🌷 *गुरुसत्संग*🌷
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गुरुसत्संग शब्द : तुम बिन सतगुरू हम दुखी है,कोई नही सहारा - Tum Bin Sataguroo Ham Dukhee Hai, Koee Nahee Sahaara : GuruSatsang Shabd |
तुम बिन सतगुरू हम दुखी है,कोई नही सहारा ।
देवो अपनी दात गुरू उतरै भव जल पारा ।।टेक।।
1. जैसे मीन दुखी बिन नीर रे
नीर है जीवन सारा ।
छीर बिना शिश दुखी रे,
बिन मात दुख भारा ।।
2. जैसे पपीया दुखी बिन स्वाती रे
ओर नीर नही भारा ।
बिन चाँद के चकोर दुखी रे
छाया जीवन मे अंधीयारा।।
3.जैसे निर्धन दुखी बिन धन रे
करै गरीबी मे गुजारा
बिन पुत या बांझ दुखी रे
नही दुख मिटावण हारा ।।
4. साहेब कंवर सतगुरू पूरा रे
जोङा नाम से नाता
बिन दर्शन दास लीलू
बहुत धणा दुख पा रा
🌷 *GuruSatsang*🌷
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