🌷 *गुरुसत्संग स्वामी जी*🌷
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गुरुसत्संग शब्द : स्वामी को क्यों सूरत भूली - Svaamee ko Kyon Soorat Bhoolee : GuruSatsang Shabd |
स्वामी को क्यों सूरत भूली ।।टेर।।
नश्वर सामानों को पाकर । क्यों मन में फूली ।।
यह सब है माया की जूँठन । मिले ज्ञान धूली (1)
अनन्त काल से मर मण्डल में । भटकत तूँ डोली ।।
बाने बने और नश जावे। अब पकड़ो मूली (2)
स्वामी सब का है करतारा । केर उनसे मेली ।।
सतगुरू उनके हैं अवतारा । लाते शब्द थैली (3)
तूँ सूरत अब उन सँग लगजा । धो डाले मैली ।।
जन्म जन्म के दाग छुटेंगे । नहीं रक्खें फैली (4)
चेतनता संग्रह करवा कर । देंगे शब्द झूली ।।
राधास्वामी शब्द को पाकर । भर जावे झोली (5)
🌷 *GuruSatsang*🌷
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