🌷 *गुरुसत्संग*🌷
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गुरुसत्संग :: सब सिमरण पे तो बैठते है - Sab Simaran Pe to Baithate Hai :: GuruSatsang |
कोई दस मिनट कोई बीस मिनट और कोई घंटा दौ घण्टा पर शब्द धुन को हम समय देना जरुरी नही समझते पर पार लगाने वाली शक्ति शब्द धुन ही है मन को काबू करने वाली ताकत शब्द में ही है संतो की वाणी में शब्द धुन की महिमा कुछ इस तरह मिलती है-
" धुन सुन कर मन समझाई ।
कोटि यत्न से ये नही माने।।"
तू बैठ अकेला ध्यान धर
तो मिले निशानी शब्द की।
बिन शब्द उपाय न दूजा
काया का छुट्टे न कुजा।।
हम वासी उस देश के,
जहां ज़ात वर्ण कुल नाही।।
शब्द मिलावा होये रहे।
देह मिलावा नाही।।
आँख कान मुख बंद कराओ
अनहद झींगा शब्द सुनाओ
सुनता नही धुन की खबर
अनहद का बाजा बाजता।
शब्द शब्द की रेख कटाई।
शब्द शब्द में जाये मिलाई।।
सिमरण से भी जरुरी शब्द धुन का अभ्यास है.
🌷 *GuruSatsang*🌷
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