आप जिस चीज का उपयोग कर रहे हैं उसके बारे में बहुत ज्यादा न सही पर थोड़ी बहुत जानकारी होनी जरूरी है। यदि कार चला रहे हैं तो कार के पार्ट्स और उसका उपयोग। वहीं मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं तो मोबाइल के पार्ट्स और उसका उपयोग। मैं यह नहीं कह रहा कि आाप मोबाइल को खुद ही खोल दें और ठीक कर लें बल्कि यहां इस चीज का जिक्र करने का आशय यह है कि थोड़ी बहुत परेशानी हो तो उसे आप खुद से निबटा दें न कि हरेक चीज के लिए सर्विस सेंटर के भरोसे रहें। आगे मैं जो जानकारी देने जा रहा हूं वह भी बेहद जरूरी है।
जैसा कि आप जानते हैं जब आप किसी भी रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग करते हैं तो उसमे कई प्रकार के वेरियेशन मिलते हैं। कभी वह बहुत अच्छा कार्य करता है, कभी गर्म होता है तो कभी जल्दी चार्ज नहीं होता। हर बैटरी के साथ अलग तरह की परेशानी देखने को मिलती है। परंतु एक बात हो सब पर लागू होती है वो यह कि पहले दिन जैसे ही आप उसका उपयोग करना शुरू करते हैं वह वैसे ही अपनी क्षमता खोना शुरू कर देती है। जितना उपयोग करेंगे वह उतना कमजोर होता जाता है। क्षमता खोने की यह दर बैटरी की प्रकार पर निर्भर करता है लेकिन खोता जरूर है। बैटरी जब कमजोर हो जाती है तो चार्ज करने पर थोड़े समय में ही 100 फीसदी दिखाती है तो कभी थोड़े समय में ही बैटरी खत्म हो जाती है। यह वास्तिविक स्थिति नहीं बताती।
ऐसे में बैटरी कैलिब्रेशन एक ऐसा माध्यम से है जिससे कि आप बैटरी परफॉर्मेंस को पहले की तरह नए जैसा पा सकते हैं। या यूं कहें कि एंडरॉयड स्मार्टफोन में बैटरी को रिफ्रेश करने का यह तरीका है जिससे कि यह अपना पुराना परफॉर्मेंस पा सके। कैलिब्रेशन के बाद आपको चार्जिंग की सही जानकारी मिलेगी भी मिलेगी।
कैसे करें अपने फोन की बैटरी को कैलिब्रेट
एंडरॉयड स्मार्टफोन की बैटरी को कैलिब्रेट करने के लिए आपको अलग से किसी सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं है और नहीं इसे खोलना है। इसके लिए सबसे पहले
1. आपको अपने फोन को पूरी तरह से आॅफ होने देना है। खुद से आॅफ करना नहीं है बल्कि बैटरी 0 फीसदी हो कर जब बंद हो जाए तब तक उपयोग करना है।
2. इसके बाद इसे फिर से आॅन करना है। डिस्चार्ज होने के बाद भी थोड़ी पावर रिजर्व रहती है इसलिए फिर से उसे आॅन करें और खुद से आॅफ होने दें।
3. अब आपको फोन बैटरी को 100 फीसदी तक चार्ज करना है और इस दौरान याद रहे कि चार्जर हटना नहीं चाहिए।
4. एक बार जब पूरी तरह से फोन चार्ज हो जाए तो उसे आॅन करें और फिर से चार्ज करें।
5. जब 100 फीसदी दिखा दे तो आॅफ कर आॅन करना है और फिर एक चार्ज करना है। रीस्टार्ट की प्रक्रिया को दो तीन बार करनी है। यही होता है कैलिब्रेशन। अब आप अपने फोन का उपयोग कर सकते हैं।
कब करें बैटरी कैलिब्रेशन
ध्यान रहे कि लीथियम आयन बैटरी यदि बार—बार डिस्चार्ज हो तो उससे परफॉर्मेंस पर भी फर्क पड़ता है बार-बार उसे डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए। बैटरी कैलिब्रेशन यदि आप 40-50 दिनों में करते हैं तो बेहतर है
