![कैलाश पर्वत पर छुपा है ये सबसे बड़ा रहस्य ,जब पहली बार कैमरा मैन ने वहा पहुँच बताई पूरी सच्चाई…kalash mansarovar lake story कैलाश पर्वत पर छुपा है ये सबसे बड़ा रहस्य ,जब पहली बार कैमरा मैन ने वहा पहुँच बताई पूरी सच्चाई…kalash mansarovar lake story](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg35RPBgt0hj-UgqsT8eCaya6AH3qSCGrKBj9N_AIAj83e-DAVfK0JYDc9ZRpJUDY4ZUToSDyKR9r8ajI_JtX1bPc3BT43TbPAucw6Nzg337k37i2HhDMc7qBcoHpphFLSF6GdKxDCpZ0U/s400/31-1.jpg)
इस प्रदेश की यात्रा व्यास, भीम, कृष्ण, दत्तात्रेय आदि ने की थी। इनके अतिरिक्त अन्य अनेक ऋषि मुनियों के यहाँ निवास करने का उल्लेख प्राप्त होता है। कुछ लोगों का कहना है कि आदि शंकराचार्य ने इसी के आसपास कहीं अपना शरीर त्याग किया था।कैलाश पर्वत और मानसरोवर को धरती का केंद्र माना जाता है। यह हिमालय के केंद्र में स्थित है। मानसरोवर वह पवित्र जगह है, जिसे शिव भगवान का धाम माना जाता है। ऐसा माना जाता है मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव साक्षात वास माना जाता है।
चारों और महान नदियों से कैलाश पर्वत घिरा हुआ है सिंध, ब्रह्मपुत्र, सतलज और कर्णाली या घाघरा तथा दो सरोवर इसके आधार हैं पहला मानसरोवर जो दुनिया की शुद्ध पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका आकर सूर्य के सामान है तथा राक्षस झील जो दुनिया की खारे पानी की उच्चतम झीलों में से एक है और जिसका आकार चन्द्र के सामान है। अब इसी कैलाश मानसरोवर को लेकर एक चौंकानें वाली खबर आ रही है जब कौलाश कैलाश पर्वत पर पहली बार पहुंचा कैमरा, सामने आया था एक सच ….
भगवान शिव के कैलाश पर्वत की कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहीं हैं। वीडियो में कहा जा रहा है कि महादेव और पार्वती कैलाश पर घूम रहे हैं।इसी फोटो में यह दावा किया जा रहा है कि गूगल अर्थ से कैलाश पर्वत को देखने पर भगवान शिव की परछाई नज़र आ रही है। इन फोटोज को फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर कई बार शेयर किया जा चुका है।
2015 ये सभी फोटोज में एक यूट्यूब यूजर ने अपलोड की थी। लेकिन कुछ समय से ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं। इन फोटोज को में कैलाश पर्वत पर दिखने वाली परछाई को अलग-अलग एंगल से दिखाया गया है, जिसमें भगवान शिव के चेहरे की आकृति बनती दिख रही है। यूट्यूब पर इसे जहां 11 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है, वहीं फेसबुक पर 2 हजार से ज्यादा बार लोग शेयर और लाइक कर चुके हैं।
तिब्बति बोनपाओं अनुसार कैलाश में जो नौमंजिला स्वस्तिक देखते हैं व डेमचौक और दोरजे फांगमो का निवास है। बौद्ध भगवान बुद्ध तथा मणिद्मा का निवास मानते हैं।तिब्बतियों की मान्यता है कि वहां के एक संत कवि ने वर्षों गुफा में रहकर तपस्या की थीं।
कैलाश पर स्थित बुद्ध भगवान के अलौकिक रूप ‘डेमचौक’ बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए पूजनीय है। वह बुद्ध के इस रूप को ‘धर्मपाल’ की संज्ञा भी देते हैं। बौद्ध धर्मावलंबियों का मानना है कि इस स्थान पर आकर उन्हें निर्वाण की प्राप्ति होती है।
जैनियों की मान्यता है कि आदिनाथ ऋषभदेव का यह निर्वाण स्थल ‘अष्टपद’ है। कहते हैं ऋषभदेव ने आठ पग में कैलाश की यात्रा की थी।
फोटो की सच्चाई क्या है …
हम आपको बता दें कि इस तरह की आकृति बादलों के शेड और पहाड़ों के आकार-प्रकार के कारण बन जाया करती हैं। कभी-कभी आसमान में घुमड़ रहे बादलों में भी कुछ आकृतियां दिखाई देती हैं। अक्सर लोग इन फोटोज को संबंधित शेड का ज़िक्र करते हुए सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं। धार्मिक शेड वाले पोस्ट अक्सर वायरल हो जाया करते हैं।
हिन्दू धर्म के की मान्यता अनुसार है कि कैलाश पर्वत मेरू पर्वत है जो ब्राह्मंड की धूरी है और यह भगवान शंकर का प्रमुख निवास स्थान है। यहां देवी सती के शरीर का दांया हाथ गिरा था। इसलिए यहां एक पाषाण शिला को उसका रूप मानकर पूजा जाता है। यहां शक्तिपीठ है।
Post a Comment