श्रीनगर : एक तरफ भारतीय सेना को मोदी सरकार ने ऑपरेशन कासो चलने की खुली छूट दे दी है. आपको बता दें 18 साल बाद किसी सरकार ने इतने बड़े ऑपरेशन की इजाज़त दी है. इस ऑपरेशन का मतलब है “ढूंढो और ख़त्म करो”. वही दूसरी तरफ सेना ने 250 टॉप के आतंकवादियों की हिट लिस्ट बना रखी. तो वहीँ अब बेहद चौंकाने वाला फैसला ले लिया है जिससे आतंकवादियों की रूह तक काँप उठेगी.
जम्मू कश्मीर से अब आतंकियों का मिट जायेगा नामोनिशान
आपको बता दें ऑपरेशन कासो में ही 4000 से ज़्यादा जवान चप्पे चप्पे पर आतंकियों को ढूंढ रहे हैं. सिर्फ जून तक ही 100 से ऊपर आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा जा चुका है. ऐसे में अब आतंकियों का नामोनिशान मिटाने के लिए सेना ने नौसेना के साथ हाथ मिलकर सबसे खास और खतरनाक मरीन कमांडो “मार्कोस” को बुला लिया है. ये इतने खतरनाक कमांडो होते हैं कि इनका नाम सुनकर ही आतंकवादियों कि रूह कांपने लगते हैं. भारत के मरीन कमांडो दुनिया के बेहतरीन कमांडो दस्ते में से गिने जाते हैं.
खात्मे के लिए आ गए ‘मार्कोस’
आपको बता दें ये वही मार्कोस मरीन कमांडो हैं जिन्हे मुंबई हमले के दौरान ताज होटल पर हुए आतंकी हमले में मदद करते हुए आगे बढ़कर आतंकियों को मारा गिराया था. इन कमांडो को बेहद कड़ी ट्रेनिंग से होकर गुजरना होता है. मार्कोस जल, थल और वायु सभी जगह ऑपरेशन को अंजाम देने में महारत हासिल रखते हैं. यह कमांडो यूनिट दुश्मन को बिना भनक लगे उनको ख़त्म करने में माहिर होती है. इनके पास हाइटेक वैपंस के साथ कई अन्य खतरनाक उपकरण भी होते हैं.
इन्हें बेहद मुश्किल मिशन जैसे समुद्री लुटेरों को खत्म करने में लगाया जाता है. यही वजह है कि सेना का साथ देने के लिए अब मार्कोस का इस्तेमाल करने का मन बना लिया है. आतंकियों की धर-पकड़ और उन्हें खत्म करने में अब इनका सहयोग लिया जाएगा. लिहाजा अब आतंकियों का खात्मा होने से कोई नहीं बचा सकता.
आतंकवादी भी इनका नाम सुन कर खाते हैं खौफ’
कुछ वक़्त पहले सेना से बचने के लिए कुछ आतंकवादी झेलम नदी में जा छुपे थे. जिसके बाद आतंकियों के खिलाफ चलाए गए अपने हालिया ‘ढूंढ़ो और खत्म करो’ (सर्च एंड डिस्ट्रॉय) अभियान के दौरान सेना ने विशेष मरीन कमांडो दस्ते मार्कोस ने मदद करी थी.
यही नहीं आतकियों में भी मार्कोस की तैनाती को लेकर काफी खौफ है. साल 1995 में भी मार्कोस को वुलर लेक के 250 कि. मि तक के इलाके को आतंकवादियों का सफाया कर दिया था. मार्कोस को दुनिया की बेहतरीन यूएस नेवी सील्स की तर्ज पर विकसित किया जाता है. इनका चेहरा हर वक्त ढका रहता है. इन्हे -40 डिग्री के जमा देने वाले तापमान पर भी अपने आपको हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहते हैं. निश्चित ही अब आतंकवादियों का सफाया घाटी से हो ही जाएगा.
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