आज मोबाइल में सबसे ज्यादा लोग बैटरी से परेशान होते हैं। परंतु एक ऐसा सेक्शन है जिसे काफी हद तक आप खुद ही ठीक कर सकते हैं। आपका फोन नया हो या पुराना जब आप उसे लगातार 40-50 बार चार्ज कर लेते हैं तो आपको महसूस होता होगा कि इसके परफॉर्मेंस में कहीं न कहीं समस्या हो रही है। जिस तरह का बैटरी बैकअप देता था वैसा नहीं रहा। पंरतु आपको बता दूं कि इस समस्या को आप चुटकियों में निपटा सकते हैं। बस एक बार आपको बैटरी को कैलिब्रेट करना है। इसके बाद फिर से वही परफॉर्मेंस मिलेगा।क्या है बैटरी कैलिब्रेशन
जैसा कि आप जानते हैं जब आप किसी भी रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग करते हैं तो उसमे कई प्रकार के वेरियेशन मिलते हैं। कभी वह बहुत अच्छा कार्य करता है, कभी गर्म होता है तो कभी जल्दी चार्ज नहीं होता। हर बैटरी के साथ अलग तरह की परेशानी देखने को मिलती है। परंतु एक बात हो सब पर लागू होती है वो यह कि पहले दिन जैसे ही आप उसका उपयोग करना शुरू करते हैं वह वैसे ही अपनी क्षमता खोना शुरू कर देती है। जितना उपयोग करेंगे वह उतना कमजोर होता जाता है। क्षमता खोने की यह दर बैटरी की प्रकार पर निर्भर करता है लेकिन खोता जरूर है। बैटरी जब कमजोर हो जाती है तो चार्ज करने पर थोड़े समय में ही 100 फीसदी दिखाती है तो कभी थोड़े समय में ही बैटरी खत्म हो जाती है। यह वास्तिविक स्थिति नहीं बताती।
ऐसे में बैटरी कैलिब्रेशन एक ऐसा माध्यम से है जिससे कि आप बैटरी परफॉर्मेंस को पहले की तरह नए जैसा पा सकते हैं। या यूं कहें कि एंडरॉयड स्मार्टफोन में बैटरी को रिफ्रेश करने का यह तरीका है जिससे कि यह अपना पुराना परफॉर्मेंस पा सके। कैलिब्रेशन के बाद आपको चार्जिंग की सही जानकारी मिलेगी भी मिलेगी।
कैसे करें अपने फोन की बैटरी को कैलिब्रेट
एंडरॉयड स्मार्टफोन की बैटरी को कैलिब्रेट करने के लिए आपको अलग से किसी सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं है और नहीं इसे खोलना है। इसके लिए सबसे पहले
1. आपको अपने फोन को पूरी तरह से आॅफ होने देना है। खुद से आॅफ करना नहीं है बल्कि बैटरी 0 फीसदी हो कर जब बंद हो जाए तब तक उपयोग करना है।
2. इसके बाद इसे फिर से आॅन करना है। डिस्चार्ज होने के बाद भी थोड़ी पावर रिजर्व रहती है इसलिए फिर से उसे आॅन करें और खुद से आॅफ होने दें।
3. अब आपको फोन बैटरी को 100 फीसदी तक चार्ज करना है और इस दौरान याद रहे कि चार्जर हटना नहीं चाहिए।
4. एक बार जब पूरी तरह से फोन चार्ज हो जाए तो उसे आॅन करें और फिर से चार्ज करें।
5. जब 100 फीसदी दिखा दे तो आॅफ कर आॅन करना है और फिर एक चार्ज करना है। रीस्टार्ट की प्रक्रिया को दो तीन बार करनी है। यही होता है कैलिब्रेशन। अब आप अपने फोन का उपयोग कर सकते हैं।
कब करें बैटरी कैलिब्रेशन
ध्यान रहे कि लीथियम आयन बैटरी यदि बार—बार डिस्चार्ज हो तो उससे परफॉर्मेंस पर भी फर्क पड़ता है बार-बार उसे डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए। बैटरी कैलिब्रेशन यदि आप 40-50 दिनों में करते हैं तो बेहतर है
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