौरान हनीप्रीत के दिल्ली वाले वकील प्रदीप आर्य भी मौजूद रहे। हनीप्रीत की बहन भी मौजूद थीं।
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