नई दिल्ली : पिछले काफी वक़्त से कश्मीर जल रहा था, अलगाववादी, आतंकवादी और पत्थरबाजों ने घाटी में तांडव मचाया हुआ था. लेकिन पीएम मोदी के सख्त रुख अपनाने के बाद कश्मीर से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही, जिसने कांग्रेस को हिला कर रख दिया है.
पत्थरबाजी की घटनाओं में भारी कमी
गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सरकार व् सेना के सख्त रुख के बाद अलग-अलग घटनाओं में इस साल हुई पत्थरबाजी की घटनाओं में भारी कमी आयी है. कश्मीरी पथ्थरबाज लाइन पर आते दिख रहे हैं. इस साल 9 जुलाई तक कश्मीर में पत्थरबाजी की कुल 664 घटनाएं हुई हैं. सुरक्षाबलों से हुई इनकी मुठभेड़ में 21 पत्थरबाज मारे जा चुके हैं और 107 पत्थरबाज घायल हुए हैं.
बता दें कि पिछले साल 2808 पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थीं. इनमे भी सबसे ज्यादा घटनाएं बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद लगातार तीन महीनों में हुईं थी, जिसमें हजारों की संख्या में जवान घायल हुए थे लेकिन इस साल सरकार की सख्ती के कारण इन घटनाओं में भारी कमी आयी है.
सेना ने रौंद्र रूप धारण करते हुए 17 जुलाई तक लगभग 110 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया है. जानकारी के मुताबिक़ आने वाले दिनों में जे आंकड़ा 200 के पार जाने वाला है. आतंकियों की घुसपैठ करवाने वाले पाकिस्तान की फ़ौज को भी मुँह तोड़ जवाब दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक़ आज भी सेना ने कश्मीर में 3 आतंकियों को ढेर करते हुए 6 अन्य आतंकियों को घेरा हुआ है. जल्द ही उनके जहन्नुम जाने की खबर भी आने वाली है.
पहली बार कश्मीर में आरएसएस की मीटिंग
ये पीएम मोदी का ही कमाल है कि जिस कश्मीर में भारत का तिरंगा तक जला दिया जाता था, जिस कश्मीर से पंडितों का नर-संहार करके उन्हें भगा दिया गया था. वहीँ आजादी के बाद पहली बार आरएसएस मीटिंग करने जा रही है. 1925 में बना संघ पहली बार कश्मीर में ऐसी मीटिंग कर पा रहा है.
मीटिंग में भाग लेने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत व् अन्य नेता शनिवार को ही जम्मू पहुंच चुके हैं. इस मीटिंग में खासतौर पर कश्मीर से जुड़े मामलों पर चर्चा की जायेगी. तीन दिन चलने वाली अखिल भारतीय प्रचारक की इस मीटिंग के जरिये संघ आतंकियों और अलगाववादियों को सन्देश दे रहा है कि उनका वक़्त अब ख़त्म होने को है.
इस मीटिंग मे देशभर के लगभग 195 प्रचारक भाग लेंगे. संघ से जुडी कई अन्य संस्थाओं के सदस्य भी इसमें भाग लेंगे. इस मीटिंग में घाटी में बढ़ते आतंकवाद, पत्थरबाजी, सुरक्षाबलों पर हमले और राज्य में पीडीपी-बीजेपी सरकार जैसे मामलों पर विचार किया जाएगा. साथ ही कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने पर भी विचार किया जाएगा.
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